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जहर से तैयार की जाती हैं कई दवाइयां
13-Apr-2021 1:58 PM
जहर से तैयार की जाती हैं कई दवाइयां

जहर लोगों की जान लेता है, लेकिन कहावत है कि जहर ही जहर को काटता भी है। यही वजह है कि सांप, बिच्छू और मकड़ी के जहर से दवाएं बनती हैं, जो मधुमेह, दिल की बीमारी और अल्जाइमर में भी फायदा पहुंचाती हैं। ऑस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक प्रकार का  सांप सबसे जहरीला माना जाता है। इस सांप का जहर दिल के दौरा पडऩे पर इस्तेमाल होने वाली दवाओं में किया जा सकता है। बिच्छू का जहर बेहद खतरनाक माना जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल दर्द निवारक दवाओं में और दिल की बीमारी में किया जाता है।
 चिली में पाई जाने वाली एक प्रकार की जहरीली मकड़ी का इस्तेमाल दिल की बीमारी के इलाज में किया जा सकता है। शोधकर्ता मानते हैं कि इसका इस्तेमाल नपुंसकता दूर करने के लिए भी हो सकता है। वहीं  मधुमक्खी के डंक से  गठिया का इलाज किया जाता है। जहां दर्द होता है वहां मरीज के शरीर में मधुमक्खी से कटवाया जाता है। इलाज का ये तरीका 3 हजार साल पुराना है।
वैज्ञानिक मानते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाला पीले सांप के जहर का इस्तेमाल भूलने की बीमारी को दूर करने के लिए किया जा सकता है। जोंक के नुकीले मुंह से एक तरह का जहरीला पदार्थ निकलता है जो दर्द निवारक दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। गर्दन पर काली गोल पट्टी वाला कोबरा गर्दन उठाकर जहर फेंकता है। वैसे तो इसका जहर काफी खतरनाक होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है। मोतियों से सजी एक प्रकार की  छिपकली का जहर मधुमेह के इलाज के लिए बनने वाली दवाओं में किया जाता है। इसके लार में एक ऐनेक्सेडिन-4 नाम का केमिकल होता है जो खून में चीनी की मात्रा का नियंत्रण कर सकती है।
 

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