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राजपथ-जनपथ : आर का आर से कनेक्शन?
26-Sep-2025 6:54 PM
राजपथ-जनपथ : आर का आर से कनेक्शन?

आर का आर से कनेक्शन?

शहर के नामी बिल्डर रहेजा के यहां शुक्रवार को ईडी ने दबिश दी, तो कारोबारी जगत में काफी हलचल देखी जा रही है। रहेजा ग्रुप का नाम पहले किसी बड़े विवाद में नहीं सुना गया, फिर अचानक ईडी की कार्रवाई पर काफी बातें हो रही है। प्रारंभिक रूप से यह बात छनकर आ रही है, कि रहेजा के ठिकानों पर छापा शराब, और कोयला घोटाले से जुड़ा है। हालांकि अभी तक ईडी ने अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा है। सुनते हैं कि रहेजा के संचालकों का कांग्रेस के प्रदेश कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के परिवार से कारोबारी रिश्ते हैं। रामगोपाल पर ईडी ने कोयला, और कस्टम मिलिंग घोटाले में प्रकरण दर्ज कर रखा है। उनके यहां छामेपारी भी हुई थी, लेकिन उनसे अब तक जांच एजेंसी पूछताछ नहीं कर पाई है। राम गोपाल फरार हैं। मगर घोटाले की राशि के निवेश को लेकर जांच एजेंसी साक्ष्य जुटा रही है।

चर्चा यह भी है कि रहेजा का नवा रायपुर में रामगोपाल अग्रवाल के परिवार की फर्म के साथ मिलकर निवेश किया है। और रहेजा ग्रुप में छापे को रामगोपाल अग्रवाल के कथित निवेश से जोडक़र देखा जा रहा है। छापे में यहां क्या कुछ मिला है, यह तो साफ नहीं हो पाया है। ईडी एक-दो दिनों में छापे पर अधिकृत रूप से बयान जारी कर सकती है। देखना है आगे क्या होता है।

मंत्रालय के बाहर

आईएएस के 94 बैच के अफसर विकास शील के सीएस का दायित्व संभालने के साथ ही बड़े प्रशासनिक फेरबदल के आसार हैं। विकास शील से दो सीनियर अफसर रेणु पिल्ले, और सुब्रत साहू की पोस्टिंग ही मंत्रालय से बाहर हो सकती है। रेणु पिल्ले तो वैसे भी माध्यमिक शिक्षा मंडल, और व्यापमं चेयरमैन के प्रभार पर हैं। इसके अलावा एसीएस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का भी पद है। वो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रभार से मुक्त हो सकती हैं।

आईएएस के 92 बैच के अफसर सुब्रत साहू एसीएस सहकारिता, धर्मस्व, और चेयरमैन प्रशासन अकादमी के प्रभार पर हैं। साहू, सहकारिता और धर्मस्व के प्रभार से मुक्त हो सकते हैं। इससे परे राजनांदगांव कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे केन्द्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। उनकी पोस्टिंग ज्वाइंट सेक्रेटरी टेक्सटाइल्स के पद पर हो गई है। उन्हें एक दो दिनों में रिलीज किया जा सकता है। राजनांदगांव के अलावा कुछ और जिलों के कलेक्टर को बदला जा सकता है। संचालनालय स्तर पर भी फेरबदल के आसार हैं। देखना है आगे क्या कुछ होता है।

गोलगप्पे के लिए धरना..

 

एक महिला पानी पूरी खाने गई, लेकिन उसे 20 रुपये में 6 की बजाय 4 पानीपूरी परोसी गईं। पांच रुपये में एक पानी पूरी। घोर अन्याय ! उसने विरोध किया, सडक़ पर बैठ गई और फूट-फूट कर रोने लगी। क्या हुआ? पुलिस का इमरजेंसी पेट्रोलिंग स्टाफ पहुंचा और दुकानदार को फटकार लगाते हुए महिला को दो पानी पुरी और दिलवाए। धरना समाप्त हुआ। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल है। मगर सीरियस नहीं हैं। मुद्दा गोलगप्पे का होने की वजह से कुछ लोग मजाक उड़ा रहे हैं। मगर, गोलगप्पे ही क्यों न हों- रोजमर्रा की चीजें महंगी होती जाए, तो क्या विरोध जायज नहीं है? वह भी तब जब हम जीएसटी घट जाने के कारण इस समय बचत उत्सव मना रहे हों। मामला वड़ोदरा, गुजरात का है।


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