राष्ट्रीय
सुमित सक्सेना
नई दिल्ली, 8 जनवरी | एक एनजीओ ने दावा किया है कि पिछले दो दशकों में भारत में बलात्कार से संबंधित अपराध दर में 70.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसने यौन हिंसा के पीड़ितों के मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का आह्वान किया है। संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के साथ-साथ सीआरपीसी की धारा 357 ए के तहत पीड़ित मुआवजा स्कीम और एनएएलएसए की महिला पीड़ितों/यौन उत्पीड़न/अन्य अपराधों से बचे लोगों के लिए मुआवजा स्कीम 2018 गारंटीकृत है।
याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में कहा गया है कि सभी राज्यों को मुआवजे की राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) की योजना का पालन करना होगा। यह दावा करते हुए कि कई राज्यों ने 2018 की एनएएलएसए स्कीम के अनुसार अपनी पीड़ित मुआवजा योजनाओं में संशोधन नहीं किया है, यह कहा कि विभिन्न राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के अप्रभावी कामकाज, यौन हमले के पीड़ितों की परिभाषा में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत अपराधों को शामिल नहीं करना, केवल पीड़ितों और उनके आश्रितों (अभिभावकों को छोड़ कर) को आवेदन दाखिल करने में सक्षम बनाना, एक साथ पीड़ितों के पुन: उत्पीड़न का परिणाम है।
प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जेबी परीदवाला ने याचिका पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों को नोटिस जारी किया।
एनजीओ सोशल एक्शन फोरम फॉर मानव अधिकार की अधिवक्ता ज्योतिका कालरा ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिपोर्ट ब्यूरो की वार्षिक रिपोर्ट के अध्ययन के अनुसार दो दशकों में भारत में बलात्कार से संबंधित अपराध दर 70.7 प्रतिशत बढ़ी है। 2001 में यह प्रति 1 लाख महिलाओं और लड़कियों पर 11.6 प्रतिशत से बढ़कर 2018 में 19.8 प्रतिशत हो गया।
याचिका में तर्क दिया गया है कि 2018 की नालसा योजना और 357ए सीआरपीसी के बारे में जागरूकता और पुलिस प्रशिक्षण के अभाव में पुलिस प्राथमिकी में अपराध की महत्वपूर्ण धाराओं को नहीं जोड़ती है, जिससे पीड़ित मुआवजे के लिए अपात्र हो जाते हैं।
याचिका में कहा गया है याचिकाकर्ता ने वीसीएस के बारे में जागरूकता की कमी पाई है। विभिन्न एसएलएसए में विभिन्न वीसीएस और जटिल प्रक्रियाएं पीड़ितों की पीड़ा को बढ़ा रही हैं। उदाहरण के लिए बिहार और दिल्ली में फॉर्म क भरने की आवश्यकता है, जो गरीब और अशिक्षितों के लिए न्याय तक पहुंचने में बाधा है। मध्य प्रदेश और यूपी में पीड़ित की ओर से एक आवेदन पर्याप्त है।
याचिका में कहा गया है कि मुआवजे के लिए आवेदन केवल पीड़िता या उसके आश्रितों द्वारा सीआरपीसी की धारा 357 ए (4) के तहत और 2018 की नालसा योजना के नियम 5 के तहत पीड़िता या उसके आश्रितों या संबंधित क्षेत्र के एसएचओ द्वारा दायर किया जा सकता है।
याचिका में कहा गया है, वास्तव में अधिकांश पीड़ित नाबालिग हैं और स्वयं आश्रित हैं, इसलिए प्रावधान ही मुआवजे के वितरण में एक रुकावट बन जाता है, क्योंकि नाबालिग पीड़िता के अभिभावक उसकी ओर से आवेदन दायर नहीं कर सकते हैं।
इसने कहा, मुआवजा वीएसवी तक नहीं पहुंचने के कारणों में से एक मानक निगरानी प्रणाली की कमी है, जिसमें सेवा प्रदाताओं से डेटा/रिकॉर्डस को मिलाने की विधि शामिल है (जैसे शिकायतें, अंतरिम राहत दिए गए मामलों की संख्या, पुलिस रिकॉर्ड, स्वास्थ्य रिकॉर्ड और अन्य) ) पीड़ितों/उत्तरजीवियों की सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है।
एनजीओ ने कहा कि अलग-अलग राज्य अलग-अलग तरीकों से अपनी राज्य विशिष्ट योजना को लागू कर रहे हैं, जबकि कुछ मुआवजा प्रदान करने से पहले मुकदमे के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। इसने आगे कहा कि पीड़िता के लिए हर दिन महत्वपूर्ण है, उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों के लिए, इलाज के लिए और पुलिस के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए भी पैसे की जरूरत है।
याचिकाकर्ता ने नालसा योजना, 2018 के नियम 9 के अनुसार, 60 दिनों से पहले जांच पूरी करने के लिए एक दिशा निर्देश की मांग की। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी । करीब 100 से अधिक सेवानिवृत्त सिविल सेवकों और राजनयिकों ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष से भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के ख़िलाफ़ हेट स्पीच मामले की शिकायत को सदन की आचार समिति को रेफ़र करने का आग्रह किया है.
इस शिकायत में कहा गया था कि प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने के आरोप में हुई एफ़आईआर ही उन पर एक्शन लेने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए.
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ़ के अनुसार, पूर्व अधिकारियों और नौकरशाहों के इस समूह ने कहा है कि लोकसभा के नियमों के अनुसार बीजेपी सांसद के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.
इस समूह ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी में कहा है, "अपने भड़काऊ भाषण और बार-बार नफ़रत फैलाने वाले कृत्यों से प्रज्ञा ठाकुर ने संसद के सदस्य होने का नैतिक अधिकार खो दिया है."
इस चिट्ठी में कई सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइज़ेशनों की ओर से लोकसभा अध्यक्ष को लिखी एक अर्ज़ी का भी उल्लेख है, जिसमें प्रज्ञा ठाकुर को शिवमोगा में दिए उनके सांप्रदायिक बयानों के लिए सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. इन संगठनों में कैंपेन अगेन्स्ट हेट स्पीच, बहुत्व कर्नाटक, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस एंड द पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (कर्नाटक) शामिल हैं.
चिट्ठी में प्रज्ञा ठाकुर के 25 दिसंबर को दिए बयान का ज़िक्र है. बीजेपी सांसद ने कर्नाटक के शिवमोगा में हिंदू जागरण वेदिक की सभा में कहा था कि हिंदुओं को महिलाओं की सुरक्षा के लिए अपने घरों में सब्ज़ी काटने वाले चाकू तैयार रखने चाहिए. इस बयान के बाद 28 दिसंबर को कर्नाटक में प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, आनंद अर्नी (पूर्व स्पेशल सेक्रटरी, कैबिनेट सेक्रेटेरियेट) मोहिंदरपाल औलख (पंजाब जेल के पूर्व महानिदेशक), शरद बेहर (मध्य प्रदेश के पूर्व चीफ़ सेक्रेटरी), मधु भंडारी (पोलेंड की पूर्व राजदूत) और नितिन देसाई (पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार) जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. (bbc.com/hindi)
इंदौर, 8 जनवरी | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। प्रवासी भारतीय दिल के टुकड़े हैं। प्रवासी भारतीय अपने गांव के लिए योगदान दें। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को इंदौर में प्रवासी भारतीयों और फ्रेंण्डस ऑफ एम.पी. चैप्टर लीडर्स एवं डेलीगेट्स को रात्रि भोज पर संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रवासी भारतीयों से कहा कि आप प्रवासी भारतीय सम्मेलन के साथ ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में भी भाग लें। निवेश के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीय मध्यप्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश ने शहरों और गांवों के गौरव दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि जिस दिन उनके शहर, गांव का गौरव दिवस हो, उस दिन वह अपने शहर, गांव जाकर आएं। शहर, गांव के लिए अपना योगदान दें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीयों का पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने कहा कि हम प्रवासी भारतीयों के मध्यप्रदेश में, इंदौर में आने को यादगार बनाना चाहते हैं। इसके लिए हम ग्लोबल गार्डन बना रहे हैं। ग्लोबल गार्डन में एक पेड़ आपके नाम का चाहता हूं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 11 देशों में फ्रेंड्स ऑफ एम.पी. हैं। हम प्रवासी भारतीयों से और अधिक मजबूत रिश्ते चाहते हैं। हम प्रवासी भारतीयों के परिवार के लिए अलग से पोर्टल बना कर उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान ने न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, यूके, यूएई आदि देशों से आये अतिथियों से मुलाकात भी की। (आईएएनएस)
हैदराबाद, 8 जनवरी | तेलंगाना के नालगोंडा जिले में रविवार तड़के एक सड़क दुर्घटना में 3 लोगों की मौत हो गई और 6 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह हादसा कट्टांगुर मंडल के यारसानीगुड़ा गांव के पास डिवाइडर से टकराकर वाहन पलटने से हुआ। इसमें सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हो गए।
घायलों को नारकेटपल्ली स्थित कामिनेनी अस्पताल ले जाया गया। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए नकरेकल के सरकारी अस्पताल में भेज दिया।
पीड़ित खम्मम शहर के किला बाजार इलाके के रहने वाले थे। वे हैदराबाद में एक शादी में शामिल होकर खम्मम लौट रहे थे।
पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि चालक को झपकी आने के कारण दुर्घटना हुई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों पर पैदल चलने वाले राहगीर सुरक्षित नहीं है। दिल्ली पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार वर्ष 2022 के अक्टूबर माह तक 489 राहगीरों की सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। बीते कई वर्षों के आंकड़े यदि देखे जाएं तो संख्या डराने वाली है। वर्ष 2021 में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक कुल 504 राहगीरों की मौत हुई। यातायात से जुड़े पुलिस अधिकारी का कहना है कि सड़कों पर राहगीरों के लिए सुविधाओं की कमी और राहगीरों की खुद की लापरवाही हादसों की सबसे बड़ी वजह है। दिल्ली की अधिकतम सड़कों पर राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ की कमी है। सड़क पार करने के लिए फुटओवर ब्रिज और अंडरपास नहीं है। ऐसे में राहगीर सड़क हादसों का अधिक शिकार हो रहे हैं। मंदिर मार्ग स्थित हॉकोर्ट बटलर सीनियर सेकेंडरी स्कूल और उसके ठीक सामने नवयुग स्कूल के पास कहीं भी जेबरा क्रॉसिंग नहीं बनी हुई है। क्रॉसिंग ना होने के चलते बच्चे अपनी जान खतरे में डालकर सड़क पार कर अपने-अपने वाहनों के लिए जाते हैं।
दिल्ली के सबसे व्यस्त चौराहे आईटीओ पर पैदल यात्री कान पर फोन लगाकर सड़क पार करते हुए दिखाई देते हैं। वहीं वाहनों के लिए लाइट होने के बाद भी वाहनों के बीच से सड़क पार करने का प्रयास करते हैं। जिससे कई बार दुर्घटना हो जाती है। इसके अलावा सड़क पर बनाए गए डिवाइडर तोड़कर सड़क पार करते लोग पूरी दिल्ली में आम है। इस तरह गैर जिम्मेदाराना तरीके से सड़क पार करते हुए कई बार गंभीर हादसे हो चुके हैं। जिनमें कई बार चालकों और पैदल राहगीरों की मौत भी हो गई है।
हादसों के पीछे ये हैं प्रमुख तीन कारण..
1- मानव..
चालक की गलती : तेज रफ्तार, लापरवाही से वाहन चलाना, नशे में वाहन चलाना, नियमों का उल्लंघन करना।
पीड़ित की गलती : जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार नहीं करना, वाहनों से उतरते और चढ़ते समय ध्यान नहीं देना, सड़क पर चलते समय मोबाइल और मोबाइल पर गाने सुनना और बात करना आदि।
2-ढांचागत..
सड़क की संरचना : सेंट्रल वर्ज का नहीं होना, गड्ढे, तीखे मोड़, राहगीरों के चलने के लिए फुटपाथ नहीं होना आदि
यातायात से संबंधित सुविधाएं: लाइट नहीं होना, अतिक्रमण, लेन में वाहनों का नहीं चलना, फुटपाथ नहीं होना, फुटओवर ब्रिज या अंडरपास नहीं होना आदि।
3-वाहन..
वाहनों के टायरों की स्थिति, फिटनेस, ओवरलोड, रिफ्लेक्टर का नहीं होना, सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करना, रियर व्यू मिरर नहीं होना, रियर पाकिर्ंग कैमरा नहीं होना आदि।
राहगीर इन बातों का रखें ध्यान:
-सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग का ही प्रयोग करें।
-सुनिश्चित करें कि आप किसी खड़ी वाहन के आगे या पीछे से सड़क पार न करें।
-जहां से सड़क पार करने का फैसला किया है वहां सड़क के किनारे रुकें।
-सड़क के दोनों ओर कई बार देखें और सुनें। यह देखें कि कोई ट्रैफिक तो नहीं आ रहा है।
-इंतजार करें, सभी ट्रैफिक गुजर जाने का। सड़क एकदम सीधे पार करें। देखते और सुनते रहें।
-सड़क पार करते समय जब तक आप दूसरी ओर न पहुंच जाएं, सभी तरफ देखते रहें।
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जिला वार आंकड़े..
जिला---------हादसे-----मौत
-उत्तर पूर्वी------22-----22
-शाहदरा -------17-----20
-पूर्वी ---------29-----29
-रोहिणी---------21----21
-बाहरी उत्तरी-----58-----59
-उत्तर पश्चिम-----42-----42
-मध्य----------25-----25
-उत्तरी---------40-----42
-दक्षिण पूर्वी------25-----25
-दक्षिण---------33-----33
-द्वारका---------25-----25
-बाहरी---------45-----45
-पश्चिमी---------51-----51
-नई दिल्ली------15------15
-दक्षिण पश्चिम-----34------35
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कुल----------482------489
नोट : आंकड़े एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक के हैं।
गत वर्ष की यह है स्थित:
वर्ष 2021 में दिल्ली की सड़कों पर 4273 सड़क हादसे हुए। इसमें 1239 लोगों की मौत हुई।
-40.7 प्रतिशत मौतें राहगीरों की हुई।
-38.1 प्रतिशत मौतें दोपहिया सवारों की हुई।
-3.4 प्रतिशत मौतें कार सवारों की हुई।
-3.6 प्रतिशत साइकिल सवारों की हुई मौत। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। इसके साथ ही वातावरण में घने कोहरे की चादर छाई होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक सफदरजंग में रविवार को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली में घने कोहरे के कारण सफदरजंग में विजिबिलिटी 200 मीटर और पालम में 50 मीटर दर्ज की गई। कड़ाके की ठंड ने दिल्ली-एनसीआर को परेशान कर रखा है। रविवार सुबह सफदरजंग बेस स्टेशन पर मिनिमम टेंपरेचर 1.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। यह सामान्य से 5 डिग्री कम है। सफदरजंग में यह पिछले दो साल का सबसे कम तापमान है। शनिवार को यहां न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं आया नगर में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस, लोधी रोड में 2.8 डिग्री सेल्सियस और पालम में 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम विभाग के अनुसार, शीतलहर से सोमवार के बाद कुछ राहत मिल सकती है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर घने कोहरे के कारण लगभग 20 फ्लाइट्स देरी से चल रही है। हालांकि जानकारी के अनुसार सुबह 6 बजे से अबतक किसी फ्लाइट को डाइवर्ट करने की जरूरत नहीं पड़ी है। वहीं रेल सेवाओं पर भी इस कड़ाके की ठंड का काफी असर पड़ा है। कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। जिसके चलते कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
वहीं भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार रविवार को दिल्ली और हरियाणा के कई हिस्सों में गंभीर शीतलहर चल रही है। उत्तरी राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी मध्य प्रदेश व बिहार के कुछ हिस्से भी शीतलहर की चपेट में हैं। (आईएएनएस)
बिस्वा भूषण महापात्र
भुवनेश्वर, 8 जनवरी | ओडिशा लगातार दूसरी बार 13 जनवरी से प्रतिष्ठित एफआईएच हॉकी पुरुष विश्व कप की मेजबानी करने के लिए तैयार है। चार साल में दो बार मेजबान होने के नाते, ओडिशा ने राज्य में दो अत्याधुनिक हॉकी स्टेडियम बनाए हैं और हॉकी को जमीनी स्तर से बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा भी विकसित किया है।
पुरुषों का हॉकी विश्व कप 13 से 29 जनवरी तक भुवनेश्वर के प्रतिष्ठित कलिंग स्टेडियम और राउरकेला में नवनिर्मित बिरसा मुंडा हॉकी स्टेडियम में खेला जाएगा। इन दो अंतरराष्ट्रीय मानक हॉकी स्टेडियमों के अलावा, राज्य सरकार ने सुंदरगढ़ जिले के 17 ब्लॉक में 17 एस्ट्रो-टर्फ बनाए हैं। सुंदरगढ़ जिले को हॉकी का पालना कहा जाता है।
आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले ने अब तक पुरुष और महिला दोनों टीमों के लिए 60 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी तैयार किए हैं। प्रसिद्ध नामों में 1975 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य माइकल किंडो, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और प्रबोध तिर्की सहित कई अन्य शामिल हैं।
बीरेंद्र लाकड़ा और अमित रोहिदास 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पुरुष टीम में शामिल थे। रोहिदास और नीलम संजीप एक्सेस को आगामी विश्व कप के लिए भारतीय टीम में नामित किया गया है।
इसी तरह, राज्य सरकार जाजपुर शहर, गंजम में छत्रपुर, संबलपुर में जुजुमारा और बामरा, कटक में सीडीए क्षेत्र, भुवनेश्वर में पतरापाड़ा क्षेत्र, राउरकेला में पंपोश स्पोर्ट्स हॉस्टल और भुवनेश्वर में कलिंगा स्टेडियम में भी इसी तरह की सुविधाएं विकसित कर रही है।
पूर्व भारतीय डिफेंडर लेजरस बारला ने कहा, राज्य सरकार ओडिशा में हॉकी को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ कर रही है। ओडिशा सरकार द्वारा की गई पहल का उद्देश्य ओडिशा में हॉकी खेलने की संस्कृति को नया जीवन देना है। बेहतर बुनियादी ढांचे और कोचिंग सुविधाओं के साथ, राज्य जूनियर और सब-जूनियर स्तरों पर नई प्रतिभाओं की पहचान करेगा।
उन्होंने कहा, स्कूल स्तर से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक, राज्य सरकार हॉकी को बढ़ावा देने के लिए सभी सहायता प्रदान कर रही है। राज्य 2018 से भारतीय हॉकी टीमों को प्रायोजित कर रहा है।
बरला ने कहा कि राज्य सरकार ने न केवल हॉकी के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, बल्कि उभरते हॉकी खिलाड़ियों को पेशेवर प्रशिक्षण देने के लिए कोच भी नियुक्त किए हैं।
उन्होंने कहा, युवा प्रतिभाओं को ठीक से पोषित किया जा सकता है ताकि वे भविष्य में देश के लिए खेल सकें। निकट भविष्य में एक दिन आएगा, जब भारतीय टीम में सबसे अधिक हॉकी खिलाड़ी ओडिशा से होंगे।
एक स्थानीय हॉकी विशेषज्ञ के अनुसार, सरकार ने हॉकी को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया है। फिर भी, प्रतिभा की खोज के लिए स्कूल और निचले स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | शुक्रवार को एमसीडी सदन में मेयर चुनाव के दौरान हुए बवाल के बाद दिल्ली एमसीडी के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव कब होगा, इसका फैसला अब दिल्ली के उपराज्यपाल करेंगे। लेकिन उपराज्यपाल ने अभी तक कोई तारीख तय नहीं की है। एलजी के फैसले के बाद ही मेयर का चुनाव होगा और एमसीडी को नया मेयर मिल पाएगा। एमसीडी की पीठासीन अधिकारी अभी सत्या शर्मा बनी रहेंगी। अश्विनी कुमार भी तब तक विशेष अधिकारी के पद पर काम करते रहेंगे।
आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम के मेयर पद को लेकर बीजेपी और आप के बीच जंग जारी है। एमसीडी मेयर का चुनाव 6 जनवरी को होना था। अगर 6 जनवरी को मेयर का चुनाव सकुशल संपन्न हो जाता तो दिल्ली वासियों को नया मेयर मिल जाता। लेकिन अभी दिल्लीवासी नए मेयर की आस में हैं।
गौरतलब है कि शुक्रवार 6 जनवरी को जब एमसीडी सदन शुरू हुआ और उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों की शपथ प्रक्रिया शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों के बीच नारेबाजी और हंगामा शुरू हो गया। एमसीडी सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि यह अखाड़े में तब्दील हो गया और हाथापाई शुरू हो गई। सदन में कुर्सियां फेंकी गई। इस वजह से सदन को अगली तारीख तक स्थगित कर दिया गया।
अब एमसीडी मेयर के चुनाव की अगली तारीख तय करने को लेकर गेंद उपराज्यपाल के पाले में है। दिल्ली के उपराज्यपाल ही तय करेंगे कि मेयर का चुनाव कब होगा। (आईएएनएस)
संदीप पौराणिक
भोपाल, 8 जनवरी | मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी तकरार तेज हो चली है। कांग्रेस ने सीडी, व्यापमं और भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है तो वहीं भाजपा भी आक्रामक मुद्दे में कांग्रेस से सवाल पूछ रही है।
नया साल शुरू होने के साथ कांग्रेस के तेवरों में तेजी से बदलाव आ रहा है, इसकी शुरूआत नए साल के पहले ही दिन से हो गई जब कांग्रेस ने नया साल नई सरकार की होर्डिग और बैनर राजधानी की सड़कों पर पाट दिए। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को भावी मुख्यमंत्री बताया गया। उसके बाद से तो कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस के निशाने पर भाजपा नेता व संघ के कार्यकर्ता तक हैं।
कांग्रेस ने सत्ताधारी दल को घेरने के लिए नेताओं की अश्लील सीडी, व्यापमं घोटाला और राज्य सरकार के एक दर्जन से ज्यादा मंत्रियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल को मुद्दा बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी और शिवराज सरकार को घेरने की शुरूआत नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के सीडी वाले बयान से हुई है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि उनके पास ऐसी अश्लील सीडी है जिसमें भाजपा के कई नेताओं की कलई खुल जाएगी, उसके बाद गोविंद सिंह ने व्यापमं मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की मूल प्रति भी मांग की है।
वहीं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने खुले तौर पर आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार के 15 मंत्रियों के भ्रष्टाचार का ब्यौरा कांग्रेस के पास है।
ज्ञात हो कि राज्य की सियासत में हनीट्रैप ने जमकर हलचल मचाई थी और इसकी आंच कई नेताओं तक पर आई थी, अब एक बार फिर सीडी का जिन्न बाहर आ रहा है।
कमल नाथ ने भी इस बात का दावा किया है कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने यह सीडी देखी थी और जांच के लिए पुलिस अधिकारियों को दी थी। इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने व्यापमं को लेकर जो शिकायत की है उसमें आरोप लगाया गया है कि व्यापमं घोटाले में भाजपा नेता, मंत्रियों, कार्यकर्ता भी शामिल हैं। दिग्विजय सिंह की शिकायत पर आठ साल बाद मामला दर्ज हुआ है।
भाजपा की ओर से कांग्रेस के आरोपों को हवा हवाई बताया जा रहा है। साथ ही संवैधानिक पदों पर काबिज नेताओं पर साक्ष्यों से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा कांग्रेस नेताओं को खुली तौर पर चुनौती दे चुके हैं कि अगर उनके पास यह सीडी है तो वे उसे सामने लाएं।
उनका कहना है कि गोविंद सिंह और कमल नाथ दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं और वह ऐसे मामलों के साक्ष्यों से खिलवाड़ कर रहे हैं जो न्यायालय में प्रक्रियाधीन हैं। सवाल उठता है कि जो मामला न्यायालय में है उसके साक्ष्यों को इन दोनों नेताओं ने अपने पास कैसे रखा है? इस बात को ध्यान में रखकर जांच एजेंसियों को दोनों नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव करीब आते ही एक दूसरे को घेरने की मुहिम तेज हो गई है और जिस तरह से भाजपा और सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें तो शक यहां तक भी होता है कि कांग्रेस नेताओं को भाजपा से जुड़े हुए कुछ लोग ही उकसाने के काम में लग गए हैं।
यही कारण है कि व्यापमं की आठ साल पुरानी शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और अब सीडी को हवा दी जा रही है। (आईएएनएस)
जम्मू, 8 जनवरी। सेना ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शनिवार को दो आतंकवादियों को मार गिराया, जिससे घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई। रक्षा सूत्रों ने बताया कि सात जनवरी की शाम करीब पौने सात बजे, पुंछ जिले के बालाकोट सेक्टर में सीमा पर तैनात सेना के सतर्क जवानों ने कोई संदिग्ध गतिविधि देखी।
रक्षा सूत्रों ने कहा, इसके बाद दो आतंकवादी मारे गए। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और अभियान जारी है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 8 जनवरी | उत्तर बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों की राजनीति एक बार फिर साबित कर रही है कि 'राजनीति अजीबोगरीब दोस्त बनाती है।' यहां दोस्त दुश्मन बन रहे हैं, दुश्मन दोस्त बन रहे हैं और पुरानी दोस्ती का पुनरुत्थान हो रहा है। दिलचस्प बात यह है कि पहाड़ी राजनीति में यह नया चलन एक महीने के भीतर विकसित हुआ। नाटक पिछले साल नवंबर के अंतिम दिनों में सामने आया और दिसंबर के अंत तक चक्र पूरा हो गया।
पिछले साल 24 नवंबर को अजय एडवर्डस द्वारा स्थापित हमरो पार्टी के बोर्ड के छह निर्वाचित प्रतिनिधियों के विपक्षी अनित थापा के नेतृत्व वाले भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) और तृणमूल कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने के बाद दार्जिलिंग नगर पालिका में बदलाव अपरिहार्य हो गया।
नतीजतन पिछले साल फरवरी में 32 में से 18 वाडरें को जीतकर बोर्ड पर नियंत्रण हसिल कर लेने के आठ महीने के भीतर हमरो पार्टी-नियंत्रित बोर्ड अल्पमत में आ गया। एक अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और अजय एडवर्डस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर प्रस्ताव को रोकने का एक प्रयास किया।
अंतत: पिछले साल 28 दिसंबर को बीजीपीएम-तृणमूल कांग्रेस गठबंधन के बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने के बाद उम्मीद के अनुरूप पहाड़ी नगर निकाय में सत्ता परिवर्तन हुआ। हमरो पार्टी के छह पार्षदों में से एक दीपेन ठाकुरी को दार्जिलिंग नगर पालिका का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
उस घटनाक्रम के बाद बिनॉय तमांग ने तृणमूल कांग्रेस के साथ नाता तोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की और यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने पहाड़ी लोगों के साथ विश्वासघात किया है। गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के पूर्व मुख्य कार्यकारी तमांग शुरू में जीजेएम में गुरुंग के करीबी विश्वासपात्र थे। हालांकि बाद में दोनों नेता अलग हो गए और तमांग तृणमूल में शामिल हो गए।
27 दिसंबर को उस घटनाक्रम के साथ, जो कि दार्जिलिंग नगर पालिका में गार्ड के परिवर्तन से एक दिन पहले का है, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के बिमल गुरुंग, अजय एडवर्डस और बिनॉय तमांग के साझा करने के बाद दार्जिलिंग हिल्स में नए राजनीतिक समीकरणों पर अटकलें तेज हो गईं। दार्जिलिंग शहर में एक सार्वजनिक रैली में तीनों ने दावा किया कि वे पहाड़ियों में लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं।
दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सदस्य राजू बिष्ट और बिमल गुरुंग के बीच शुक्रवार की देर रात हुई बैठक में ताजा समीकरणों ने पूरा चक्र बदल दिया। बैठक के बाद गुरुंग और बिस्ता दोनों के कुछ बयानों ने अटकलों को जन्म दिया कि गुरुंग भगवा खेमे के साथ अपने पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे थे और इसी तरह एडवर्डस और तमांग के साथ अपने नवगठित गठबंधन को भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी का समर्थन दे रहे थे।
लंबे समय तक भूमिगत रहने के बाद गुरुंग 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद पहाड़ियों पर लौट आए और भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया और तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुटता व्यक्त की। पिछले साल दिसंबर से वह पहाड़ी राजनीति में काफी निष्क्रिय रहे।
उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत की राजनीति के विशेषज्ञ निर्माल्य बनर्जी के अनुसार पहाड़ियों में वर्तमान सत्ता संघर्ष में गुरुंग-एडवर्डस-तमांग तिकड़ी के साथ-साथ भाजपा के लिए भी नए राजनीतिक समीकरण का उदय अपरिहार्य था।
बनर्जी ने कहा, हम सभी जानते हैं कि भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में जीती गई 18 लोकसभा सीटों को बरकरार रखने के लिए कितनी बेताब है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण दार्जिलिंग है, जिसे 2009 के लोकसभा के बाद से भगवा खेमे ने बरकरार रखा है। भाजपा अच्छी तरह से समझती है कि पहाड़ियों में जमीनी स्तर की राजनीतिक ताकतों के सक्रिय समर्थन के बिना वे दार्जिलिंग को बनाए रखने में सक्षम नहीं होंगे। अब भाजपा के लिए अनित थापा की बीजीपीएम के साथ किसी भी तरह की समझ इस बात पर विचार करने से बाहर है। जीटीए के वर्तमान प्रमुख थापा का तृणमूल कांग्रेस के साथ एक मजबूत संबंध है। अभी तक तृणमूल कांग्रेस और बीजीपीएम के बीच मतभेदों का कोई संकेत नहीं है। यह देखते हुए कि दोनों ने मिलकर दार्जिलिंग नगरपालिका का नियंत्रण ले लिया है। इसलिए भाजपा की अब स्वाभाविक पसंद गुरुंग-एडवर्डस-तमांग तिकड़ी है, क्योंकि सभी का पहाड़ी मतदाताओं के बीच पर्याप्त प्रभाव है।
बनर्जी ने कहा, 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद ममता बनर्जी के साथ गुरुंग की एकजुटता की अभिव्यक्ति, उनके लंबे भूमिगत कार्यकाल से पहाड़ियों में उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त करने के लिए थी। लेकिन उस कदम ने उन्हें कुछ समय के लिए पहाड़ियों में राजनीतिक रूप से महत्वहीन बना दिया। इस स्थिति में वह पहले एडवर्ड और तमांग के साथ गठबंधन करके और फिर इस त्रिकोणीय गठबंधन को राष्ट्रीय समर्थन देने का प्रयास करके अपनी प्रासंगिकता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
एडवर्डस के बारे में बनर्जी ने कहा कि वह अच्छी तरह से समझते हैं कि वह अपने दम पर बीजीपीएम और तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त मोर्चे से नहीं लड़ पाएंगे और इसलिए गुरुंग और तमांग के साथ गठबंधन करना उनकी मजबूरी बन गई है।
बनर्जी ने कहा, अंत में तमांग के संबंध में, वह ममता बनर्जी के समर्थन के साथ पहाड़ी राजनीति के नियंत्रक होने की उम्मीद के साथ गुरुंग के साथ अपने संबंध तोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन उस स्थान पर अनित थापा का कब्जा था, जो कभी तमांग के आदमी थे-शुक्रवार बाद में गुरुंग के साथ पहले संबंध टूट गए। इसलिए अब तमांग के लिए जीजेएम के साथ हमरो पार्टी के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को फिर से हासिल करना स्वाभाविक है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 8 जनवरी | तमिलनाडु के सात जिलों में रविवार को मध्यम बारिश की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने बताया कि, राज्य के चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम, कुड्डालोर, माइलादुथुराई और नागापट्टिनम जिलों में रविवार को मध्यम बारिश होगी।
आरएमसी ने यह भी कहा है कि, अगले दो दिनों तक चेन्नई और राज्य के अन्य तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी।
तमिलनाडु में अक्टूबर और नवंबर 2022 में भारी बारिश हुई, लेकिन दिसंबर में बारिश में कमी आई। इसके बाद राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
राज्य के सात जिलों में अगले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 8 जनवरी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने त्रिपाठी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि, उन्होंने उत्तर प्रदेश में भाजपा को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
त्रिपाठी ने बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल के रूप में छोटे कार्यकाल के लिए अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। (आईएएनएस)
प्रयागराज, 8 जनवरी | पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी का रविवार सुबह प्रयागराज में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे। त्रिपाठी यूपी विधान सभा के तीन बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
उन्हें दिसंबर में एक स्थानीय निजी अस्पताल में सांस लेने की समस्याओं के साथ भर्ती कराया गया था।
खाने में हो रही दिक्कत और पेशाब की समस्याओं के अलावा उन्हें सामान्य कमजोरी भी थी और बाद में उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में इलाज के बाद त्रिपाठी को घर लाया गया, जहां रविवार तड़के उनका निधन हो गया।
10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में पैदा हुए केसरी नाथ त्रिपाठी के पास बिहार, मेघालय और मिजोरम के राज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार था।
वह छह बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य रहे।
वह 1977 से 1979 तक जनता पार्टी के शासन के दौरान उत्तर प्रदेश में वित्त और बिक्री कर के कैबिनेट मंत्री थे।
त्रिपाठी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में भी लॉ की प्रैक्टिस की।
वह एक लेखक और कवि भी थे और उन्होंने कई किताबें लिखी हैं। (आईएएनएस)
संकेत पाठक
नई दिल्ली, 8 जनवरी | जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा की जा रही टारगेट किलिंग सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। घाटी में हिन्दू परिवारों, कश्मीरी पंडित और कर्मचारियों को आतंकी लगातार निशाना बना रहे हैं। इसको लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है।
सूत्रों की मानें तो टारगेट किलिंग करने वालों के खिलाफ केंद्र सरकार ने प्लान तैयार कर लिया है। इस की शुरूआत पिछले कुछ दिनों में दो आतंकी संगठनों को बैन कर और टारगेट किलिंग में शामिल 3 लोगों को आतंकी घोषित कर की जा चुकी है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू के राजौरी में नए साल की शुरूआत में हुई दो घटनाओं में 6 नागरिकों की टारगेट किलिंग के बाद गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को टारगेट किलिंग पर नकेल कसने और जम्मू संभाग में ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए अपनी रणनीति बदली है। उन्होंने अपेक्षाकृत सुरक्षित माने जाने वाले जम्मू क्षेत्र में टारगेट किलिंग को अंजाम देकर दहशत फैलाने का प्रयास किया है।
गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग पर शिकंजा कसने की कड़ी में पिछले 3-4 दिनों में कई सख्त कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय ने 4 जनवरी को आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के मुख्य भर्तीकर्ता एजाज अहमद को आतंकी घोषित किया। इसके अगले दिन गृह मंत्रालय ने दो और सख्त कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर में सक्रिय लश्कर कमांडर मोहम्मद अमीन उर्फ अबू खुबैब को भी आतंकी घोषित किया, तो वहीं द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) नामक संगठन को भी सरकार ने बैन कर दिया।
6 जनवरी को गृह मंत्रालय ने पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) को बैन किया और इसी दिन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के अरबाज अहमद मीर जिसे टारगेट किलिंग का मास्टरमाइंड भी माना जाता है को भी आतंकी घोषित कर दिया गया।
बैन किए गए आतंकी संगठन टीआरएफ और पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट मूल रूप से लश्कर और और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रॉक्सी के तौर पर काम कर रहे थे।
जानकार बताते हैं कि आतंक के पोषण के लिए पाकिस्तान पर पिछले सालों में बढ़ रहे दबाव को देखते हुए आईएसआई और आतंक के आकाओं ने इन नए संगठनों को भारत में गढ़ा। यह घाटी में आतंक के माहौल को जारी रखना चाहते है और बताना चाहते है कि जम्मू-कश्मीर में आतंक का खात्मा अभी नहीं हुआ है।
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जब से जम्मू कश्मीर में 370 हटा है, तभी से इन नए आतंकी संगठनों ने नाराज कश्मीरी युवाओं को आतंकी बनाना शुरू कर दिया। वहीं कोई शक न करे इस लिए इन्हें गैर इस्लामिक नाम दिया गया।
कश्मीर में हिंदुओं के खिलाफ हो रही टारगेट किलिंग में सबसे ज्यादा भूमिका इन दोनों आतंकी संगठनों की ही रही है। इन्ही छद्म नाम वाले संगठनों को पहचानकर कड़ी कार्यवाही की जा रही है ताकि पाकिस्तान को बेनकाब किया जा सके।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों द्वारा पिछले काफी समय से जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा के साथ सटे राजौरी और पुंछ जिलों को फिर से दहलाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक जम्मू सेफ-जोन माना जाता था। पर्यटक, स्थानीय नागरिक और कश्मीरी पंडित यहां पूरी तरह सुरक्षित माने जाते थे। लेकिन, अब आतंकियों का रुख इस तरफ होने से सुरक्षाबलों की चिंता बढ़ गई है।
एक अधिकारी के मुताबिक घाटी की तुलना में सुरक्षा बल जम्मू में बहुत कम ऑपरेशन चलाते रहे हैं, लेकिन पिछले 15 महीनों में जवानों ने यहां सघन तलाशी अभियान चलाया है। इस दौरान जम्मू में जवान लगातार हथियार, विस्फोटक, ग्रेनेड, आईईडी, आरडीएक्स सहित कई चीजें जब्त कर रहे हैं।
दरअसल घाटी में सुरक्षाबलों से मिल रही चुनौती के बाद बौखलाए आतंकियों ने नई रणनीति के तहत जम्मू में टारगेट किलिंग बढ़ाने की साजिश रची है। सभी एजेंसियां मिलकर इस आतंकी साजिश से निपटने की रणनीति बना रही है।
इसी के तहत केंद्र सरकार ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा मजबूत करने के लिए सीआरपीएफ की 18 से अधिक अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया है, जिनमें 1800 जवान शामिल हैं। सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियों ने राजौरी और पुंछ पहुंचते ही बंकर और पोस्ट बनाने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग से निपटने और आतंकियों के सफाए के लिए सुरक्षा बलों को पूरी आजादी दी है। हाल में जम्मू में हुई टारगेट किलिंग के बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कहा था कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवाद का सफाया करने का संकल्प लिया है।
उन्होंने कहा कि हालांकि मौतों की भरपाई नहीं की जा सकती है, लेकिन मारे गए लोगों के परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने ये भी कहा कि हमने सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ पूरी आजादी दी है। (आईएएनएस)
कुमार विक्रम
नई दिल्ली, 8 जनवरी | इंडिगो एयरलाइन ने अपने बेड़े में 300 विमानों का विस्तार किया है। विमानन क्षेत्र में वृद्धि के अनुसार देश की एयरलाइनों के बेड़े में अगले कुछ वर्षों तक हर साल 100 से अधिक विमान जुड़ने की संभावना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 2013 में करीब 400 विमान थे और 2021-22 में यह संख्या बढ़कर 700 हो गई। 2027 तक 1,200 विमानों के करीब हो जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि एयरलाइन के बेड़े के आकार का विस्तार एक व्यावसायिक निर्णय है और इसलिए प्रत्येक एयरलाइन वाणिज्यिक व्यवहार्यता, यातायात की मांग और अपनी व्यावसायिक योजना को ध्यान में रखते हुए विमानों को शामिल करने का निर्णय लेती है।
कोविड काल को छोड़कर विमानन यातायात में लगातार वृद्धि देखी गई है। अगले कुछ वर्षों के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा अखिल भारतीय यात्री वृद्धि 2023-24 में 371 मिलियन और 2024-25 में 412 मिलियन होने का अनुमान है।
इसी तरह हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में भी पिछले कुछ वर्षों में इसी तरह की वृद्धि दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डों की कुल संख्या 2014 में 74 से लगभग दोगुनी होकर 2022 में 141 से अधिक हो गई है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गोवा में मोपा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया, जिसके लिए नवंबर 2016 में आधारशिला रखी गई थी। इसे लगभग 2,870 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, ईटानगर के डोनी पोलो हवाई अड्डे का उद्घाटन नवंबर, 2022 में किया गया था।
विमानन यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने देश भर में 21 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है।
इन 21 हवाई अड्डों में गोवा में मोपा, नवी मुंबई, महाराष्ट्र में शिरडी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कलाबुरगी, विजयपुरा, हासन और शिवमोग्गा, मध्य प्रदेश में डबरा (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर,पुडुचेरी में कराईकल, आंध्र प्रदेश में दगदर्थी, भोगपुरम और ओरवाकल (कुरनूल), पश्चिम बंगाल में दुगार्पुर, सिक्किम में पाक्योंग, केरल में कन्नूर और अरुणाचल प्रदेश में डोनी पोलो व ईटानगर शामिल है।
इनमें से दुगार्पुर, शिर्डी, कन्नूर, पाक्योंग, कालाबुरगी, ओरवाकल (कुरनूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर और डोनी पोलो, ईटानगर और मोपा सहित कई ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे चालू हो गए हैं।
विमान और यात्री यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए विमानन नियामक ने 2021 में 862 लाइसेंस के मुकाबले 2022 में लगभग 1100 वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस जारी किए हैं। इनमें से अमेठी (यूपी) में आईजीआयूए केंद्र सरकार के अधीन है, आठ राज्य सरकारों के अधीन हैं और 25 निजी क्षेत्र में हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सरकार भारत में सार्वजनिक और निजी उद्यमों द्वारा एक क्षेत्रीय परिवहन विमान और संबंधित उपकरणों सहित विमान के निर्माण को बढ़ावा दे रही है और सुविधा प्रदान कर रही है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा विकसित हिंदुस्तान-228 (उन्नत) नागरिक विमान क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए उपयुक्त 19 सीटर टर्बो प्रॉप विमान है। एचएएल ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाओं (एनएएल) के साथ एक 19 सीटर लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एसएआएएस एमके2 के डिजाइन, विकास और प्रमाणन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं और बाद में इसका उत्पादन, विपणन और रखरखाव किया जाएगा। (आईएएनएस)
मनोज पाठक
मुजफ्फरपुर, 8 जनवरी | कहा जाता है कि अगर कठिन परिश्रम और लगन के साथ कोई भी कार्य समर्पित भाव से किया जाए तो उसे पूरा किया जा सकता है। वैसे, आज के दौर में कोई भी पिता अपने पुत्र को इंजीनियर, डाक्टर, आईएएस, आईपीएस बनाना चाहते हैं, लेकिन मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के एक प्रगतिशील किसान ने बेटे को सफल किसान बनाने का सपना देखा और आज पुत्र अपनी मेहनत की बदौलत उनके सपनों को पूरा कर रहा है।
मुजफ्फरपुर के सकरा प्रखंड के मछही गांव के 21 वर्षीय युवा सोनू निगम कुमार ने तो अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए खेती में हाथ आजमाए और चार साल में ही जैविक खेती कर ऐसा नाम कमाया कि उनका चयन राष्ट्रीय उद्यान रत्न पुरस्कार के लिए चयनित हो गया। आगामी 28 मई को महाराष्ट्र के जलगांव में सोनू अपना पुरस्कार ग्रहण करेंगे। इस पुरस्कार को ग्रहण करने के लिए सरकार द्वारा जारी पत्र मेल के माध्यम से सोनू को मिल चुका है।
सोनू ने आईएएनएस को बताया कि कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के कारण राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित सहित कई पुरस्कार पा चुके उनके पिता दिनेश कुमार का निधन अगस्त 2019 में एक दुर्घटना में हो गया था। उनका सपना था कि उनका पुत्र भी पढ़ लिखकर कोई अधिकारी नहीं बल्कि सफल किसान बने और ग्रामीणों को किसानी के लिए जागरूक करे।
पिता के निधन के बाद सोनू उनके सपने को पूरा करने में जुट गया। सोनू ऐसे तो सब्जी के कई प्रकार की खेती करते हैं लेकिन उनकी पहचान सीडलेस (बीज रहित) नींबू और परवल के कारण बनी है।
सोनू कहते हैं कि उन्होंने करीब चार साल पहले भारतीय सब्जी अनुसंधान केंद्र, वाराणसी से परवल का एक पौधा और महाराष्ट्र के जलगांव से नींबू का एक पौधा लाया था और आज वह पांच एकड़ में परवल की खेती करता है जबकि उसके पास नींबू के 60 पेड़ हैं।
आईएएनएस से बातचीत में वे कहते हैं कि यह परवल जहां आम परवल से बड़ा होता है, वहीं अंदर मात्र एक दो बीज होते हैं। यह बिना फ्रिज में रखे भी करीब एक सप्ताह तक पीला नहीं होता। उन्होंने जोर देकर बताया कि वे सिर्फ जैविक खेती करते हैं, किसी भी पौधे में रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करते।
इसी तरह सीडलेस नींबू गुच्छे में फलता है। आम नींबू से इसके आकार बड़े होते है और रसों से भरा होता है। वे कहते हैं कि एक पेड़ से प्रति वर्ष 300 नींबू तोड़े जाते हैं। उन्होंने कहा कि क्राफ्टिंग कर नींबू के पौधे को तैयार किया जाता है।
सोनू बताते हैं कि उन्हें किसानी करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों और परिवार के लोगों ने खूब हौसला बढ़ाया।
सोनू की इच्छा थी कि अल्पशिक्षित रहते हुए जब पिता राष्ट्रपति से सम्मानित हो सकते हैं तो मैं क्यों नही।
राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर सहित कई अन्य कृषि आधारित संस्थानों का मदद सोनू को मिलता रहता है।
राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान कॉलेज के प्रधानाध्यापक और कृषि वैज्ञानिक डॉ के के सिंह भी सोनू की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि ऐसे युवाओं के कृषि क्षेत्र में आने के बाद युवा इससे प्रेरित होते हैं।
उन्होंने कहा सोनू आज कई अन्य सब्जियों के लिए भी कार्य कर रहे हैं। (आईएएनएस)
श्रीनगर, 8 जनवरी | पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में मुख्य रूप से बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान विभाग कार्यालय ने रविवार को कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात होने की संभावना है। गुलमर्ग स्की रिसॉर्ट और सोनमर्ग हिल स्टेशन पर कल शाम हल्की बर्फबारी हुई।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "अगले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश या हिमपात होने की संभावना है।"
रात भर बादल छाए रहने से पिछले 24 घंटों में घाटी में न्यूनतम तापमान में सुधार हुआ है।
श्रीनगर में आज न्यूनतम तापमान शून्य से 0.1, पहलगाम में शून्य से 1.4 और गुलमर्ग में शून्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
लद्दाख क्षेत्र में कारगिल में न्यूनतम तापमान माइनस 9.5 और लेह में माइनस 8.6 रहा।
जम्मू में 5, कटरा में 10.2, बटोटे में 6.9, बनिहाल में 3.4 और भद्रवाह में 4 न्यूनतम तापमान रहा। (आईएएनएस)
मुंबई, 7 जनवरी | महाराष्ट्र के यवतमाल के एक अस्पताल में दो रेजिडेंट सर्जनों पर एक मरीज ने चाकू से हमला कर दिया। इस मामले से नाराज एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसल्टेंट्स (एएमसी) ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। ज्ञापन में, एएमसी अध्यक्ष नीलिमा वैद्य-भामारे ने 5 जनवरी की घटना का उल्लेख किया। मानसिक रूप से विक्षिप्त मरीज ने दो ऑन-ड्यूटी सर्जनों पर हमला किया और उन्हें बेरहमी से चाकू मार दिया। सूरज ठाकुर के रूप में पहचाने जाने वाले मरीज को गुरुवार की रात जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना ने पूरे महाराष्ट्र के चिकित्सा हलकों में हंगामा खड़ा कर दिया और रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार रात और शुक्रवार को अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
शुक्रवार को वसंतराव नाइक सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने आंदोलनकारी रेजिडेंट डॉक्टरों के लिए गेट खोलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद हाथापाई हुई जिसमें एक सुरक्षाकर्मी घायल हो गया।
13,000 से अधिक सदस्यों वाली 50 वर्षीय एएमसी ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की रीढ़ हैं और राज्य को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
एएमसी याचिका में वैद्य-भामारे ने कहा, ऐसे खतरनाक माहौल में उनसे योग्य स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा और स्टडी की उम्मीद नहीं की जा सकती। केंद्रीय कानून बनाने के लिए हम मामले को केंद्रीय स्तर पर उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि दो साल से, एएमसी स्वास्थ्य सुविधाओं में इस तरह के हिंसक कृत्यों के मामले में पुलिस कर्मियों के लिए एसओपी स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दे रही है।
एएमसी सचिव हेमंत दुगड़ ने प्रत्येक क्षेत्र में नपुंसक या हिंसक मरीजों और उनके रिश्तेदारों के 'ब्लैक रजिस्टर' की भी मांग की।
वैद्य-भामारे ने पुलिस आयुक्तों से सभी अस्पतालों, नसिर्ंग होम, क्लीनिक और डिस्पेंसरियों में प्रमुखता से डॉक्टरों के खिलाफ किसी भी हिंसा में लिप्त होने के परिणामों के बारे में मरीजों को चेतावनी देने वाले आधिकारिक पोस्टर लगाने की मांग की।
दुगड़ ने कहा कि इस तरह के हंगामे की स्थिति में त्वरित सहायता के लिए अपने इलाकों में सेवा देने वाले विभिन्न चिकित्सा सुविधाओं में सभी मेडिकोज के विवरण के साथ सभी पुलिस स्टेशनों द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाना चाहिए।
एएमसी के दोनों पदाधिकारियों ने कहा कि डॉक्टरों पर हमले में शामिल दोषियों पर महाराष्ट्र मेडिकेयर एक्ट के प्रावधानों के तहत तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। (आईएएनएस)
देहरादून, सात जनवरी । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का शनिवार को दौरा किया।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रभावित लोगों से भेंट की तथा उन्हें सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के दल से भी मुलाकात की जो बृहस्पतिवार से ही इस शहर में स्थिति की निगरानी कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि धामी ने लोगों को जोशीमठ से सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के बारे में भी उनसे बात की।
उल्लेखनीय है कि बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है।
आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं तथा कई मकान धंस गए हैं। (भाषा)।
त्रिशूर (केरल), 7 जनवरी । केरल के त्रिशूर जिले में 59 महिलाओं के एक गिरोह ने एक अन्य महिला की तस्वीर से छेड़छाड़ कर बनाई गई तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने का आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति पर कथित रूप से हमला किया।
पुलिस ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनमें से 11 को गिरफ्तार कर लिया गया है।
आरोपी यहां एक आध्यात्मिक ‘‘रिट्रीट सेंटर’’ की सदस्य हैं। उन्होंने शाजी पर उस समय हमला किया जब वह बृहस्पतिवार शाम एक कार में पांच अन्य लोगों के साथ कहीं जा रहा था।
व्यक्ति को घसीटते हुए और बेरहमी से पीटती हुई महिलाओं का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। वीडियो में कुछ महिलाओं को व्यक्ति पर लाठी से हमला करते भी देखा जा सकता है।
पुलिस ने बताया कि पास के मुरियाद के रहने वाले शाजी का अब भी एक अस्पताल में इलाज हो रहा है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति और उसके परिवार ने हाल ही में ‘‘रिट्रीट सेंटर’’ से अपना नाता तोड़ लिया था।
जिस वक्त यह घटना हुई उस समय कार में पीड़ित के परिवार के पांच अन्य सदस्य भी थे। यह घटना सेंटर परिसर के बाहर हुई थी।
घटना में परिवार के सदस्यों को भी मामूली चोटें आईं और हमले में वाहन का शीशा टूट गया।
पुलिस ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘व्यक्ति की शिकायत के अनुसार, महिलाओं ने इस गलतफहमी के चलते उस पर हमला किया कि उसने रिट्रीट सेंटर से संबंधित एक महिला की तस्वीर से छेड़छाड़ कर बनाई गई तस्वीरों को प्रसारित किया था।’’
आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 143, 147, 144, 128 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। 11 आरोपी महिलाओं को महिला जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है। (भाषा)।
जयपुर, सात जनवरी । राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में 5जी इंटरनेट सेवा का शुभारंभ किया।
इस मौके पर जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में गहलोत ने कहा कि इंटरनेट ने युवा पीढ़ी के सपनों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने इंटरनेट की लत की तुलना ‘अफीम की लत’ से करते हुए हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “इसके बिना सभी काम अटक जाते हैं।”
गहलोत ने कहा, “इंटरनेट का अपना महत्व है और अगर सही भावना से लिया जाए तो यह ज्ञान का स्रोत है। मौजूदा समय में ज्ञान ही शक्ति है और इंटरनेट ने युवा पीढ़ी के सपनों को पूरा करने का मार्ग प्रशस्त किया है।”
उन्होंने साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों और इंटरनेट के इस्तेमाल से उत्पन्न अन्य चुनौतियों पर चिंता भी जताई।
मुख्यमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “आज इंटरनेट अफीम की तरह हो गया है, जिसके बिना काम अटक जाता है। ‘इंटरनेट धीमा’ हो या सिग्नल कमजोर पड़ जाएं तो हम बेचैन हो जाते हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें इंटरनेट के इस्तेमाल की ऐसी आदत हो गई है कि अगर कुछ दोस्त तीन-चार घंटे साथ बैठे हों तो भी वे आपस में नहीं बतियाते, बल्कि इंटरनेट और मोबाइल पर गपशप करने में व्यस्त रहते हैं।”
गहलोत ने कहा कि लोगों को एक-दूसरे से आमने-सामने की मुलाकात करनी चाहिए और संस्कृति-परंपरा के बारे में बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “इंटरनेट के बिना किसी का काम चलता ही नहीं है। इंटरनेट तो एक तरफ से अफीम हो गया है। अगर व्यक्ति किसी गांव या कस्बे में चला गया और वहां सिग्नल कम आते हैं तो उसका दिमाग परेशान हो जाता है कि ये क्या हो गया। इसलिए इंटरनेट का अपना महत्व है, जिसे समझाने की जरूरत नहीं है।”
गहलोत ने बढ़ती साइबर धोखाधड़ी और इंटरनेट से उत्पन्न चुनौतियों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “साइबर जालसाजों के पास जांच एजेंसियों की तुलना में अधिक विशेषज्ञता होती है। ऐसे में साइबर अपराधों से निपटने के लिए कर्मचारियों को ज्यादा प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।” (भाषा)।
चाईबासा, सात जनवरी । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि हेमंत सोरेन ने झारखंड की पूरी सरकार लुटेरों और दलालों के हाथों में दे दी।
अपने दो दिवसीय झारखंड दौरे के दूसरे दिन शाह ने चाईबासा के टाटा कॉलेज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया, “झारखंड में इस समय भ्रष्टाचार चरम पर है। हेमंत सोरेन ने तो राज्य की पूरी सरकार लुटेरों और दलालों के हाथों में सौंप दी है।”
झारखंड में खनन घोटाले समेत विभिन्न मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में मुख्यमंत्री से जुड़े लोगों के खिलाफ मिले भ्रष्टाचार के सबूतों की तरफ इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा, “हेमंत भाई आपकी सरकार ने क्या काम किए हैं? भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं। वास्तव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक ऐसी सरकार आई, जिसने झारखंड को तबाह करके रख दिया।”
गृह मंत्री ने केंद्र सरकार को आदिवासियों की वास्तविक हितैषी बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए बजट राशि कांग्रेस की सरकारों के समय की अंतिम बजट राशि 21 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 86 हजार करोड़ रुपये कर दी है।
शाह ने कहा, “हेमंत सोरेन की आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच भेद पैदा करने की राजनीति सफल नहीं होगी। चाईबासा में तो भूमि बंदोबस्ती 1964 में हुई थी तो क्या सोरेन सरकार 1932 का खतियान लागू करके चाईबासा के लोगों को नौकरी नहीं देगी?”
उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार पर आदिवासियों के हितों से समझौता करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सोरेन सरकार घुसपैठियों से आदिवासी माता-बहनों की रक्षा करने में विफल रही है।
गृह मंत्री ने कहा, “सोरेन सरकार को आदिवासी महिलाओं से शादी कर जमीन हथियाने वाले घुसपैठियों पर लगाम लगानी चाहिए।”
झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ सहित तीन बड़े अभियानों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने झारखंड में वामपंथी उग्रवाद की कमर तोड़ दी है। आने वाले कुछ ही समय में देश में नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हेमंत सोरेन भाई, आपके अच्छे दिन समाप्त हो चुके हैं। जनता 2024 में आपको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।”
रैली के बाद शाह चाईबासा से कोरबा रवाना हो गए, जहां वह शाम को एक अन्य जनसभा को संबोधित करेंगे। उनका छत्तीसगढ़ से रवाना होने से पहले शाम सवा चार बजे कोरबा में माता सर्वमंगला मंदिर में पूजा-अर्चना करने का भी कार्यक्रम है। (भाषा)।
इंफाल, सात जनवरी । मणिपुर में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 43 सदस्यों ने शनिवार को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
राज्य के गृह विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इन उग्रवादियों ने 19 हथियार, 17 हथगोले, पांच हैंडहेल्ड सेट, नौ पीईके, पांच देसी बम और 209 गोला-बारूद मुख्यमंत्री के सामने रखे।
जिन उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें घाटी आधारित कांगलीपाक यावोल कनबा लुप (केवाईकेएल) के 13, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पांच, कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के 11, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के पांच, केसीपी (एन) के पांच, प्रीपाक (पीआरओ) के दो और एनएससीएन (यू) का एक उग्रवादी शामिल हैं।
जीवन की मुख्य धारा में लौटने पर इन उग्रवादियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपने जो कठिनाइयां झेली है, उसे मैं समझता हूं।’’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रगतिशील मणिपुर बनाने के हमारे काम से और उग्रवादियों को जुड़ते हुए देख खुशी हो रही है।’’ (भाषा)।
कौशांबी, सात जनवरी । उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के संदीपन घाट थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह बोरे में एक महिला की जली हुई लाश मिली। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मृतका की अभी शिनाख्त नहीं हो सकी है और पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह के मुताबिक, ग्रामीणों से मिली सूचना पर संदीपन घाट थाना पुलिस शनिवार सुबह नरवर पट्टी और बदनपुर गांव के बीच पहुंची, जहां सड़क किनारे रखे प्लास्टिक के एक बोरे से महिला की जली हुई लाश बरामद की।
सिंह ने बताया कि मृतका की शिनाख्त नहीं हो सकी है और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटा रही है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिला प्रतापगढ़ की पुलिस से संपर्क कर पता लगाया जा रहा है कि वहां किसी महिला की गुमशुदगी का मामला तो नहीं दर्ज कराया गया है।
सिंह के अनुसार, शव पूरी तरह से जला होने के कारण मृतका की सही उम्र का पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। (भाषा) ।