राजनीति
नई दिल्ली, 1 मार्च। दिल्ली के राजेंद्र नगर के विधायक राघव चड्ढा की उपस्थिति में सोमवार को मिस इंडिया दिल्ली-2019 मानसी सहगल आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं. मनसी सहगल इंजीनियर, टेडएक्स स्पीकर और एक उद्यमी हैं. उनका अपना एक स्टार्टअप है. मिस इंडिया दिल्ली प्रतियोगिता में दिए गए अपने परिचय में उन्होंने खुद को परोपकारी और अंग दान में अपनी गहरी रुचि के बारे में बताया था. इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि "मुझे खुशी है कि आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल युवाओं में राजनीति से जुड़ने और लोगों की सेवा करने का विश्वास जगाते हैं. 'आप' परिवार दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. मैं मानसी का आप परिवार में स्वागत करता हूं."
आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर मानसी सहगल ने कहा कि ''मैं समाज के लिए बहुत कम उम्र से कुछ अच्छा करना चाहती थी. किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा दो मुख्य आधार हैं और मैंने पिछले कुछ वर्षों में सीएम केजरीवाल के नेतृत्व में इन क्षेत्रों में जबरदस्त बदलाव देखा है.''
मानसी सहगल ने कहा कि ''सीएम अरविंद केजरीवाल के शासन और विधायक राघव चड्ढा की मेहनत से प्रेरित होकर मैंने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का फैसला किया और मुझे लगता है कि स्वच्छ राजनीति के माध्यम से हम दुनिया में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि ''मैं युवाओं और विशेष रूप से हमारी महिलाओं से आग्रह करूंगी कि वे हमारे साथ शामिल हों और राजनीति को बदलें.''
राघव चड्ढा ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के जन शासन मॉडल से प्रेरित होकर मेरे नारायणा क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित लोग आज आप परिवार में शामिल हुए, जिसमें मिस इंडिया दिल्ली 2019 मानसी सहगल भी शामिल थीं. (khabar.ndtv.com)
नई दिल्ली, 27 फरवरी। केरल में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का एलान हो गया है. चुनावों की तारीख सामने के बाद तमाम पार्टियां राज्य में सत्ता हासिल करने की कोशिशों में लग गई हैं. इस बीच एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर राज्य के वोटरों की नब्ज़ टटोलने की कोशिश की है. ओपिनियन पोल में ये जानने का प्रयास किया गया है कि क्या मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन एक बार फिर अपनी अगुवाई में एलडीएफ को सत्ता पर काबिज़ कराने में कामयाब होते हैं या केरल की जनता कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को मौका देती है.
किसे कितने फीसदी वोट ?
एबीपी न्यूज़ सी-वोटर के ओपिनियन पोल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को 40 फीसदी वोट मिलता नज़र आ रहा है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के खाते में 33 फीसदी वोट जा रहा है. जबकि बीजेपी को 13 फीसदी और अन्य को 15 फीसदी वोट मिलने की संभावना है.
किसे कितनी सीटें ?
सीटों के लिहाज़ से देखें तो ओपिनियन पोल कहता है कि एलडीएफ के खाते में इस बार 83-91 सीटें जा सकती हैं और यूडीएफ को 47-55 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. जबकि बीजेपी को महज़ 0-2 सीटें ही मिलती दिख रही हैं. अन्य को भी 0-2 सीटें ही मिलती नज़र आ रही हैं.
सीएम पद की पहली पसंद कौन?
ओपनियिन पोल में ये भी सवाल किया गया कि राज्य में लोग सीएम के तौर पर सबसे ज्यादा किसे पसंद करते हैं. इस सवाल पर 38.5 फीसदी लोगों ने सीएम के तौर पर पिनराई विजयन को अपनी पहली पसंद करार दिया. जबकि 27 फीसदी लोगों ने कांग्रेस के ओमान चांडी को अपनी पहली पसंद बताया.
पिछले चुनाव में कैसे थे नतीजे?
केरल की 140 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान होना है. चुनावी नतीजें 2 मई को आएंगे. इस वक्त केरल में सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है. पिनाराई विजयन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. साल 2016 के चुनाव में एलडीएफ को 91 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 47 सीटें हासिल की थी. यहां बहुमत के लिए 71 सीटें चाहिए.
कैसे हुआ सर्वे?
5 राज्यों में चुनाव का एलान हो चुका है. abp न्यूज के लिए सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया है. इस ओपिनियन पोल में सभी पांच राज्यों की 824 विधानसभा सीटों पर 70 हजार 608 लोगों से बात की गई है. 21 फरवरी तक का ये सर्वे पिछले 6 हफ्तों में किया गया है. इस सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस पांच फीसदी तक का है. (abplive.com)
पिछले चुनावों के आंकड़े बता रहे तृणमूल के पक्ष में रही है वहां परिस्थितियां
तृणमूल से भाजपा में शामिल हुए कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा- 50 हजार से नहीं हराया तो राजनीति से लूंगा संन्यास
बिकास के शर्मा
कोलकाता, 25 फ़रवरी। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पूर्व ममता बनर्जी बनर्जी के द्वारा दक्षिण बंगाल के नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा ने एक बार फिर आंदोलन की भूमि नंदीग्राम को राजनीति के केंद्र में ला खड़ा किया है। भूमि आंदोलन के कारण वर्ष 2009 में नंदीग्राम पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना और अब इसी सीट से विधायक रहे शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद तृणमूल सुप्रीमो सुश्री बनर्जी को यहाँ से चुनाव में 50 हजार वोटों से पराजित करने की चुनौती प्रस्तुत की है। श्री अधिकारी के चैलेंज को मुख्यमंत्री सुश्री बनर्जी ने स्वीकार भी कर लिया है, जिससे चुनावी माहौल और भी गर्म हो गया है। पूरे पश्चिम बंगाल विशेषकर दक्षिण बंगाल के जिलों पूर्व मेदनीपुर, पश्चिम मेदनीपुर, आसनसोल, पुरुलिया एवं बांकुड़ा में लोगों एवं राजनीतिक पंडितों की निगाहें नंदीग्राम सीट पर गड़ी हैं।
पूर्व मेदिनीपुर जिले में स्थित नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र लोकसभा चुनाव में तमलुक संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आता है और वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी एवं शुभेंदु के भाई दिब्येंदु अधिकारी ने भाजपा के सिद्धार्थ नस्कर को दो लाख मतों के अंतर से पराजित किया था। नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र भौगोलिक रूप से तीन हिस्सों में बंटा है। दो ग्रामीण ब्लॉक इलाका तथा एक शहरी इलाका है।
नंदीग्राम क्षेत्र की 96.65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण तथा 3.35 फीसदी शहरी है। वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव के आंकड़ों के अनुसार कुल मतदाताओं की संख्या 2,46,434 थी और विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति की आबादी 16.46 फीसदी तथा अनुसूचित जनजाति की आबादी मात्र 0.1 फीसदी है। नंदीग्राम प्रखंड एक में अल्पसंंख्यक 34 फीसदी, नंदीग्राम प्रखंड दो में अल्पसंख्यक 12.1 फीसदी तथा शहरी इलाकों में अल्पसंख्यक 40 फीसदी हैं। साथ ही प्रत्येक चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में रहते हैं और मतदान भी अच्छा होता है। पिछले संसदीय चुनाव में 84.18 फीसदी मतदान हुआ वहीँ वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में 86.97 फीसदी मतदान हुआ था।
दो दशक से दक्षिण बंगाल में पत्रकारिता कर रहे डॉ प्रदीप सुमन की मानें तो अल्पसंख्यकों की भूमिका का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में जब सीपीआई तथा तृणमूल कांग्रेस ने अल्पसंख्यक प्रत्याशी उतारे थे तो सीपीआई को मात्र 3.4 फीसदी मतों के अंतर से जीत मिली थी। डॉ सुमन ने आगे बताया कि वर्ष 2011 में जब तृणमूल ने अल्पसंख्यक और सीपीआई ने सामान्य प्रत्याशी मैदान में उतारा तो तृणमूल की जीत का अंतर बढ़ कर 26 फीसदी हो गया। इसी तरह वर्ष 2016 में खुद शुभेंदु तृणमूल के प्रत्याशी बनने से जीत के अंतर में उन्होंने 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी और की, यही कारण है कि शुभेंदु वहां से ममता जैसी नेत्री को चुनौती दे पा रहे हैं।
संसदीय आम चुनाव 2019 में विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल ने भाजपा को 68 हजार मतों के अंतर से हराया था। भाजपा के मतों में 30 फीसदी की बढ़त हुई थी। वृद्धि तृणमूल से न होकर सीपीएम के खाते से 25.79 फीसदी तथा कांग्रेस के खाते से 1.09 फीसदी हुई थी। यानी 27 फीसदी मत वाम और कांग्रेस के खाते से शिफ्ट हुए थे।
तृणमूल नेता सह कैबिनेट मंत्री मलय घटक ने कहा कि पिछले चुनाव की स्थिति एवं ममता बनर्जी द्वारा राज्य में किये गए विकास कार्यों के आधार पर नंदीग्राम पार्टी के लिए काफी सुरक्षित सीट है। यह पूछे जाने पर कि खुद शुभेंदु के चुनाव लड़ने से कोई फर्क तृणमूल को पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि पिछली विधानसभा चुनाव में 80 हजार मतों की बढ़त शुभेंदु की निजी बढ़त न होकर ममता दीदी एवं तृणमूल के नाम पर मिली थी, इसलिए चाहे शुभेंदु खड़े हों या फिर खुद अमित शाह, ममता बनर्जी जैसी जन प्रिय नेत्री को उससे रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ेगा।
गौरतलब हो कि नंदीग्राम विधानसभा सीट वर्ष 1952 में हुए पहले आम चुनाव से ही अस्तित्व में रही है। साल 1952, 1957 तथा 1962 के विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम नॉर्थ तथा नंदीग्राम साउथ विधानसभा क्षेत्र में पृथक रूप से चुनाव हुए, किन्तु 1967 के बाद नंदीग्राम में एक ही विधानसभा सीट बनी।
तीन दशकों के चुनावों का अध्ययन करने से पता चलता है कि साल 1991 में सीपीआई के शक्ति प्रसाद पाल ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की। वर्ष 1996 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवी शंकर पांडा ने सीपीआई के निवर्त्तमान विधायक श्री पाल को हरा कर नई इबारत लिखी। वर्ष 2001 में सीपीआई ने शेख इलियास मोहम्मद को प्रत्याशी बनाया और तृणमूल प्रत्याशी को हरा कर जीत दर्ज की। वर्ष 2006 के भी चुनाव में निवर्त्तमान विधायक शेख इलियास मोहम्मद ने अपनी जीत दुहराई। नंदीग्राम आंदोलन के दौरान रिश्वत लेने के आरोप में जनवरी 2009 में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। वर्ष 2009 में उपचुनाव में तृणमूल की फिरोजा बीबी ने सीपीआई के परमानंद भारती को हराया। वर्ष 2011 में भी यही स्थिति बरकरार रही। वर्ष 2016 में शुभेंदु अधिकारी तृणमूल प्रत्याशी बने तथा 81 हजार मतों से चुनाव जीते। साल 2009 के उपचुनाव में तृणमूल ने 40 हजार, वर्ष 2011 में तृणमूल ने 40 हजार तथा वर्ष 2016 में तृणमूल ने 80 हजार मतों के अंतर से इस सीट पर जीत दर्ज की।
(मूलतः पश्चिम बंगाल के निवासी लेखक युवा पत्रकार हैं और आईसीएफजे के फेलो रहे हैं)
पटना, 22 फरवरी| लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को सोमवार को एक और झटका लगा, जब विधान परिषद में लोजपा की एकमात्र सदय नूतन सिंह भाजपा में शामिल हो गईं।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक समारोह में नूतन सिंह और पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी उदय प्रताप सिंह भाजपा में शामिल हुए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने दोनों को भाजपा की सदस्यता दिलाई।
नूतन सिंह के पति और बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू भी इस मौके पर मौजूद रहे। नूतन सिंह दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की भाभी हैं।
इस मौके पर नूतन सिंह ने कहा कि मेरे पति भाजपा में हैं, इस कारण मैंने लोजपा को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, जिससे हम दोनों मिलकर साथ काम कर सकें।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कई नेता लोजपा को छोड़कर अन्य दलों में शमिल हो चुके हैं। पिछले चुनाव में लोजपा केवल एक सीट जीत सकी थी। पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद चौरसिया भी पिछले सप्ताह लोजपा से इस्तीफा दे दिया था। लोजपा के कई नेता कुछ दिन पूर्व ही जदयू में शामिल हो चुके हैं। (आईएएनएस)
अगरतला, 20 फ़रवरी : नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के मुद्दे पर मतभेद के बाद दो साल पहले कांग्रेस से अलग हुए त्रिपुरा के शाही शख्स प्रद्योत माणिक्य देब बर्मन ने अब राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल एक दल के साथ नया गठबंधन बनाया है. यह तब हुआ है जब त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के चुनाव होने वाले हैं.
देब बर्मन ने पूर्वोत्तर राज्य में आदिवासी परिषद चुनावों से पहले बीजेपी के सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ मिलकर त्रिपुरा इंडीजीनस पीपुल्स रीजनल अलायंस बनाया है. TTAADC के चुनाव मूल रूप से पिछले साल 17 मई को निर्धारित किए गए थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उसे रोक दिया गया था.
अब प्रद्योत माणिक्य देब बर्मन की अगुवाई में ये गठबंधन TTAADC चुनाव लड़े जाएंगे. शुक्रवार को 42 वर्षीय प्रद्योत ने आधिकारिक तौर पर ऐलान किया कि टिपरलैंड राज्य पार्टी और आईपीएफटी का विलय त्रिपुरा इंडीजीनस पीपुल्स रीजनल अलायंस में हुआ है.
राज्य की सतातरूढ़ पार्टी बीजेपी को तब और झटका लगा जब राज्य की लगभग सभी आदिवासी राजनीतिक पार्टियां TIPRA के साथ आने का फैसला किया. हालांकि, IPFT ने अभी तक राज्य की बिप्लब देब सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लिया है, जहां उनके दो मंत्री हैं.
प्रद्योत माणिक्य देब बर्मन, जो पहले कांग्रेस के त्रिपुरा प्रदेश अध्यक्ष थे, ने 2019 में पार्टी छोड़ दी थी. उनकी प्रमुख मांग त्रिपुरा में स्वदेशी आदिवासी समुदायों के लिए एक अलग राज्य "ग्रेटर टिपरलैंड" के लिए रही है. आईपीएफटी ने भी 2009 के बाद से अलग राज्य की मांग करके राजनीतिक प्रसिद्धि प्राप्त की है. (khabar.ndtv.com)
जयपुर. किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस द्वारा किसान महापंचायतों का दौर जारी है. सचिन पायलट खेमे द्वारा लगातार जगह-जगह किसान महापंचायतों के आयोजन के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है. अब 19 फरवरी को कोटखावदा में बड़ी किसान महापंचायत रखी गई है. चाकसू विधायक और कांग्रेस के प्रदेश महासचिव वेद सोलंकी द्वारा इस किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट शामिल होंगे.
सोलंकी ने आज प्रेसवार्ता कर बताया कि हजारों की संख्या में किसान इस महापंचायत में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के आह्वान के तहत इस किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है जिसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत अन्य नेताओं को भी निमंत्रण दिया गया है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर बैठे किसानों के समर्थन में यह किसान महापंचायत की जा रही है.
गौरतलब है कि वेद सोलंकी सचिन पायलट खेमे के विधायक हैं. महापंचायत में सचिन पायलट खेमे के कई विधायक शामिल होंगे. राहुल गांधी के राजस्थान दौरे के बाद कांग्रेस की यह पहली किसान महापंचायत होगी. इससे पहले सचिन पायलट खेमे द्वारा दौसा और भरतपुर में किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा चुका है. राहुल गांधी की सभा के दौरान हुए दो वाकये भी इन दिनों चर्चा में हैं. पहला वाकया खाट टूटने का है जो चर्चा में बना हुआ है साथ ही सचिन पायलट समेत अन्य नेताओं को ट्रैक्टर रैली के दौरान मंच से उतारने का भी मामला सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है. सचिन पायलट खेमे का मानना है कि इन घटनाओं का उन्हें फायदा मिलेगा और किसान उनके साथ ज्यादा संख्या में जुड़ेंगे. (news18.com)
नई दिल्ली, 9 फ़रवरी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई एस शर्मिला अपनी नई क्षेत्रीय पार्टी का जल्द ऐलान कर सकती हैं। वाईएसआरसी के एक वरिष्ठ नेता ने इस बात की पुष्टि की है कि वाई एस शर्मिला ने मंगलवार को अपने 30-35 भरोसेमंद लोगों के साथ अपने आवास पर एक बैठक बुलाई है। यह बैठक हैदराबाद के लोटस पॉन्ड में स्थित उनके आवास पर बुलाई गई है और इसमें नई पार्टी की रूपरेखा को लेकर चर्चा होगी।
The Yuvajana Sramika Rythu Congress Party के नेता का कहना है कि वाई एस शर्मिला नई पार्टी के गठन को लेकर दिलचस्पी ले रही है। हो सकता है कि इस बैठक में वो इस पर अपनी राय रखें। हमें उम्मीद है कि बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि क्या वो एक नई पार्टी बनाना चाहती हैं या फिर उनकी रणनीति कुछ और है।
सोमवार से सोशल मीडिया पर वाई एस शर्मिला का एक पोस्टर भी काफी वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में शर्मिला के अलावा उनके पिता स्वर्गीय वाई एस राजशेखर रेड्डी भी नजर आ रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि यह पोस्टर उनके आवास पर भी लगाए जाएंगे। इस पोस्टर पर स्लोगन भी लिखे गये हैं। इसमें लिखा हुआ है कि वाईएसआर के कल्याणकारी कार्य सिर्फ शर्मिला के साथ ही संभव हैं। इसमें शर्मिला की मां विजयलक्ष्मी की तस्वीर भी नजर आ रही है।
इस पोस्टर के वायरल होने के बाद यह कहा जा रहा है कि शर्मिला तेलंगाना में अपनी नई पार्टी को लॉन्च करने पर काम कर रही है। हालांकि अभी इसे लेकर आंध्र प्रदेश की सीएम की बहन की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया है।
बहरहाल इस मुद्दे पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री K Chandrasekhar Rao ने कहा है वाई एस शर्मिला का नाम लिये बिना कहा कि इस बात की राज्य में काफी चर्चा हो रही है कि नई क्षेत्रीय पार्टी का गठन किया जाएगा। लेकिन आज के दौर में एक राजनीतिक पार्टी को चलाना इतना आसान नहीं है। नई पार्टी को लॉन्च करने में बड़ी तनाव झेलना पड़ता है। हमने तेलंगाना में पहले कुछ क्षेत्रीय पार्टियों को लॉन्च होते हुए देखा है। लेकिन यह सभी धूल में मिल गए। टीआरएस ही एक ऐसी पार्टी है जो टीडीपी के बाद टिक सकी। (jansatta.com)
गाजीपुर बॉर्डर, 8 फरवरी | उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के तपोवन इलाके में ग्लेशियर टूटने के कारण आई आपदा में कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है, वहीं 150 से अधिक लोग लापता हैं, ऐसे मे कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान नेताओं का कहना है कि, हमने किसानों को राहत कार्य मे जुटने के लिए अपील की है और हम लोगों की मदद करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, उत्तराखंड में आई आपदा में किसान मदद करेंगे, उत्तराखंड में त्रासदी जिलों में प्रशासन को जिस चीज की जरूरत हो वो बताएं, हर मोर्चे से किसान उनकी मदद करेंगे, पहले भी हुई त्रासदी में लोगों ने मदद की थी।
हालांकि रविवार को हरियाणा के चरखी दादरी में आयोजित हुई महापंचायत में भी किसान नेताओं की तरफ से राहत कार्यों में जुटने के लिए अपील की गई थी।
दरअसल रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने के बाद अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में विकराल बाढ़ आ गई। बाढ़ ने अपनी चपेट में गांव के गांव को ले लिया जिसके कारण हजारों लोग बेघर हो गए, वहीं कई घर इस बाढ़ में बह गए।
उत्तराखंड में फिलहाल अभी भी बचाव कार्य जारी है और बाढ़ में बह गये कई लोगों को निकाला भी जा चुका है। दूसरी ओर सरकार की तरफ से भी मृतकों और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा भी कर दी गई है।
सोमवार सुबह भी उत्तराखंड के राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) बचाव कार्य कर रहा है। एसडीआरएफ टीम नदी का जल स्तर नीचे होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि सुरंग में फंसे हुए लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया जा सके। (आईएएनएस)
भोपाल, 4 फरवरी | मध्य प्रदेश के युवाओं में बढ़ती नशे की लत पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चिंता जताते हुए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की गतिविधियों में नशा मुक्ति अभियान को भी सम्मिलित करने पर जोर दिया है। गणतंत्र दिवस समारोह नई दिल्ली में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाले एनसीसी कैडेट्स व एनएसएस के छात्रों को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित समारोह में सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि नेशनल कैडेट कोर युवा वर्ग में देश भक्ति, संस्कार, मेहनत, ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा, लक्ष्य के प्रति समर्पण और अनुशासन विकसित करने का सशक्त माध्यम है। इसका विस्तार प्रदेश की अधिक से अधिक शालाओं और महाविद्यालयों में किया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि युवा वर्ग में फैलती ड्रग्स की आदत युवा पीढ़ी को खोखला कर रही है। नेशनल कैडेट कोर एनसीसी और एनएसएस को अपनी गतिविधियों में नशा मुक्ति अभियान को भी सम्मिलित करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री चौहान ने एनसीसी और एनएसस के छात्रों द्वारा कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए सेवा कार्यो की सराहना की। रीवा के एनसीसी सीनियर अंडर ऑफिसर योगेश चतुर्वेदी को गणतंत्र दिवस परेड में बेस्ट कैडेट ऑफ ईयर चयनित होने पर बधाई दी तथा मेडल व दस हजार रुपये का चेक पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने गणतंत्र दिवस परेड में सम्मिलित 34 एनसीसी कैडेट्स और राष्ट्रपति द्वारा एनएसएस पुरस्कार 2018-19 से सम्मानित भोपाल की मानसी तीर्थानी तथा उज्जैन की मेहरान जाफरी सहित एनएसएस के 14 प्रतिभागियों को सम्मानित किया। साथ ही एनसीसी की ई-पत्रिका श्युवा स्पंदन के 56वें संस्करण का विमोचन भी किया।
एनसीसी के मेजर जनरल संजय शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के 52 और छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में एनसीसी की गतिविधियां संचालित हैं। मध्यप्रदेश के 400 स्कूल तथा 900 कॉलेज में एक लाख 14 हजार युवा एनसीसी में भाग ले रहे हैं, जिनमें 30 प्रतिशत बालिकाएं हैं। इसी प्रकार मध्यप्रदेश में एनएसएस के एक लाख 50 हजार विद्यार्थी बेटी बचाओ, रक्तदान, ग्रामीण विकास, स्वच्छता तथा अन्य जन-कल्याणकारी गतिविधियों में सक्रिय हैं। (आईएएनएस)
-भवेश सक्सेना
आंध्र प्रदेश में मंदिरों पर लगातार हमले का मुद्दा राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच त्रिकोणीय जंग का रूप ले चुका है. एक बहस जारी है, जिसमें हर पार्टी दूसरी को ज़िम्मेदार ठहरा रही है. पिछले डेढ़ साल से राज्य में मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों पर केंद्र से एक्शन लिये जाने की मांग करते हुए भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने मुद्दा उठाया. वायएस जगनमोहन रेड्डी इस मामले के केंद्र में इसलिए हैं क्योंकि मई 2019 से ही वो राज्य की सत्ता में आए. पूरा मामला सिलसिलेवार ढंग से समझिए और तय कीजिए कि कौन किस तरफ है.
दिसंबर 2020 के आखिर में रामतीर्थम में जब भगवान राम की मूर्ति को तोड़ा गया और मंदिर के पुजारी को रोता देखा गया, तबसे आंध्र में मंदिरों पर हमले का मुद्दा तेज़ी से गर्म होता चला गया. इस पूरे मुद्दे को, पीछे की कहानी को और इस पर चल रही राजनीति को ठीक से समझना बहुत ज़रूरी है क्योंकि मुद्दा संवेदनशील है.
क्या कह रहा है आंकड़ा?
सबसे पहले तो आंध्र में मंदिरों पर हमले का मुद्दा इतना बड़ा क्यों है? यह जानने के लिए कुछ आंकड़े देखिए. राव ने संसद में आरोप लगाया कि राज्य में पिछले 19 महीनों में मंदिरों में तोड़फोड़ या मूर्ति भंग किए जाने के 140 से ज़्यादा केस सामने आ चुके हैं राज्य सरकार ने कारगर कदम नहीं उठाए हैं. वहीं राज्य के डीजीपी डी गौतम सवांग ने दो हफ्ते पहले कहा कि अंतर्वेदी रथ यात्रा में आगज़नी समेत 44 प्रमुख मामलों में से 28 को स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम सुलझा चुकी.
यही नहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने पिछले दिनों कहा कि बीते 19 महीनों में 128 मंदिरों पर हमले की घटनाएं हुईं. एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पिछले साल सितंबर से अब तक राज्य में मंदिरों के खिलाफ कम से कम 20 बड़ी घटनाएं हुई हैं. यानी मुद्दा बहुत गंभीर और संवेदनशील हो चुका है.
कौन किस तरह है पार्टी?
आग की तरह राज्य में फैल चुके इस मुद्दे के बीच कौन किस तरह की भूमिका में है? इस सवाल के जवाब से आपको त्रिकोणीय राजनीतिक जंग का अंदाज़ा भी लग जाएगा, जो YSRCP, टीडीपी और भाजपा के बीच जारी है. इस केस को पार्टीवार समझना बेहतर है.
सत्तारूढ़ YSRCP की भूमिका : ज़ाहिर है राज्य में इतने बड़े तांडव से सबसे ज़्यादा आरोपों के घेरे में वायएसआर कांग्रेस पार्टी ही है. डैमेज कंट्रोल करते हुए पार्टी ने तीन मंदिर ट्रस्टों के चेयरमैन रहे राजू को सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाकर पद से हटाया, लेकिन सवाल यह खड़ा हो गया कि बाकी जिन मंदिरों पर हमले हुए, उनके ट्रस्ट पदाधिकारी क्यों नहीं हटाए गए?
YSRCP पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वह ईसाइयों को केंद्र में रखने वाली पार्टी है और राज्य की ईसाई गृह मंत्री मेकातोती सुचारिता के हाथ में इस मामले की कमान होने के चलते ही दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी का जवाब है कि उसकी सरकार बनने और कल्याणकारी योजनाएं लागू होने के बाद से ही ये हमले होने लगे हैं. यह सरकार की छवि खराब करने के लिए राजनीतिक साज़िश है. राज्य की सांप्रदायिक फिज़ा को बिगाड़ने के साथ ही YSRCP का आरोप है कि इन हमलों के पीछे तेलुगु देशम पार्टी का हाथ हो सकता है.
टीडीपी की भूमिका : चंद्रबाबू नायडू की यह पार्टी मुस्लिमों को केंद्र में रखने वाली सियासत को तरजीह देने के आरोप झेलती रही है. तेदेपा ने अपने कार्यकाल के दौरान 2016 में कृष्णा नदी पर विकास कार्यों और सड़क को बड़ा करने के काम के चलते दर्जनों मंदिर गिरवाए थे. इस बात को भी रेड्डी की पार्टी ने मुद्दा बनाकर न केवल आरोप लगाया है, बल्कि रेड्डी ने डैमेज कंट्रोल के एक और अहम कदम के तौर पर बीती 8 जनवरी को ऐसे 30 मंदिरों के पुनरुद्धार के लिए शिलान्यास भी किया.
बीजेपी की भूमिका : मंदिरों पर हमले की राजनीति में भाजपा का क्या लेना देना है? पहले तो यह याद रखिए कि तेदेपा की राज्य सरकार के समय भाजपा का समर्थन था और तेदेपा के मंदिर तोड़े जाने के वक्त भाजपा ने कोई स्टैंड नहीं लिया था. एमआर सुब्रमणि के लेख में भाजपा के पक्ष वाले राजनीतिक विश्लेषकों के हवाले से कहा गया कि राज्य में हिंदुओं को ही अपने पूजास्थल तोड़ने का दोषी ठहराया जा रहा है.
अन्य विश्लेषकों के हवाले से कहा गया कि जब नायडू सरकार में मंदिरों को तोड़ने पर कोई हंगामा नहीं हुआ तो हिंदू विरोधी तत्वों को शह मिली और इस सरकार में यह सिलसिला और तेज़ी से बढ़ गया. लेकिन अब भाजपा हिंदुओं के पक्ष और राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रही है, जबकि यहां तेदेपा से अलग होने के बाद से अपरोक्ष रूप से भाजपा रेड्डी सरकार की समर्थक ही रही.
तो कौन है दोषी?
अब सवाल खड़े होते हैं कि तेदेपा दोषी है तो राज्य सरकार ने विरोधी पार्टी के सदस्यों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की? भाजपा पर साज़िश में शामिल होने के आरोप हैं तो इनका आधार क्या है? सिर्फ राजू को पद से क्यों हटाया गया? क्या हिंदू ही हिंदू मंदिरों को तोड़ रहे हैं? इन सब सवालों के जवाब में रेड्डी सरकार का जवाब यही रहा है कि यह 'सियासी गुरिल्ला युद्ध' है, जो राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए विरोधी अंजाम दे रहे हैं.
विश्लेषकों का एक बड़ा आरोप यह भी है कि भले ही सुचारिता ने हमलों की घटनाओं के लिए माफी मांगी हो, लेकिन महीनों तक इन संवेदनशील मामलों में कोई गिरफ्तारी या एक्शन न होने का मतलब यही है कि रेड्डी सरकार किस तरह इस मुद्दे पर रुख रखती है. यह भी कहा गया कि रेड्डी सरकार ने हमलों की निंदा तक नहीं की, जिससे हमलावरों को और शह मिली.
क्या है सियासी व सामाजिक माहौल?
आपको याद हो तो हैदराबाद में निकाय चुनाव नज़दीक थे, तो वहां भी सांप्रदायिक हंगामे और बयानबाज़ी की झड़ी थी. तिरुपति में अस्ल में, उप चुनाव के वातावरण में यह पूरा मुद्दा खड़ा हुआ है जिसमें सीधे तौर YSRCP और TDP एक दूसरे पर आरोप की राजनीति कर रही हैं तो तीसरे मोड़ पर BJP इस पूरे मुद्दे को भुनाना चाह रही है. राज्य में 'आंध्र में तालिबान' और 'बाइबल पार्टी' बनाम 'भगवद्गीता पार्टी' जैसे नारे लग रहे हैं. और लोगों से कहा जा रहा है कि आप किस तरफ हैं? (news18.com)
गांधीनगर, 22 जनवरी | गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को घोषणा की कि राज्य पुलिस के रैपिड रिस्पांस (आरआर) सेल को समाप्त कर दिया जाएगा।
साल 1995 से सक्रिय आरआर सेल का मुख्य कार्य राज्य में संगठित अपराध के कार्य पर नजर रखना था।
रूपाणी ने कहा, "हमने आज से पुलिस विभाग के आरआर सेल को खत्म करने का फैसला किया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि प्रौद्योगिकी और गतिशीलता के नए युग में इस तरह के सेट-अप की कोई आवश्यकता नहीं है।"
वहीं एक प्रश्न के जवाब में गृह राज्य मंत्री (एमओएस) प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा, "आरआर सेल को समाप्त करने का निर्णय हाल की घटना से संबंधित नहीं है, जिसमें एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने आरआर सेल के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को 50 लाख रुपये रिश्वत लेने के लिए पकड़ा था।"
गौरतलब है कि 31 दिसंबर, 2020 को आनंदनगर के विद्यानगर में एक भोजनालय में रिश्वत लेते हुए एएसआई प्रकाशसिंह रावल को एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ा था।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरआर सेल का काम राज्य में संदिग्ध अवैध गतिविधियों पर नजर रखना था।
यह राज्य के सात रेंज डिवीजनों में कार्यात्मक था।
लेकिन सूत्रों के अनुसार, यह सेल अपने मूल उद्देश्य से भटक गया था और इसका उपयोग पुलिसकर्मियों के बीच और भ्रष्टाचार के लिए व्यक्तिगत लाभ के लिए अधिक किया जाने लगा था।
मुख्यमंत्री ने कहा, "अब हम जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को और शक्तियां देंगे, ताकि वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।" (आईएएनएस)
जयपुर, 21 जनवरी | राजस्थान में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू होने के बाद से अब तक धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, जिसपर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जताई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 16 जनवरी को, रेगिस्तान राज्य में टीकाकरण अभियान की कुल दर 73.79 प्रतिशत थी, जबकि 18 जनवरी को यह घटकर 68.72 प्रतिशत पर आ गई और 19 जनवरी को, दर और घटकर 54 प्रतिशत हो गई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दवा कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच विवाद को घटते टीकाकरण दर के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
बुधवार को अपने ट्वीट में, गहलोत ने टीकाकरण की धीमी दर पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "कुछ संख्या में स्वास्थ्य कार्यकर्ता टीकाकरण के लिए आए हैं। कम संख्या वाणिज्यिक कारणों के लिए दो टीका निर्माताओं के बीच बयानबाजी के कारण भी है। कल, भारत बायोटेक ने अपने वैक्सीन के बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। यदि ये दिशानिर्देश पहले ही जारी किए गए होते, तो लोगों को वैक्सीन पर अधिक भरोसा होता।"
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण के लिए आगे आने का आह्वान भी किया।
उन्होंने कहा, "मैं स्वास्थ्य कर्मचारियों से अपील करता हूं कि वे टीका लगवाने के लिए आगे आएं।"
गहलोत गुरुवार को अपने निवास पर शाम 7:30 बजे कोविड -19 की समीक्षा और टीकाकरण के संबंध में एक बैठक करेंगे।
(आईएएनएस)
भोपाल, 18 जनवरी | मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को राममंदिर के लिए पूर्व में जुटाए गए चंदे का हिसाब देने के लिए बाध्य करने का आग्रह किया है। सिंह ने खुद एक लाख 11 हजार 111 रुपये का चेक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को भेजा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि विहिप द्वारा 15 जनवरी, 2021 से अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए 44 दिनों के राष्ट्रव्यापी चंदा अभियान की शुरुआत की गई है। इसके पहले से भी भगवान राम के मंदिर निर्माण के लिए अनेक ज्ञात और अज्ञात लोगों द्वारा देश के अनेक स्थानों पर चंदा एकत्रित करने का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, "भगवान राम, भारत सहित विश्व में कहीं भी रहने वाले प्रत्येक सनातनधर्मी की आस्था के केंद्र हैं और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद हम सब अयोध्या में शीघ्र ही भव्य राममंदिर देखना चाहते हैं।"
पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने धर्म को निजी आस्था का विषय बताते हुए लिखा है कि "मध्यप्रदेश के राघौगढ़ में मेरे घर में 400 वर्षो से भगवान राम (राघौजी महाराज) का मंदिर है, जहां प्रतिदिन उनकी सेवा होती है। राम मेरे रक्त के कण-कण में मौजूद होने के बावजूद मैंने उनके नाम को अपनी राजनीति में कभी मिश्रित नहीं किया।"
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है, "मैं आपको यह भी अवगत कराना चाहता हूं कि कुछ संगठन बहुत बड़े पैमाने पर लाठी, बल्लम, तलवारें लेकर मंदिर निर्माण के लिए चंदा वसूल कर रहे हैं। सांप्रदायिक भावना भड़काने में लगे हैं। मध्यप्रदेश में इसकी वजह से तीन अप्रिय घटनाएं हो चुकी हैं तथा इससे सामाजिक ताने-बाने को क्षति हुई है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, "आप देश के प्रधानमंत्री है। आप भलीभांति जानते हैं कि राममंदिर के निर्माण कार्य में अन्य धर्म के लोगों का कोई विरोध नहीं है। यह आपकी जिम्मेदारी है कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा एकत्रित करने का जो कार्य हो रहा है, वह सौहार्दपूर्ण वातावरण में हो। आप ऐसे संगठनों को मंदिर निर्माण का चंदा एकत्रित करने से तत्काल रोकें, जो अन्य धर्म के लोगों के खिलाफ नारेबाजी करके हथियारों को लेकर चंदा एकत्रित कर रहे हैं। देश की सभी राज्य सरकारों को भी यह निर्देश दें कि वे इस तरह की अप्रिय घटनाओं को अपने राज्य में होने से रोकें।"
"पूर्व में राममंदिर निर्माण के लिए हुए चंदा संग्रह का जिक्र करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है कि पूर्व में भी विहिप द्वारा राममंदिर के नाम से चंदा एकत्रित किया गया था। मैं आपसे यह भी अनुरोध करूंगा कि आप विश्व हिंदू परिषद को पूर्व में एकत्रित किए गए चंदे का लेखा-जोखा आम जनता के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए बाध्य करें।" (आईएएनएस)
रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 17 जनवरी | राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग में पांच गुना से अधिक की वृद्धि हुई है और सांसदों ने 2018-20 के दौरान पहली बार 22 अनुसूचित भाषाओं में से 10 में बात की, जिसमें संस्कृत उच्च सदन में पांचवीं सबसे अधिक उपयोग में लाई जाने वाली भारतीय भाषा के तौर पर उभरी है।
संस्कृत में 12 इन्टर्वेन्शन के साथ, 2019-20 के दौरान, यह हिंदी, तेलुगु, उर्दू और तमिल के बाद 22 अनुसूचित भाषाओं में से राज्यसभा में पांचवीं सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा के रूप में उभरी।
163 कार्यवाहियों के साथ 2018-20 के दौरान, क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग 135 बार किया गया, जिसमें बहस में 66 इन्टर्वेन्शन, 62 शून्य काल में और सात विशेष उल्लेख शामिल हैं। 1952 के बाद से उच्च सदन में पहली बार 22 अनुसूचित भाषाओं में से डोगरी, कश्मीरी, कोंकणी और संथाली जैसी चार भाषाओं का इस्तेमाल किया गया। 2018 में राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू के कहने पर इन चार भाषाओं और सिंधी भाषा में एक साथ व्याख्यात्मक सेवा की शुरुआत की गई।
इसके अलावा, असमिया, बोडो, गुजराती, मैथिली, मणिपुरी और नेपाली जैसी छह भाषाओं का उपयोग एक लंबे अंतराल के बाद किया गया है। राज्यसभा के एक दस्तावेज से यह खुलासा हुआ है।
राज्यसभा के सभापति नायडू के प्रयासों से क्षेत्रीय भाषाओं के अधिक विविध उपयोग के परिणाम मिले, जब से उन्होंने सदन के सदस्यों से अपनी मातृभाषा में बोलने के लिए सदन की संघीय प्रकृति की भावना से बोलने का आग्रह किया।
जुलाई 2018 में सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में एक साथ व्याख्यात्मक सुविधाओं की उपलब्धता की घोषणा करते हुए, राज्यसभा सभापति ने 10 भाषाओं में सदन में बात की।
जबकि हिंदी और अंग्रेजी सदन की कार्यवाही के दौरान व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली भाषाएं हैं, 21 अन्य अनुसूचित भारतीय भाषाओं (हिंदी के अलावा) का उपयोग 2020 में 14 वर्ष की अवधि 2004-2017 की तुलना में 2020 में पांच गुना (512 प्रतिशत) से अधिक हो गया है।
राज्यसभा सदस्यों ने 2004 से 2017 के बीच 269 मौकों पर 10 अनुसूचित भाषाओं (हिंदी के अलावा) में 0.291 प्रति बैठक की दर से 2004-2017 के बीच 923 बैठकें कीं।
2020 में, क्षेत्रीय भाषाओं में 49 इन्र्टवेंशन 1.49 प्रति बैठक की दर से 33 बैठकों के दौरान किए गए थे, जो 512 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं।
दस्तावेज में कहा गया है कि 2013-17 के दौरान 329 से अधिक बैठकें हुईं, ऊपरी सदन के सदस्यों ने 96 बार केवल 10 क्षेत्रीय भाषाओं (हिंदी के अलावा) में बात की। (आईएएनएस)
भोपाल, 17 जनवरी | देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को विभिन्न हिस्सों से केवड़िया को जोड़ने वाली रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक रेल मध्य प्रदेश के रीवा से केवड़िया रवाना की गई। इस मौके पर वीडियो कॉफ्रेंसिंग से राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी जुड़े। चौहान ने रीवा से केवड़िया के बीच रेल चलाए जाने पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया। मुख्यमंत्री चौहान ने देश के विभिन्न स्थानो से केवड़िया के बीच रेल चलाए जाने की परियोजना के संबंध में कहा कि केवड़िया में भारत को एक करने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व प्रसिद्ध प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थापित की गई है। यहां लाखों श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं। यह केवल पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि प्रेरणा स्थल बन गया है, जो कि हमें देश की एकता एवं अखंडता की प्रेरणा दे रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि केवड़िया के लिए प्रदेश के रीवा से डायरेक्ट रेल कनेक्टीविटी से प्रदेशवासियों, विशेष रूप से विंध्य क्षेत्र के लोगों को केवड़िया जाने में विशेष सुविधा होगी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन तथा आभार प्रगट करता हूं।
मुख्यमंत्री निवास पर अपर मुख्य सचिव गृह एस.एन. मिश्रा, डीआरएम उदय बोरवणकर, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी आदि उपस्थित थे। (आईएएनएस)
अगरतला, 17 जनवरी | त्रिपुरा में विपक्षी कांग्रेस ने पार्टी के राज्य अध्यक्ष पीयूष बिस्वास पर कथित हमले के विरोध में सोमवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस का आरोप है, "भाजपा के गुंडों ने हमला किया।" सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हमले की निंदा की, और कांग्रेस से अपना आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया।
कांग्रेस के त्रिपुरा के उपाध्यक्ष तापस डे ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने 'कुख्यात गुंडों' के साथ शनिवार देर शाम बिशालगढ़ के सिपहीजाला जिले में हमला किया। जबकि राज्य पार्टी प्रमुख बाल-बाल से बच गए, पार्टी के कई कार्यकर्ता घायल हो गए।
राज्य महासचिव हरेकृष्ण भौमिक, बापू चक्रवर्ती और तेजेन दास के साथ डे ने मीडिया को बताया, "हमला बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस की मौजूदगी में गुंडों द्वारा किया गया था। राज्य के पार्टी प्रमुख पर भाजपा के हमले का विरोध करने के लिए, हमने सोमवार को राज्यव्यापी 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है।"
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमले के तुरंत बाद शनिवार रात को एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने अभी तक हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
जाने-माने वकील बिस्वास ने बाद में मीडिया से कहा, "भाजपा के गुंडों ' ने मेरी हत्या करने के लिए हमला किया और मेरी कार को लोहे की छड़ों और लाठियों से बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया।"
उन्होंने कहा, "त्रिपुरा में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि शासन भी बर्बर तरीके से चला रही है। लोगों को भाजपा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करना चाहिए।"
उधर, भाजपा के राज्य मुख्य प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने सच्चाई का खुलासा करने के लिए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
उन्होंने कहा, "हम पुलिस से हमलावरों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं। जांच से पता चलेगा कि यह हमला है या कांग्रेस के आंतरिक झगड़े का नतीजा। कांग्रेस को बंद के आह्वान को वापस लेना चाहिए, क्योंकि इससे शांति और प्रगति में बाधा होगी।" (आईएएनएस)
बगलकोट, 17 । जनवरी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ तुलना की, जो स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद देश के पहले उपप्रधानमंत्री भी थे। कर्नाटक के बगलकोट शहर में एक सार्वजनिक रैली में येदियुरप्पा ने कहा, "शाह एकमात्र ऐसे नेता हैं, जो सरदार पटेल के कद के साथ बड़े हुए हैं। पटेल की तरह, शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्रांति की शुरुआत कर रहे हैं और देश को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।
पटेल (1875-1950) देश के पहले केंद्रीय गृहमंत्री भी थे और शाह और मोदी की तरह, गुजरात राज्य से थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, "मोदी और शाह के नेतृत्व में, सत्तारूढ़ भाजपा 2023 में राज्य के अगले विधानसभा चुनावों में 150 से अधिक सीटों पर जीत हासिल करेगी, क्योंकि हमारी सरकार कोविड महामारी के बावजूद, विशेष रूप से किसानों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रही है।"
शनिवार को बेंगलुरु में एक आधिकारिक कार्यक्रम में शाह ने जोर देते हुए कहा कि येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य की भाजपा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और अगले विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी। (आईएएनएस)
पटना, 17 जनवरी | बिहार मूल के नन-रेजिडेंट इडियंस (एनआरआई) को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार-झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (बीजेएएनए) के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बातचीत की। नीतीश ने शनिवार शाम को बीजेएएनए के सदस्यों को बिहार का दौरा करने और यह खुद देखने के लिए आमंत्रित किया कि उन्होंने पिछले 15 वर्षों में राज्य में विकास के लिए क्या किया है। उन्होंने बिहार में नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण और अन्य आवश्यक अवसंरचना विकास पर हर संभव मदद का वादा भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में पिछले 15 वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ प्रमुख शहरों के साथ हर गांव और कस्बों तक सड़क संपर्क विकसित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमने छह घंटे में किसी भी दूरस्थ स्थान से पटना तक पहुंचने का लक्ष्य प्राप्त किया है और अब समय को केवल पांच घंटे तक कम करने का काम कर रहे हैं। दो लेन वाली सड़कों को चार लेन वाली और चार लेन वाली छह लेन वाली सड़कों में परिवर्तित किया गया है।
नीतीश कुमार ने कहा, "इसके अलावा, कई नए पुल और सड़कें पूरी हो चुकी हैं या 80 से 90 फीसदी पूरी हो चुकी हैं।"
मुख्यमंत्री ने कहा, "बिहार सरकार ने 'हर घर नल का जल' कार्यक्रम के साथ-साथ 'स्वच्छ भारत अभियान' पहल के तहत पीने के पानी की आपूर्ति का 90 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है और ये दोनों कार्यक्रम 'साथ निश्चय पार्ट -2' के तहत पूरे किए जाएंगे।"
बिहार सरकार घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन क्षेत्र पर भी काम कर रही है।
उन्होंने कहा, "हमने पटना, गया, नालंदा, राजगीर, भागलपुर आदि में कई इको पार्क का निर्माण किया है। हमने कुछ दिनों पहले राजगीर में 'वेणु वन' का उद्घाटन किया था और अगले कुछ हफ्तों में प्रकृति सफारी, चिड़ियाघर और 'ग्लास वॉकवे' बनेंगे।
कुमार ने कहा, "पर्यावरण की रक्षा के लिए, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने 2019 में हमें वित्तीय सहायता दी थी, जिससे इस क्षेत्र में काम करने में बहुत मदद मिल रही है।"
बीजेएएनए के अध्यक्ष अविनाश गुप्ता ने कहा कि उन्हें आने वाले महीनों में बिहार के विकास का हिस्सा बनने की उम्मीद है।
इस अवसर पर बीजेएएनए सदस्य अजय झा, संजय राय, अशोक रामशरण, अजय सिंह और न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्यदूत रणधीर जायसवाल उपस्थित थे। (आईएएनएस)
नई दिल्ली/लंदन, 17 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस साल जून में ब्रिटेन में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। यह शिखर सम्मेलन 11 से 13 जून तक इंग्लैंड के कॉर्नवॉल क्षेत्र में होगा।
पिछले साल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर चर्चा करने के लिए जी7 बैठक के लिए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया था।
नई दिल्ली में रविवार को ब्रिटिश उच्चायोग द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि, "प्रधानमंत्री जॉनसन जी7 प्रेसीडेंसी का इस्तेमाल करेंगे, ताकि कोरोनावायरस से दुनिया को बेहतर बनाने में मदद मिल सके और हरित, निष्पक्ष और अधिक समृद्ध भविष्य का निर्माण हो सके।"
जी7 में शामिल देश यानी, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका - यूरोपीय संघ के साथ एकमात्र मंच है, जहां दुनिया के सबसे प्रभावशाली और खुले समाज और उन्नत अर्थव्यवस्थाएं आपसी सद्भाव से चर्चा के लिए एक साथ आती हैं।
ब्रिटेन ने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के प्रमुखों को भी अतिथि देशों के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री जॉनसन की महत्वाकांक्षा जी7 का उपयोग दुनिया के लोकतांत्रिक और तकनीकी रूप से उन्नत राष्ट्रों के बीच सहयोग को तेज करना है। उनमें से 10 नेता दुनियाभर के लोकतंत्रों में रहने वाले 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जी7 को लोकतांत्रिक देशों का सबसे प्रमुख समूह बताते हुए जॉनसन ने कहा, "हमारे द्वारा सामना किए गए बड़ी चुनौतियों में यह लंबे समय से निर्णायक अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के लिए उत्प्रेरक है।"
उन्होंने कहा, "रूस के क्रीमिया के विनाश की हमारी वैश्विक निंदा करने के लिए विकासशील विश्व ऋण को रद्द करने से दुनिया ने हमारे साझा मूल्यों को लागू करने के लिए जी7 पर ध्यान दिया है और राजनयिक एक अधिक खुले और समृद्ध ग्रह का निर्माण कर सकते हैं।"
कोरोनावायरस को लेकर उन्होंने कहा, "निस्संदेह सबसे विनाशकारी है और आधुनिक विश्व व्यवस्था का सबसे बड़ा परीक्षण जो हमने अनुभव किया है। इससे निपटने का एक ही तरीका है कि हम बेहतर भविष्य बनाने के लिए खुलेपन की भावना के साथ एकजुट होकर बेहतर निर्माण की चुनौती का सामना करते हैं।"
बयान में कहा गया है कि "वैश्विक फार्मेसी के रूप में भारत पहले से ही दुनिया के 50 प्रतिशत से अधिक वैक्सीन की आपूर्ति करता है, और ब्रिटेन और भारत ने पूरे महामारी में एक साथ मिलकर काम किया है।"
यह याद करते हुए कि ब्रिटेन, भारत के लिए यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का समर्थन करने वाला पहला पी5 सदस्य और 2005 में जी7 शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित करने वाला पहला जी7 सदस्य था, ब्रिटेन सरकार ने कहा कि 2023 में वर्तमान ब्रिक्स अध्यक्ष और जी20 अध्यक्ष के रूप में, भारत दुनियाभर में बहुपक्षीय सहयोग स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। (आईएएनएस)
कार्तिकेय शर्मा
नई दिल्ली, 16 जनवरी | कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसदों के लिए अपनी रसोई में पकाया हुआ भोजन भेजा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।
जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने वाले ज्यादातर सांसद और विधायक कांग्रेस की पंजाब इकाई से हैं। जब आईएएनएस ने पंजाब के खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल से बात की, तो उन्होंने कहा, "हम शुक्रवार को प्रियंका गांधी वाड्रा से मिले थे और एक लंबी बातचीत की थी। ऐसा लगता है कि वह हमारे द्वारा किए गए काम की सराहना करना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने खाना भेजा है।"
प्रियंका ने विरोध जता रहे सांसदों एवं विधायकों के लिए पनीर, राजमा, चावल, रोटी और गजरेला भेजा। जसबीर सिंह गिल ने आईएएनएस को बताया कि ज्यादातर तो उन्हें स्थानीय गुरुद्वारों और कभी-कभी लोगों के घरों से भोजन मिलता है।
कांग्रेस नेता पिछले 52 दिनों से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में अपना विरोध जता रहे हैं। गिल ने यह भी कहा कि वे तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता।
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल नए कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है और विवाद सुलझाने के लिए चार सदस्यीय समिति की घोषणा की है। हालांकि किसान इसके बाद भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और उनका विरोध प्रदर्शन जारी है। (आईएएनएस)
पटना, 15 जनवरी | बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कुमार शुक्रवार को नए साल के मौके पर पटनावासियों को आर ब्लॉक-दीघा पथ (अटल पथ ) की सौगात दी। इस पथ का निर्माण 397.57 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। अटल पथ परियोजना की परिकल्पना वर्ष 2009-10 में की गई थी। पटना-दीघा रेलवे लाइन की भूमि राज्य सरकार को हस्तांतरित करने के बाद सड़क का निर्माण कराया गया।
मुख्यमंत्री ने उद्धाटन के मौके पर कहा कि इस पथ का नमााकरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर अटल पथ रखा गया है। यह पथ भी अटल होगा।
उन्होंने कहा कि रास्ते के आसपास के इलाके के लोगों को इधर से उधर जाने में असुविधा न हो इसके लिए रोड ओवरब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है।
उद्घाटन समाारोह के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, "आर ब्लॉक से दीघा तक हमलोगों की पथ निर्माण की इच्छा पहले से थी। इसके लिए रेलवे से जमीन प्राप्त करने की मंजूरी ली गई, उसके बाद सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया। इस पथ के एक हिस्से का कार्य पूरा हो गया।"
उन्होंने कहा, "इस पथ को गंगा पथ से और जेपी सेतु से जोड़ने का काम चल रहा है, वह भी कुछ ही महीनों के अंदर पूर्ण हो जाएगा। अटल पथ के निर्माण से लोगों को काफी सुविधा होगी। पटना से उत्तर बिहार के साथ -साथ अन्य जगहों से आने जाने में सहूलियत होगी।"(आईएएनएस)
लखनऊ, 15 जनवरी| आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिल्ली के विकास के मॉडल का प्रचार-प्रसार करने के लिए राज्य के विधानसभा चुनावों से पहले उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगे। जिन आप विधायकों को दौरे के लिए कहा गया है, उनमें राज्य से संबंध रखने वाले या उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल के मतदाताओं के बीच आधार रखने वाले नेता सबसे अधिक हैं।
आप प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा, "करीब 40 विधायकों को कई निर्वाचन क्षेत्र सौंपे गए हैं, जिन्हें यात्रा करने, सदस्यों के साथ बातचीत करने, उन्हें मार्गदर्शन देने और वहां पार्टी की ताकत और कमजोरियों का आकलन करने के लिए कहा गया है। फिर वे इस सूचना को पार्टी नेतृत्व के साथ साझा करेंगे।"
पूर्व मंत्री सोमनाथ भारती का अमेठी और रायबरेली का दौरा इसी रणनीति का हिस्सा है।
आप ने दिसंबर में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, जिसके बाद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया लखनऊ पहुंचे थे।
पार्टी ने राज्य में अपने अभियान के आधार के रूप में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में अपने काम का उपयोग करने का इरादा रखा है।
माहेश्वरी ने कहा, "आप ने पूर्वाचल के मतदाताओं की उच्च आबादी वाली सभी सीटें जीतीं हैं। इनमें से अधिकांश पूर्वी दिल्ली के क्षेत्रों जैसे शाहदरा, मयूर विहार, पटपड़गंज आदि में स्थित हैं। इन क्षेत्रों के विधायकों का उत्तर प्रदेश के उन लोगों से गहरा जुड़ाव है।"
उन्होंने कहा, "अगले कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में काम करने वालों में मनीष सिसोदिया, नितिन त्यागी, अखिलेशपति त्रिपाठी, राजेंद्र गौतम, राखी बिड़ला, पवन शर्मा, अजेश यादव, नरेश यादव आदि शामिल हैं।"
जब विधायक अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंप देंगे तब पार्टी अभियान के अगले चरण के लिए कार्य योजना पर फैसला करेगी। (आईएएनएस)
तिरुवनंतपुरम, 15 जनवरी | केरल के वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने शुक्रवार को विधानसभा में राज्य का बजट पेश करते हुए 3 घंटे और 17 मिनट में मैराथन भाषण देकर इतिहास रच दिया। 2 घंटे और 54 मिनट के सबसे लंबे बजट भाषण के लिए पहले का रिकॉर्ड दिवंगत केरल कांग्रेस के नेता और तत्कालीन वित्त मंत्री केएम मणि के नाम पर था।
इसाक ने अपने बजट भाषण की शुरुआत पलक्कड़ जिले के कुझलमंडम स्कूल में कक्षा 7 की छात्रा स्नेहा द्वारा लिखी एक कविता से की।
यह विधानसभा चुनाव से पहले पिनराई विजयन सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला छठा और इसाक का 12 वां बजट है। (आईएएनएस)
मुंबई, 14 जनवरी | महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे पर दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद पहली प्रतिक्रिया देते हुए इसे 'पारिवारिक मामला' बताया। मंत्री पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है, उसके बाद से राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। राकांपा के राज्य प्रमुख जयंत पाटिल ने स्पष्ट किया कि मुंडे के इस्तीफे या राज्य मंत्रिमंडल में किसी भी तरह के 'बदलाव' का कोई सवाल ही नहीं है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भी पाटिल के रुख का समर्थन किया। लेकिन सहयोगी शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने किसी के 'निजी मामलों में हस्तक्षेप करने और राजनीतिकरण करने' के लिए भाजपा पर जम कर निशाना साधा।
पाटिल ने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस को मुंडे के खिलाफ आरोपों की 'निष्पक्ष जांच' करनी चाहिए। मुंडे ने बुधवार देर शाम राकांपा अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की थी और उन्हें घटनाक्रम से अवगत कराया था।
बुधवार को भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने चुनाव आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर मुंडे के खिलाफ उनके 2019 के विधानसभा हलफनामे में दो पत्नियां रखने और बच्चों और संपत्तियों के बारे में कथित रूप से जानकारी छुपाने का आरोप लगाया।
गुरुवार सुबह सोमैया ओशिवारा पुलिस स्टेशन पहुंचे और मांग की कि पुलिस मुंडे के खिलाफ कथित दुष्कर्म-पीड़िता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करे।
महिला ने मुंडे पर शादी के बहाने और बॉलीवुड में काम दिलाने का झांसा देकर कई वर्षों तक दुष्कर्म किए जाने की लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद से राकांपा की काफी किरकिरी हो रही है।
भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे के खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। मुंडे 2013 में भाजपा छोड़कर राकांपा में आ गए थे।
मुंडे ने हालांकि सभी आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने दावा किया कि महिला ने उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए अपने मोबाइल फोन से कॉल किया था, पैसे की मांग की। इस काम में महिला की बहन और भाई भी मददगार थे। उन्होंने सबूत के तौर पर इस बावत एसएमएस होने का भी दावा किया।
हालांकि, उन्होंने यह बात मानी कि 2003 से वह एक महिला के साथ रिश्ते में हैं। उससे एक बेटा और एक बेटी भी है। वह उनका पालन-पोषण करते हैं और ये बात उनकी पत्नी को भी मालूम है।
मुंडे ने दावा किया, "2019 से उसने और उसकी बहन ने मुझे ब्लैकमेल किया और पैसे की मांग करने लगे। 12 नवंबर, 2020 को इस मामले को लेकर पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई।"
उन्होंने कहा कि उन्हें महिला के भाई ने धमकी दी थी, और नवंबर 2020 में उनकी बड़ी बहन ने सोशल मीडिया पर उनसे संबंधित कुछ व्यक्तिगत और निजी सामग्री प्रकाशित की और उन्हें ब्लैकमेल किया।
मुंडे ने कहा, "इसलिए मैं इस मामले में न्याय पाने की कोशिश कर रहा हूं। उसके खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। उच्च न्यायालय ने उसे इस तरह की सामग्री के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। याचिका आगे की सुनवाई के लिए लंबित है। इस बीच, दोनों पक्षों के वकीलों द्वारा सुलह की प्रक्रिया भी चल रही है।"
महिला की बहन ने 12 जनवरी को सोशल मीडिया पर कहा कि वह पहले पुलिस के पास गई थी, लेकिन उसकी शिकायत सुनी नहीं गई।
उसने आगे दावा किया कि मुंडे - जो कथित तौर पर महिला के देवर हैं और उसने 1998 में उसकी बहन से शादी की थी - पहली बार 2006 में उसके साथ दुष्कर्म किया, जब वह घर पर अकेली थी और फिर पिछले कुछ वर्षों में कई बार इस कृत्य को दोहराया। (आईएएनएस)
मुंबई, 14 जनवरी | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को मंत्री धनंजय मुंडे पर लगे आरोपों को गंभीर बताया। हालांकि पवार ने मंत्री नवाब मलिक को यह कहकर क्लीन चिट दे दी कि उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं है। मीडिया में पवार की प्रतिक्रिया उस समय सामने आई है, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विवादों में घिरी हुई है, क्योंकि मुंडे पर एक महिला ने दुष्कर्म के गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं मंत्री मलिक के दामाद को ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
पवार ने कहा, "मुंडे सामने आए और उन्होंने घटना को लेकर अपना वर्जन दिया है। आरोप गंभीर प्रकृति के लगते हैं। मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसके बारे में अवगत कराऊंगा। इस मामले में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।"
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मलिक के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं हैं। वह स्वच्छ छवि वाले वरिष्ठ नेता हैं। हमें पूरा विश्वास है कि केंद्रीय एजेंसी इस मामले में उचित जांच करेगी। हम आगे के कदम उठाने से पहले इसकी रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।"
वहीं राकांपा के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि महिला ने मुंडे को धमकी दी और ब्लैकमेल किया है, जिन्होंने मुंबई पुलिस और बॉम्बे हाईकोर्ट में भी इसकी शिकायत की है।
पाटिल ने कहा, "हालांकि आरोप गंभीर हैं और मामले के तथ्यों पर भी विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने एक साल पहले पार्टी को इस बारे में सूचित किया था। पुलिस अपना काम करेगी। मुंडे के इस्तीफे पर कोई चर्चा नहीं हुई है।"
मुंडे का कहना है वह पार्टी और उसके अध्यक्ष (पवार) के किसी भी निर्णय का पालन करने को तैयार हैं।
अपनी टिप्पणियों के कुछ ही समय बाद पवार ने प्रफुल्ल पटेल और राज्य अध्यक्ष जयंत पाटिल जैसे शीर्ष राकांपा नेताओं के साथ हालिया घमासान पर चर्चा की, जिसने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी सरकार को शर्मिदा किया है। (आईएएनएस)