अंतरराष्ट्रीय
सऊदी, 3 अक्टूबर। सऊदी अरब की सरकार ने सभी देशों के नागरिकों के लिए उमराह का वीज़ा तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है.
सऊदी के हज और उमराह मंत्री डॉ. तौफ़िक़-अल-रबियाह ने उज्बेकिस्तान के दो दिवसीय दौरे के आख़िरी दिन घोषणा की.
सऊदी गैजेट के मुताबिक़, डॉ. अल-रबियाह ने उज्बेकिस्तान और उसकी जनता के विकास के लिए सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान की प्रतिबद्धता को भी ज़ाहिर किया.
दोनों देशों के बीच बातचीत मुख्य रूप से हज और उमराह को लेकर हुई.
सऊदी सरकार के मंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद यात्रा पर लगे प्रतिबंध कम होने और अधिक लोगों को अनुमति देने की वजह से इस साल क़रीब 12000 उज़्बेक नागरिक हज के लिए गए.
उन्होंने यह भी बताया कि बीते दो महीनों में 36000 से अधिक उज़्बेक नागरिकों ने उमराह किया है. इनमें से अधिकतर लोग मदीना भी गए.
दोनों देशों के बीच पारस्परिक संबंध मज़बूत करने को लेकर भी बातचीत हुई. साथ ही उमराह के लिए वीज़ा आसानी से मिलने और यात्रा को बेहतर बनाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. (bbc.com/hindi)
नेटो, 3 अक्टूबर । नेटो के महासचिव जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने यूक्रेन में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रूस को ‘गंभीर परिणाम भुगतने’ की चेतावनी दी है.
उन्होंने रविवार को कहा, ‘‘परमाणु हथियारों को लेकर हो रही बयानबाजी ख़तरनाक है और यह बड़ी लापरवाही है और किसी भी तरह के परमाणु हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध के तरीक़े को बदल सकता है.’’
नेटो महासचिव ने कहा, ‘‘परमाणु युद्ध कभी न तो लड़ा जाना चाहिए और न ही जीता जा सकता है. ये संदेश स्पष्ट रूप से नेटो और उसके सहयोगी रूस को देना चाहते हैं.’’
स्टॉलटेनबर्ग का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब यूक्रेन में अपनी सेना पर बढ़ते दबाव और कई इलाकों में हार के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियार इस्तेमाल करने के संकेत दिए हैं.
रूस के लोग ही कर रहे अपनी सेना की आलोचना
पश्चिमी देशों के नेता और सरकारें यह मानती हैं कि बीते शुक्रवार के बाद से यह ख़तरा और बढ़ा है, जब राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में चार इलाक़ों को आधिकारिक तौर पर रूस का हिस्सा घोषित कर दिया.
वहीं यूक्रेन का दावा है कि उसकी सेनाओं ने पूर्व में दोनेत्स्क प्रांत के लाइमन इलाके पर फिर से कब्जा कर लिया है. लाइमन को रेलवे हब के रूप में जाना जाता है.
लाइमन में रूसी सेना की हार के कारण रूस के सैन्य नेतृत्व की काफ़ी आलोचना हो रही है. इसके बाद पुतिन के कुछ करीबियों ने यूक्रेन और मज़बूत हमला करने की मांग शुरू कर दी है. कुछ कट्टर राष्ट्रवादी कम असर वाले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की वकालत भी कर रहे हैं.
रूस को चेतावनी
रूसी नेता रमज़ान कादिरोव ने शनिवार को कहा कि युद्ध में रूस की रणनीति में बदलाव की जरूरत है. रूस को ‘‘सीमा वाले इलाकों में मार्शल लॉ लागू करने और यूक्रेन पर कम असर वाले परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की जरूरत है.’’
टैक्टिकल परमाणु हथियार कम असरदार होते हैं. ये पारंपरिक हथियारों के मुकाबले 10 फीसदी ही असर डालते हैं.
स्टॉलटेनबर्ग ने नेटो देशों के इनफ्रास्ट्रक्टर पर हमले को लेकर भी रूस को चेतावनी दी है. उन्होंने संकेत दिए हैं कि नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन लीक भी किसी साजिश के तहत हुआ है.
उन्होंने कहा लाइमन में जिस तरह रूस की सेना को पीछे हटना पड़ा वो यूक्रेन के साहस और बहादुरी को दिखाता है. उन्होंने इसके लिए अमेरिका और नेटो के दूसरे देशों की ओर से दिए जा रहे हथियारों को भी वजह माना.
नेटो क्या है?
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन यानी नेटो दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1949 में बना था. इसे बनाने वाले अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी देश थे. इसे इन्होंने सोवियत यूनियन से सुरक्षा के लिए बनाया था. तब दुनिया दो ध्रुवीय थी. एक महाशक्ति अमेरिका था और दूसरी सोवियत यूनियन.
शुरुआत में नेटो के 12 सदस्य देश थे. नेटो ने बनने के बाद घोषणा की थी कि उत्तरी अमेरिका या यूरोप के इन देशों में से किसी एक पर हमला होता है तो उसे संगठन में शामिल सभी देश अपने ऊपर हमला मानेंगे. नेटो में शामिल हर देश एक दूसरे की मदद करेगा.
लेकिन दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद कई चीज़ें बदलीं. नेटो जिस मक़सद से बना था, उसकी एक बड़ी वजह सोवियत यूनियन बिखर चुका था. दुनिया एक ध्रुवीय हो चुकी थी. अमेरिका एकमात्र महाशक्ति बचा था. सोवियत यूनियन के बिखरने के बाद रूस बना और रूस आर्थिक रूप से टूट चुका था. (bbc.com/hindi)
रूस, 3 अक्टूबर । रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका और नेटो नॉर्ड स्ट्रीम एक और दो पाइपलाइन को नष्ट करने की मंशा रखते हैं.
रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़ाखारोवा ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस में जो कुछ भी कहा उससे उनकी मंशा स्पष्ट हो गई है.
टेलिग्राम पर मारिया ने कहा कि ब्लिंकन बिना हिचक के कह रहे हैं कि अमेरिका और नेटो नॉर्ड स्ट्रीम एक और दो गैस पाइपलाइन को तबाह करने की मंशा रखते हैं.
मारिया ने टेलिग्राम पर लिखा है, ''ब्लिंकन ने कहा कि पाइपलाइन से यूरोप में गैस नहीं जा रही है. नॉर्ड स्ट्रीम दो को यूरोप में गैस भेजने के लिए अनुमति नहीं है. नॉर्ड स्ट्रीम एक को रूस ने एक हफ़्ते पहले ही रोक दिया था. ब्लिंकन ने कहा कि रूस ऊर्जा ज़रूरतों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है.''
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ''रूस ने कभी ऊर्जा को हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया. अभी रूस और पहले सोवियत संघ यूरोप को गैस देते रहे हैं. इसमें कभी कोई रुकावट नहीं आई. पिछले 50 सालों से इस मुद्दे पर अमेरिका झूठ बोलता रहा है.''
नॉर्ड स्ट्रीम एजी कंपनी ने कहा है कि 26 सितंबर को पाइपलाइन को ज़्यादा नुक़सान पहुँचाया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के पास दो धमाके हुए थे. डेनिश न्यूज़ एजेंसी ने कहा था कि बड़ी मात्रा में गैस समंदर में लीक हुई है. इसके आसपास के इलाक़ों में शिप की आवाजाही रोक दी गई है.
नॉर्ड स्ट्रीम दो क़रीब 1,200 किलोमीटर लंबी यह गैस पाइपलाइन परियोजना बाल्टिक सागर से होकर पश्चिमी रूस से उत्तर-पूर्वी जर्मनी तक जाती है.
इस परियोजना के ज़रिए रूस से जर्मनी जाने वाली प्राकृतिक गैस की सप्लाई को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया. वर्तमान में रूस से जर्मनी जाने वाली गैस 'नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन' होकर जाती है, जिसे 2012 में बनाया गया था.
यदि यह परियोजना सफल हो जाएगी, तो इस पाइपलाइन से जर्मनी को हर साल 55 अरब घन मीटर गैस की सप्लाई हो सकेगी. इस परियोजना की मालिक रूस की सरकारी गैस कंपनी 'गज़प्रोम' है. लेकिन अब सब अधर में लटक गया है और जर्मनी दूसरे विकल्प की तलाश में है. (bbc.com/hindi)
ये चीन का सबसे बड़ा #Metoo ट्रायल हो सकता था जो दुनिया के दूसरे छोर अमेरिका के मिनेसोटा राज्य में चलता.
आरोप एक 49 वर्षीय अरबपति पर लगे थे जिन्हें चीन का 'जेफ़ बेजोस' भी कहा जाता है. आरोप लगाने वाली एक 25 वर्षीय चीन मूल की छात्रा थीं जिसने अपने यौन शोषण का दावा किया था.
ये मुक़दमा एक खुली अदालत में चलता. ऐसा होना चीन में लगभग असंभव है.
ये मुक़दमा मिनेसोटा के हेनपिन काउंटी में चलता जहां कथित तौर पर अपराध घटित हुआ.
लेकिन अदालत में कार्रवाई शुरू होने की पूर्वसंध्या ही इस मामले में नाटकीय मोड़ आ गया है. दोनों पक्ष अदालत के बाहर समझौते पर राज़ी हो गए हैं और अब मुक़दमा नहीं चलेगा.
आरोप के घेरे में थे रिचर्ड लियू जिन्हें चीन में लियू कियांगडोंग के नाम से जाना जाता है. आरोप लगाए थे लियू जिंगयाओ ने.
वैसे इन दोनों में कोई सीधा संबंध नहीं है, लियू चीन में एक चर्चित उपनाम हैं.
बीबीसी अपनी रिपोर्ट में लियू जिंगयाओ का नाम लिख रही है क्योंकि वो पहले ही अपनी पहचान इस नाम के साथ ज़ाहिर कर चुकी हैं.
दोनों पक्षों की तरफ़ से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि जो घटना हुई थी उससे कुछ ग़लतफ़हमियां हुईं थीं जिन्होंने जनता का ध्यान आकर्षित किया. इनकी वजह से दोनों ही पक्षों और उनके परिवारों को बहुत कुछ सहना पड़ा.
बयान में कहा गया कि अब दोनों ही पक्ष पीड़ा को कम करने के लिए अपने मतभेदों को ख़त्म कर समझौता करने के लिए तैयार हो गए हैं ताकि आगे और क़ानूनी लड़ाई ना लड़नी पड़े.
इस ख़बर से चीन के लोग हैरान है और बड़ी तादाद में लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर कुछ ही घंटों के भीतर इससे जुड़े हैशटैग ट्रेंड करने लगे.
बंद कमरे में समझौता
चीन के लोगों की नज़रें इस मुक़दमें पर लगी थीं और वो हज़ारों मील दूर अमेरिकी अदालत में चलने वाले इस मुक़दमे को चलते हुए देखना चाहते थे.
अमेरिकी न्याय व्यवस्था चीन की न्याय व्यवस्था के मुक़ाबले काफ़ी खुली और स्वतंत्र है.
अब बंद कमरे में इस मुक़दमे को लेकर समझौता हो गया है और इसे लेकर और अधिक कयास लगने शुरू हो सकते हैं.
चीन का मी टू अभियान भी विवादों में ही घिरा रहा है.
मुक़दमा शुरू होने से पहले ही 30 अगस्त 2018 की उस रात जो हुआ था उससे जुड़े वीडियो और ऑडियो क्लिप सामने आ गये थे जिन्हें लेकर लोगों ने भी अपनी राय बनाई थी.
उस समय लियू जिंगयाओ यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिनेसोटा में पढ़ रहीं थीं. उन्हें रिचर्ड लियू की मेज़बानी में एक नेटवर्किंग डिनर पर आमंत्रित किया गया था.
रिचर्ड ई-रिटेलिंग कंपनी जेडी डॉट कॉम के संस्थापक हैं. इस डिनर में उनके अलावा चीन के कई और ताक़तवर कारोबारी लोग थे. इस डिनर के बाद दोनों ही छात्रा के अपार्टमेंट चले गए थे.
क्या थे आरोप?
छात्रा ने आरोप लगाया था कि रिचर्ड लियू और अन्य मेहमानों ने उन पर डिनर के दौरान अत्याथिक शराब पीने का दबाव बनाया था.
छात्रा का आरोप था कि जब वो दोनों कार में जा रहे थे तब रिचर्ड ने उनके साथ ज़बरदस्ती की थी और वो इतने नशे में थीं कि विरोध नहीं कर पाईं थीं.
छात्रा का आरोप था कि इसके बाद वो उसके साथ अपार्टमेंट में आ गए थे और विरोध के बावजूद उसका बलात्कार किया था.
वहीं रिचर्ड लियू का कहना था कि वो बहुत ज़्यादा नशे में नहीं थीं और उन्हें अपार्टमेंट में आमंत्रित किया गया था जहां दोनों के बीच मर्ज़ी से सेक्स संबंध बने थे.
इस घटना के तुरंत बाद ही लियू जिंगयाओ ने अपने एक दोस्त को बताया था कि क्या हुआ है. उसने पुलिस को बुला लिया था.
रिचर्ड लियू को गिरफ़्तार कर लिया गया था और उनकी गिरफ़्तारी दुनियाभर में सुर्ख़िया बनीं थीं.
रिचर्ड ने किसी भी तरह के अपराध से इनकार किया था और अगले ही दिन उन्हें छोड़ दिया गया था.
कुछ सप्ताह चली जांच के बाद स्थानीय अभियोजकों ने आरोप तय करने से इनकार कर दिया था. अभियोजको का कहना था कि आरोपों को साबित करना सबूतों के अभाव में मुश्किल होगा.
अप्रैल 2019 में लियू जिंगयाओ ने सिविल लॉ सूट दर्ज कराया था और रिचर्ड लियू पर यौन हमले के आरोप लगाते हुए पचास हज़ार डॉलर हर्ज़ाना मांगा था.
अदालत ने कहा था कि छात्रा के दावों पर सिविल अदालत में मुक़दमा चलाया जा सकता है. अदालत ने कहा था कि रिचर्ड की कंपनी को भी ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है.
मुक़दमा दायर होने के बाद घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए थे जिनमें रेस्त्रां के बाहर दोनों के बात करने का वीडियो, अपार्टमेंट की लिफ्ट का वीडियो और पुलिस के बॉडी कैमरों का वीडियो शामिल थे.
ये वीडियो सबसे पहले चीन की गुमनाम सी वेबसाइटों पर पोस्ट किए गए थे. छात्रा और उसके वकीलों ने आरोप लगाया था कि इन्हें छात्रा के पक्ष को कमज़ोर करने के मक़सद से लीक किया गया है.
वहीं रिचर्ड लियू के वकीलों ने बीबीसी को बताया था कि ये वीडियो पुलिस ने मीडिया के मांगने पर जारी किए थे.
हालांकि एक बात पक्की थी कि इन वीडियो के सामने आने के बाद चीन के लोगों की राय रिचर्ड के समर्थन में बनीं और छात्रा की आलोचना भी की गई.
बहुत से लोगों ने टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रा ने पैसा हासिल करने के लिए ऐसा किया था.
रविवार को जब समझौते की ख़बर आई तो फिर से चीन के सोशल मीडिया पर कहा जाने लगा है कि छात्रा ने पैसा लेने के लिए ही ये आरोप लगाए थे. (bbc.com/hindi)
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर। पाकिस्तान में शहबाज शरीफ मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ उनके ऑडियो लीक को लेकर कानूनी कार्रवाई शुरू करने के संबंध में शुक्रवार को औपचारिक रूप से फैसला किया। एक खबर में यह जानकारी दी गई है।
खबर के अनुसार, हाल में लीक हुए ऑडियो में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के तीन नेताओं को पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान के साथ अमेरिकी साइफर (गूढ़लेख) के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है।
इसके अनुसार लीक हुए इस ऑडियो में खान अपनी सरकार को गिराने की कथित साजिश के बारे में भी बात कर रहे थे।
इस ऑडियो लीक का संज्ञान लेते हुए कैबिनेट ने 30 सितंबर को एक समिति का गठन किया था।
समिति ने इस ऑडियो लीक को लेकर कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की।
‘जियो न्यूज’ की खबर के अनुसार कैबिनेट समिति ने सिफारिश की है, ‘‘यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, जिसका राष्ट्रीय हितों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और इस संबंध में कानूनी कार्रवाई महत्वपूर्ण है।’’
संघीय जांच एजेंसी को अमेरिकी साइबर और ऑडियो लीक की जांच का काम सौंपा जाएगा।
इस बीच, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की नेता मरियम नवाज शरीफ ने शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त किया और कहा कि इतने सारे आरोप होने के बावजूद सरकार खान को गिरफ्तार करने में विफल रही है।
उन्होंने खान के बानी गाला स्थित आवास पर छापेमारी करने की मांग की।
वित्त मंत्री इसहाक डार ने कहा कि खान "सत्ता के भूखे" हैं और ‘‘किसी भी कीमत पर’’ देश पर शासन करना चाहते हैं। (भाषा)
-शहजाद मलिक
इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर । ऑडियो लीक मामले में पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है.
शहबाज़ शरीफ़ हुकूमत के इस निर्णय के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के अध्यक्ष इमरान खान और दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इमरान खान के प्रधानमंत्रित्व काल में उनके प्रमुख सचिव रहे आज़म ख़ान का नाम भी इस सूची में शामिल है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बीबीसी को इस ख़बर की पुष्टि की कि संघीय जांच एजेंसी को जांच का आदेश दिया गया है.
गौरतलब है कि हाल ही में सामने आए ऑडियो लीक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, तत्कालीन प्रधान सचिव आजम खान और संघीय विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को एक राजनयिक पोस्ट के बारे में बात करते हुए सुना गया था.
कल एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में इमरान खान ने बातचीत की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास की सिक्योर लाइन पर हुई बातचीत को हैक कर लिया गया, जो चिंता का विषय है. (bbc.com/hindi)
लाहौर, 2 अक्टूबर | पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पीएमएल-एन नेताओं ने कहा कि पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक गोपनीय दस्तावेज (सिफर) चोरी करने के लिए गोपनीयता अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, उन्होंने कहा कि संसद विचार-विमर्श के बाद इमरान खान और उनके उकसाने वालों के खिलाफ अनुच्छेद 6 को लागू करने का फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय का ऑडियो लीक एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है। इमरान खान ने अपनी डायरी में इसे छिपाकर प्रधानमंत्री कार्यालय से गुप्त दस्तावेज चोरी कर लिया था।
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने ट्रंप के घर पर छापा मारा था और इसी तरह यहां भी किया जाना चाहिए और दस्तावेज की बरामदगी के लिए बनिगला की तलाशी ली जानी चाहिए।
मरियम ने कहा कि वह देश की व्यवस्था पर हैरान थीं क्योंकि जिस व्यक्ति (इमरान) को जेल में होना चाहिए था, वह खुला घूम रहा है। इमरान खान अपनी जनसभाओं में इस मुद्दे पर बात कर जानबूझ कर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) की नियुक्ति को विवादास्पद बना रहे हैं।
मरियम ने कहा, "कई निर्वाचित प्रधान मंत्री और तानाशाह आए लेकिन देशद्रोह का लेबल केवल इमरान खान को ही सूट करता है।"
ऑडियो लीक के बारे में बात करते हुए मरियम नवाज ने कहा कि लोग इमरान खान के ऑडियो को जितना ज्यादा सुनेंगे, उतना ही वे समझ पाएंगे कि उन्होंने कितनी बड़ी साजिश रची थी। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 2 अक्टूबर | पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा लगभग एक सप्ताह के दौरे पर अमेरिका पहुंचे। इस दौरान वह बाइडेन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों ने जब अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत से सेना प्रमुख के दौरे के बारे में जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा, हां, वह यहां हैं।
'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, दूत ने जहां प्रमुख के यात्रा कार्यक्रम को साझा करने से परहेज किया, वहीं अन्य सूत्रों ने कहा कि जनरल बाजवा के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल डी. हैन्स और सीआईए के निदेशक विलियम जे. बर्न्स से मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तानी अधिकारी अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक बैठक सुनिश्चित करने की भी कोशिश कर रहे हैं।
एक सूत्र ने कहा, इसकी बहुत अधिक संभावना है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
जनरल बाजवा अपने वरिष्ठ सहयोगियों के साथ अपने आधिकारिक विमान से लंदन से उड़ान भरते हुए शुक्रवार को न्यूयॉर्क पहुंचे। उनके वीकेंड में वाशिंगटन पहुंचने की उम्मीद थी।
बुधवार को, पाकिस्तान के सेना प्रमुख विभिन्न थिंक-टैंक के सदस्यों और पाकिस्तान के मामलों में रुचि रखने वाले अन्य विद्वानों से मुलाकात करेंगे।
जनरल बाजवा पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में रहे हैं, उनकी अमेरिका की आखिरी आधिकारिक यात्रा 2019 में हुई थी, जब वे तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वाशिंगटन की तीन दिवसीय यात्रा पर गए थे। (आईएएनएस)
-ब्रजेश मिश्र
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर । अभिनेता ब्रूस विलिस के मैनेजर ने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है जिनमें दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने चेहरे के इस्तेमाल के अधिकार बेच दिए हैं.
दरअसल, बीते सप्ताह ऐसी ख़बरें आई थीं कि अभिनेता ने अपना चेहरा इस्तेमाल करने के अधिकार डीपकेक नाम की एक कंपनी को बेच दिए हैं. ये अपने आप में इस तरह की पहली और अनोखी डील होती.
हालांकि अभिनेता के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि कंपनी के साथ उनका कोई ‘समझौता या पार्टनरशिप’ नहीं है.
डीपकेक कंपनी के एक प्रतिनिधि ने कहा कि सिर्फ़ विलिस के पास ही उनके चेहरे के इस्तेमाल के अधिकार हैं.
विलिस ने इस साल मार्च में एक बीमारी का पता चलने के बाद एक्टिंग से रिटायरमेंट की घोषणा की थी. उन्हें अफ़ेज़िया है. यह ऐसा डिसऑर्डर है जिसका असर बोलने पर पड़ता है.
डीपफ़ेक बेहद वास्तविक लगने वाले वीडियो बनाने के लिए एक आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग टेक्नोलॉजी है जो अक्सर नेताओं और सेलेब्रिटीज़ के वीडियो बनाती है. ये तकनीक उन अभिनेताओं के लिए बेहद क्रांतिकारी हो सकती है जो अब एक्टिंग नहीं करते.
कई मीडिया संस्थानों ने यह ख़बर दी कि ब्रूस विलिस पहले हॉलीवुड अभिनेता होंगे जो अपने चेहरे के इस्तेमाल के अधिकार बेचेंगे.
हालांकि ये दावे ग़लत साबित हुए.
सच ये है कि विलिस ने बीते साल रूसी टेलीकॉम कंपनी मेगाफोन के लिए एक विज्ञापन किया था जिसमें डीपफ़ेक का इस्तेमाल किया गया था. इसमें जो तकनीक इस्तेमाल की गई थी वो डीपकेक ने बनाई थी.
डीपकेक ने बीबीसी को बताया कि उस विज्ञापन के लिए कंपनी ने विलिस की टीम के साथ बेहद करीबी से काम किया.
कंपनी ने यह भी कहा कि "यह बिल्कुल सच है कि उन्होंने अपना डिजिटल जुड़वां बनाने के लिए अनुमति और सामान उपलब्ध कराया था."
हालांकि अभिनेता के मैनेजर का कहना है कि ब्रूस विलिस और डीपकेक कंपनी के बीच कोई भी करार या पार्टनरशिप नहीं रही. (bbc.com/hindi)
फोर्ट मायर्स (अमेरिका), 2 अक्टूबर। अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के अधिकारियों ने तूफान ‘इयान’ से कई और लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है जिन्हें मिलाकर अबतक देश में 47 लोगों की इस तूफान में जान जा चुकी है। वैश्विक स्तर पर ‘इयान’ तूफान से मरने वालों की संख्या अब 54 हो गई है।
मौतों के आंकड़ों को फ्लोरिडा राज्य के चिकित्सकों की टीम ने संकलित किया है और उनके मुताबिक कई लोगों की मौत तूफान के बाद आई बाढ़ में डूबने से हुई है।
शक्तिशाली तूफान ने पश्चिमी क्यूबा, फ्लोरिडा और साउथ कैरोलिना में अत्यधिक कहर बरपाया है।
अमेरिका के नेशनल गार्ड के प्रमुख व चार सितारा जनरल डेनियल होंकसन ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि अकेले शनिवार को एक हजार से अधिक लोगों को फ्लोरिडा के दक्षिण पश्चिमी तट से सुरक्षित निकाला गया है।
अधिकारियों ने बताया कि नदी में आई बाढ़ से बचाव कार्य और आपूर्ति बहाल करने में बाधा उत्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि मियक्का नदी में आई बाढ़ की वजह से अंतर राज्य मार्ग संख्या 75 का कुछ हिस्सा बह गया जिससे शनिवार को इस पर यातायात रोक दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कैरोलिना में तूफान से चार लोगों की मौत हुई और इनमें से अधिकतर मौतें पेड़ गिरने और बिजली की चपेट में आने से हुई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में 2,80,000 घरों में बिजली की आपूर्ति बाधित है।
उत्तरी कैरोलिना में तूफान की वजह से हुए सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हुई है। (एपी)
पाकिस्तान में इस्लामाबाद की स्थानीय अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है.
बीबीसी उर्दू की एक ख़बर के मुताबिक़, इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी का यह वारंट एक महिला जज जेबा चौधरी को धमकी देने के मामले में जारी किया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री ख़ान पर 20 अगस्त, 2022 को आयोजित एक रैली के दौरान पुलिस (आईजी) और न्यायपालिका (महिला जज) को 'धमकाने' का आरोप लगा था, और फिर उन पर एफ़आईआर दर्ज किया गया था.
इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ आतंकवाद निरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया था.
हालांकि अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान इस मामले से आतंकवाद निरोधक प्रावधानों को हटा दिया है.
मामले में अन्य प्रावधान बरक़रार रखे गए, जिसके तहत अदालत ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया.
हालांकि जानकारों के मुताबिक़, आतंकवाद निरोधक प्रावधान हटाने के बाद दर्ज मामले की सभी धाराएं जमानती हैं. (bbc.com/hindi)
सऊदी, 1 अक्टूबर । सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अब सऊदी अरब के प्रधानमंत्री हैं. इसके साथ देश से ज़्यादा विदेशों में उनकी अहमियत और बढ़ेगी. देश के भीतर वो पहले ही काफ़ी ताक़तवर हैं.
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की नियुक्ति ऐसे वक़्त पर हुई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को यह तय करना है कि क्या अमेरिकी अदालतों में दायर मामलों में प्रिंस मोहम्मद पर केस चलाया जा सकता है या नहीं?
क्राउन प्रिंस मोहम्मद के ख़िलाफ़ बीते कुछ वर्षों में विदेशों में कई मामले दर्ज हुए हैं. साल 2018 में सऊदी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के मामले में भी उन पर आरोप लगे जिसकी वजह से पश्चिमी देशों में उनकी छवि नकारात्मक बन गई.
लीगल इम्यूनिटी
उनके वकील ने अपनी याचिका में कहा कि वो (प्रिंस मोहम्मद) ‘सऊदी अरब की सरकार के शीर्ष पद पर हैं’ इसलिए उन्हें लीगल इम्यूनिटी मिलनी चाहिए.
मानवाधिकार कार्यकर्ता और सरकार के आलोचकों का मानना है कि प्रिंस मोहम्मद को प्रधानमंत्री बनाना उन्हें कानून और मुकदमे से बचाने का खुला प्रयास है.
जमाल खाशोज्जी के एनजीओ डेमोक्रेसी फॉर अरब वर्ल्ड (DAWN) की कार्यकारी निदेशक सारा लीह वाइटसन ने एएफपी से कहा कि ‘नया पद देकर उन्हें बचाने का यह आखिरी प्रयास है.’
हालांकि इस मामले में सऊदी अरब के अधिकारियों ने कोई बयान नहीं दिया.
अक्टूबर 2020 में जमाल खाशोज्जी की हत्या के दो साल बाद DAWN ने खाशोज्जी की मंगेतर के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र में एक शिकायत देकर प्रिंस मोहम्मद पर खाशोज्जी की हत्या की ‘साजिश रचने’ का आरोप लगाया.
आरोप में यह भी कहा गया कि इसी साजिश के तहत खाशोज्जी को अगवा करके उन्हें ड्रग्स देने और टॉर्चर करने के बाद उनकी हत्या की गई.
बीते साल जो बाइडन ने एक खुफिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया था जिसमें दावा किया गया था कि प्रिंस मोहम्मद ने खाशोज्जी के ख़िलाफ ऑपरेशन की अनुमति दी थी. इस आरोप से सऊदी अरब हमेशा इनकार करता रहा है.
हालांकि सिर्फ खाशोज्जी का मामला ही नहीं है जो प्रिंस मोहम्मद के लिए अमेरिका में मुश्किलें खड़ी कर रहा है. यहां कई अन्य मामलों में भी उनका नाम शामिल है. (bbc.com/hindi)
यशवंत राज
वाशिंगटन, 30 सितम्बर (आईएएनएस)| क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दी गई नसीहत यूक्रेन के खिलाफ रूस के जारी युद्ध और अमेरिका की अगुवाई वाले पश्चिम के बीच भारत की अजीब स्थिति को लेकर एक सोची समझी अभिव्यक्ति थी।
या, क्या यह दोनों नेताओं के नौ महीने से अधिक समय में पहली बार व्यक्तिगत रूप से मिलने का एक 'स्वाभाविक' परिणाम था, जिसमें बात करने और चर्चा करने के लिए वैश्विक और द्विपक्षीय मुद्दों का एक उभरता हुआ बंधन था?
मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से इतर समरकंद में पुतिन से कहा, "मैं जानता हूं कि आज का युग युद्ध का नहीं है और हमने आपसे कई बार फोन पर बात की है कि लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद ऐसी चीजें हैं जो दुनिया को छूती हैं।"
पुतिन के लिए मोदी की टिप्पणी का अमेरिका और पश्चिमी नेताओं पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा। कुछ ने इसे एक संकेत के रूप में लिया कि पुतिन ने अपने दो सबसे बड़े सहयोगियों में से एक को खो दिया है। और दूसरा, चीन के शी जिनपिंग भी असहज थे क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर रूसी नेता को एक समान संदेश दिया था, लेकिन निजी तौर पर।
कुछ दिनों बाद, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि मोदी की टिप्पणी का संयुक्त राज्य द्वारा बहुत स्वागत किया गया। इस हफ्ते की शुरूआत में, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, "हम और अधिक सहमत नहीं हो सकते थे।"
यहां तक कि अमेरिकी सांसदों ने भी इसपर ध्यान दिया।
प्रतिनिधि सभा के एक भारतीय डेमोक्रेटिक सदस्य रो खन्ना ने कहा, मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि आक्रमण गलत है।
खन्ना यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और उसके द्वारा रूसी तेल के निरंतर आयात की निंदा करने से भारत के इनकार के लिए अत्यंत आलोचनात्मक थे।
मोदी की टिप्पणी ने उस नैरेटिव को बदल दिया जिसने अमेरिका में जड़ें जमा ली थीं कि भारत और चीन रूस के सबसे बड़े समर्थक थे और जब तक पुतिन के पास मोदी और शी हैं, वह अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करने में सक्षम होंगे और यूक्रेन पर अपने आक्रमण को समाप्त करने के लिए अनिच्छुक होंगे। मोदी की टिप्पणी उक्त भारतीय स्थिति के अनुरूप थी कि शत्रुता तुरंत समाप्त होनी चाहिए और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार सभी की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए।
तेहरान, 1 अक्टूबर | ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान में एक पुलिस थाने पर हुए 'आतंकवादी' हमले में कम से कम 19 लोग मारे गए। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने मोदारेस खियाबानी के हवाले से कहा, "आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों से जुड़े कुछ दंगाइयों ने शुक्रवार की नमाज की आड़ में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया। उन्होंने पत्थर और ज्वलनशील चीजें फेंक दी और गोलीबारी भी की।"
उन्होंने बताया कि प्रांतीय राजधानी जाहेदान में हुई इस घटना में 19 लोगों की जान चली गई और पुलिस बल के सदस्यों समेत 20 अन्य घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि हमलावरों ने चेन स्टोर सहित अन्य सार्वजनिक संपत्ति में भी आग लगा दी और बैंकों और सरकारी केंद्रों में तोड़फोड़ की।
उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस बल ने हमलावरों को निर्णायक प्रतिक्रिया दी और सभी की गिरफ्तारी तक टकराव जारी रहा, उन्होंने कहा कि उनका प्रांत अब शांत है।
प्रेस टीवी ने बताया कि पुलिस स्टेशन पर हमले के बाद एक सशस्त्र समूह एक मस्जिद के पास इकट्ठा हो गया और गोलीबारी शूटिंग शुरू कर दी। सिस्तान और बलूचिस्तान में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्डस कॉर्प्स की खुफिया इकाई के कमांडर अली मौसवी को झड़पों में मार दिया गया। (आईएएनएस)|
इस्लामाबाद, 1 अक्टूबर | पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में जंगली पोलियो वायरस से 10 महीने के एक बच्चे की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने पुष्टि की है कि बच्चे को 15 सितंबर को लकवा मार गया था और वह अपने बाएं हाथ और गर्दन से विकलांग हो गया था।
यह साल का 20वां पोलियो केस था।
इस साल पाकिस्तान में सभी मामलों का पता केपी में चला, जिसमें लक्की मारवात के दो मरीज, उत्तरी वजीरिस्तान के 17 और दक्षिण वजीरिस्तान के एक मरीज थे।
स्वास्थ्य मंत्री अब्दुल कादिर पटेल ने बयान में कहा कि पाकिस्तान के बच्चों को अब पहले से कहीं ज्यादा समर्थन की जरूरत है।
मंत्री ने कहा, "देश में मौजूदा मानवीय संकट ने जंगली पोलियो संचरण के जोखिम को बढ़ा दिया है। अब पोलियो उन्मूलन का समर्थन करना महत्वपूर्ण है, ताकि उन्हें और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं से बचाया जा सके।"
पोलियो वायरस केपी के बाहर पाया गया है, हालांकि, मंत्रालय के अनुसार, इसने पाकिस्तान में कहीं और बच्चों को अपंग नहीं बनाया है। (आईएएनएस)|
चार्ल्सटन (अमेरिका) 1 अक्टूबर । फ्लोरिडा के बाद दक्षिण कैरोलिना में एक बार फिर प्रचंड होने के बाद तूफान ‘इयान’ ने कहर बरपाया जिससे सड़कों पर पानी भर गया, पेड़ उखड़ कर गिर गए तथा कई मकानों की छतें उड़ गईं।
इससे पहले ‘इयान’ की वजह से फ्लोरिडा में हजारों मकानों की बिजली गुल हो गई तथा कम से कम 17 लोगों की जान चली गई।
फ्लोरिडा के प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि जान गंवाने वालों में 22 साल की एक युवती शामिल है जो सड़क पर पानी में बह जाने की वजह से शुक्रवार को गहरे गड्ढे में गिर गई थी। इसके अलावा 71 वर्षीय व्यक्ति के सिर पर छत का एक हिस्सा गिर जाने की वजह से उनकी मौत हो गई। पानी के तेज बहाव में बह जाने से 68 साल की एक महिला की मौत हो गई।
इससे पहले, तूफान की वजह से क्यूबा में तीन लोगों की जान चली गई। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि तूफान से बुरी तरह प्रभावित इलाकों में मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैन्टिस ने शुक्रवार को बताया कि राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि बचाव दलों ने तूफान से बुरी तरह प्रभावित 3,000 से अधिक घरों में जा कर सहायता पहुंचाई।
बचाव कार्य में लगे कर्मियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।(एपी)
इस्लामाबाद, 30 सितंबर | पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के किसी ऐसे विस्तार का विरोध करता है जिसमें भारत शामिल है। द न्यूज ने बिलावल के हवाले से वाशिंगटन में पाकिस्तान दूतावास में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र मिशन और उनके सहयोगियों ने इस तरह के प्रयासों को बार-बार विफल करने के लिए काम किया है।''
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की संभावना है, लेकिन सुरक्षा परिषद की सदस्यता का विस्तार करना सही सुधार नहीं होगा।
बिलावल ने यह भी कहा कि जलवायु संकट एक ऐसा मुद्दा होगा, जहां पाकिस्तान भारत और अन्य देशों के साथ काम करने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि 10 जलवायु तनावग्रस्त देशों को विकसित देशों पर ग्रीन फाइनेंसिंग मैकेनिज्म के लिए दबाव बनाने के लिए एक आवाज बननी चाहिए।
इस उद्देश्य के लिए एक क्षेत्रीय ब्लॉक बनाने के बारे में एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्री ने कहा: मैंने पहले ही चेतावनी दे दी है। मुख्यत: यह सही है कि जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए। जब मैं अमेरिका और चीन से इस पर मिलकर काम करने का आग्रह करता हूं, तो मेरे पास यह स्वीकार करने की नैतिक शक्ति होनी चाहिए कि चाहे जो भी मतभेद हों, भारत और पाकिस्तान को इस विषय पर भी मिलकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, हमारे सामने कई कठिनाइयां हैं, वहां पर हमारा कोई पारस्परिक साझेदार नहीं है, अगस्त 2019 ने हमारे लिए कई कारणों से जुड़ना असंभव बना दिया है। शायद यही एक मुद्दा है कि हमें हर चीज की परवाह किए बिना (जलवायु परिवर्तन) का मुकाबला करने की दिशा में काम करना चाहिए। (आईएएनएस)|
काबुल, 30 सितम्बर | काबुल के एक शिक्षा केंद्र में शुक्रवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान की राजधानी में एक पुलिस प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जादरान के हवाले से कहा, "छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, तभी एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर दिया। जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई और 27 अन्य घायल हो गए।"
पुलिस जिला 13 में स्थित प्राइवेट काज एजुकेशन सेंटर पर हुए हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह या व्यक्ति ने नहीं ली है।
हमले के जवाब में, तालिबान द्वारा संचालित अफगान सरकार ने कहा कि सुरक्षा दल विस्फोट स्थल पर है। उन्होंने हमले की निंदा की।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर ने कहा, "नागरिक ठिकानों पर हमला करना दुश्मन की अमानवीय क्रूरता और नैतिक मानकों की कमी को साबित करता है।"
स्थानीय टीवी पर और सोशल मीडिया पर साझा किए गए फुटेज में अस्पताल के फर्श पर ढंके हुए शवों की कतारें दिखाई दे रही हैं।
अन्य फुटेज में प्राइवेट कॉलेज की साइट से क्षतिग्रस्त कक्षाओं में मलबे और उलटी हुई मेजें दिखाईं दी।
एक हफ्ते पहले काबुल में इसी तरह के एक विस्फोट में सात लोगों की मौत हो गई थी और 41 अन्य घायल हो गए थे। (आईएएनएस)|
काबुल, 30 सितंबर। अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक एजुकेशन सेंटर में हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 19 लोग मारे गए हैं और कई लोग ज़ख्मी हैं.
पुलिस के मुताबिक शहर के पश्चिमी इलाके के दश्त-ए-बार्ची में काज एजुकेशन सेंटर में यह धमाका हुआ है.
सेंटर के कर्मचारियों का कहना है कि धमाका तब हुआ जब छात्र एक परीक्षा दे रहे थे.
इस इलाके में रहने वाले अधिकतर लोग हज़ारा समुदाय के हैं. हज़ारा समुदाय को निशाना बनाकर पहले भी हमले किए गए हैं.
अब तक किसी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है.
तालिबान ने की हमले की निंदा
तालिबान के गृह मंत्रालय ने हमले की निंदा की है और बताया कि सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं.
अब्दुल नफ़ी टाकोर ने कहा कि आम नागरिकों पर हमला करना, ‘दुश्मन की अमानवीय क्रूरता और नैतिक मूल्यों की कमी’ को साबित करता है.
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में बीते साल अगस्त में तालिबान की वापसी हुई है और उनका कहना है कि वो देश में हालात स्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
हालांकि देश में तालिबान के विरोधी इस्लामिक स्टेट के हमले लगातार हो रहे हैं.
दश्त-ए-बार्ची में पहले भी कई हमले हो चुके हैं. कुछ हमलों में स्कूलों और अस्पतालों को निशाना बनाया गया.
बीते साल अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता पर तालिबान की वापसी से पहले दश्त-ए-बार्ची में लड़कियों के एक स्कूल पर हमला हुआ था जिसमें 85 लोग मारे गए थे. मरने वालों में अधिकतर स्टूडेंट थीं और इस हमले में सैकड़ों लोग घायल हुए थे.
अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में एक एजुकेशन सेंटर में हुए आत्मघाती धमाके में कम से कम 19 लोग मारे गए हैं और कई लोग ज़ख्मी हैं.
पुलिस के मुताबिक शहर के पश्चिमी इलाके में काज एजुकेशन सेंटर में यह धमाका हुआ है.
सेंटर के कर्मचारियों का कहना है कि धमाका तब हुआ जब छात्र एक परीक्षा दे रहे थे.
इस इलाके में रहने वाले अधिकतर लोग हज़ारा समुदाय के हैं. हज़ारा समुदाय को निशाना बनाकर पहले भी हमले किए गए हैं.
अब तक किसी संगठन ने इस धमाके की जिम्मेदारी नहीं ली है.
तालिबान ने की हमले की निंदा
तालिबान के गृह मंत्रालय ने हमले की निंदा की है और बताया कि सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं.
अब्दुल नफ़ी टाकोर ने कहा कि आम नागरिकों पर हमला करना, ‘दुश्मन की अमानवीय क्रूरता और नैतिक मूल्यों की कमी’ को साबित करता है.
अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता में बीते साल अगस्त में तालिबान की वापसी हुई है और उनका कहना है कि वो देश में हालात स्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं.
हालांकि देश में तालिबान के विरोधी इस्लामिक स्टेट के हमले लगातार हो रहे हैं. (bbc.com/hindi)
हेलसिंकी, 30 सितम्बर | फिनिश सरकार ने देश में रूसी नागरिकों के प्रवेश को महत्वपूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की घोषणा की है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार की मध्यरात्रि से और अगली सूचना तक, पर्यटक वीजा के साथ यात्रा करने वाले रूसी नागरिकों के देश में प्रवेश या पारगमन पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि इस कदम का उद्देश्य 'रूसी पर्यटन को पूरी तरह से रोकना' है।
इसमें कहा गया है, "वीजा आवेदनों को स्वीकार करना गंभीर रूप से प्रतिबंधित है।"
रूसी नागरिक अभी भी अध्ययन, काम या चिकित्सा उद्देश्यों के लिए फिनलैंड में प्रवेश कर सकते हैं और रसद और परिवहन श्रमिकों को भी छूट दी गई है।
फिनलैंड में संपत्ति रखने वाले रूसी नागरिक भी देश में प्रवेश कर सकते हैं यदि वे यह साबित करें कि यात्रा रखरखाव उद्देश्यों के लिए आवश्यक है। (आईएएनएस)|
स्टॉकहोम, 30 सितंबर | स्वीडन और पोलैंड के बीच इलेक्ट्रिक केबल पर परीक्षण किया जाएगा, यह देखने के लिए कि क्या यह नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन विस्फोट के चलते यह क्षतिग्रस्त हो गया है। खुद इस बात को स्वीडिश ग्रिड ऑपरेटर स्वेन्स्का क्राफ्टनेट ने कहा है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने स्वीडिश टेलीविजन की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि, विस्फोट से लगभग 500 मीटर केबल टूट गया है।
स्वेन्स्का क्राफ्टनेट के प्रोजेक्ट डिवीजन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पेर क्वानेर्फाल्क ने कहा, "हम नहीं जानते कि पानी के भीतर विस्फोट कितना गंभीर था। हम अगले सप्ताह की शुरूआत में परीक्षण करेंगे।"
केबल 1990 के दशक से उपयोग में है और स्वीडन, बाल्टिक सागर के दक्षिण के देशों के बीच बिजली के आयात और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण है।
क्वार्नफॉक ने कहा, "हम कुछ समय तक केबल के बिना प्रबंधन कर सकते हैं, लेकिन इसका प्रभाव तब पड़ेगा जब यह लंबे समय तक काम नहीं करेगा।"
स्वीडिश सुरक्षा सेवा अब दो लीक की जांच कर रही है जो स्वीडन के बाल्टिक सागर के विशेष आर्थिक क्षेत्र में हुई थी।
बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में, स्वीडन के प्रधानमंत्री मैग्डेलेना एंडरसन ने कहा कि, "विस्फोट को सुरक्षा नीति के आलोक में देखा जाना चाहिए।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि स्वीडिश सरकार ने अब तक अटकलों से परहेज किया है। (आईएएनएस)|
इस्लामाबाद, 30 सितंबर। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक शिया बहुल इलाके में शुक्रवार तड़के विस्फोट हुआ। तालिबान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, दशती बारची इलाके में एक शिक्षा संस्थान के अंदर विस्फोट हुआ।
गृह मंत्रालय में तालिबान द्वारा नियुक्त प्रवक्ता अब्दुल नफी टकोर ने बिना विस्तृत जानकारी दिए बताया कि विस्फोट तड़के हुआ।
टकोर ने कहा, ‘‘हमारे दलों को घटनास्थल पर भेज दिया गया है।’’
विस्फोट की तत्काल किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। (एपी)
लंदन, 30 सितंबर। ब्रिटेन के ‘रॉयल मिंट’ ने महाराजा चार्ल्स तृतीय की तस्वीर वाले सिक्कों का अनावरण किया है।
ब्रिटेन में लोगों को दिसंबर माह तक ये सिक्के दिखने शुरू होंगे, जिन पर चार्ल्स की तस्वीर उकेरी गई है क्योंकि 50-पेंस के ये सिक्के धीरे-धीरे ही बाजार में पहुंचेंगे।
ब्रिटेन के सिक्के बनाने वाली कंपनी ‘रॉयल मिंट’ ने शुक्रवार को बताया कि नए महाराजा की सिक्के पर बनी तस्वीर को ब्रिटिश मूर्तिकार मार्टिन जेनिंग्स ने बनाया है और चार्ल्स ने स्वयं इसको मंजूरी दी ।
परंपरा के अनुसार, सिक्के पर महाराजा के चित्र का मुंह उनकी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तस्वीर की विपरीत दिशा में यानी बाईं ओर है। दोनों सिक्के साथ में रखने में दोनों के मुंह एक-दूसरे के सामने नजर आएंगे।
‘रॉयल मिंट’ संग्रहालय के क्रिस बार्कर ने कहा, ‘‘चार्ल्स ने ब्रिटिश सिक्कों से जुड़ी सामान्य परंपरा का पालन किया है। चार्ल्स द्वितीय के समय भी यही परंपरा थी कि महाराजा की तस्वीर का मुंह अपने पूर्ववर्ती की विपरीत दिशा में होता था।’’ (एपी)
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 29 सितंबर। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के रोरावर क्षेत्र में बृहस्पतिवार को एक मांस फैक्ट्री में अमोनिया गैस लीक होने से 59 कर्मचारी बेहोश हो गए और इस मामले में फैक्ट्री मालिक समेत छह लोगों को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। जिले के एक शीर्ष अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।
जिलाधिकारी इंद्रवीर सिंह ने बताया कि रोरावर थाना क्षेत्र के टकलसपुर इलाके में एक मांस फैक्ट्री में अमोनिया गैस का पाइप फट जाने से रिसाव शुरू हो गया, जिसके बाद गैस के संपर्क में आने से लोग बेहोश होने लगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हारिस मंसूर खां ने बताया कि गैस के संपर्क में आने से करीब 59 कर्मचारी बेहोश हो गए। उन सभी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां सभी की हालत खतरे से बाहर है।
खां ने बताया कि कुछ लोगों को ऑक्सीजन लगानी पड़ी थी, मगर उनकी हालत अब तेजी से ठीक हो रही है और उम्मीद है कि शाम तक सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।
इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि गैस रिसाव मामले में फैक्ट्री के मालिक मोहम्मद जहीर कुरैशी समेत कारखाने के छह वरिष्ठ अधिकारियों को लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोग फैक्ट्री के खराब रखरखाव के कारण हुए इस हादसे के लिये प्रथम दृष्टया जिम्मेदार हैं और फैक्ट्री प्रबंधन ने इस घटना की सूचना भी स्थानीय अधिकारियों को देर में दी थी।
जिला प्रशासन ने इस मामले की मजिस्ट्रेट से जांच कराने के आदेश दिए हैं। एहतियात के तौर पर फैक्ट्री के सुरक्षा बंदोबस्त कड़े कर दिए गए हैं। (भाषा)