सामान्य ज्ञान
उटविलर स्पैटलौबर सेब की एक प्रजाति है। लगभग विलुप्त हो रही प्रजाति का साधारण-सा दिखने वाला यह खट्टा सेब इन दिनों खूब चर्चा में है। दावा किया जा रहा है कि इस ‘सुपर एप्पल’ के सत्व से चमड़े की झुर्रियां मिटती हैं, मानव कोशिकाओं की जीवन-अवधि लंबी होती है और झड़े हुए बाल फिर से उग सकते हैं।
स्विटजरलैंड के दूरस्थ हिस्से में गिनती के रह गए एक पेड़ पर उगने वाला उटविलर स्पैटलौबर नामक यह दुर्लभ सेब दूसरी अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक (लगभग चार महीने) समय तक टिकाउ रहता है। पर इसके कसैले स्वाद के कारण इसकी मांग नहीं रही और इसके वृक्षों की संख्या इस कदर घटती गयी कि स्विटजरलैंड में अब मात्र 20 पेड़ रह गए हैं।
कहा जा रहा है कि सीरम और क्रीम में इस्तेमाल की जा रहीं इस सेब की स्टेम कोशिकाएं मानव चमड़ी की स्टेम कोशिकाओं को उत्तेजित करती हैं और इस तरह चमड़ी पर जल्द झुर्रियां नहीं आतीं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सौंदर्य प्रसाधनों की दुनिया में इस सेब को उम्र रोकने के क्षेत्र में एक उत्साहजनक सफलता माना गया है तथा अमेरिका, यूरोप व एशिया की तकरीबन 100 सौंदर्य कंपनियों ने इसका इस्तेमाल शुरू किया है।
पश्तो
पश्तो, जिसे पख़्तो या अफग़ानी भी कहा जाता है, अफग़ानिस्तान और पाकिस्तान में रहने वाले पठान समुदाय की मुख्य भाषा है। यह केन्द्रीय और दक्षिणी अफग़़ानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के ख़ैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के वासी हैं। भौगोलिक दृष्टि से यह आमू दरिया से दक्षिण और सिन्धु नदी से पश्चिम के क्षेत्रों में रहते हैं। पश्तो हिन्द-ईरानी भाषा-परिवार की ईरानी उपशाखा की सदस्य है, और ईरानी भाषाओं में इसे एक पूर्वी ईरानी भाषा माना जाता है। अनुमान किया जाता है कि विश्व-भर में कऱीब 5-6 करोड़ लोग पश्तो अपनी मातृभाषा के रूप में बोलते हैं। अफग़ानिस्तान के संविधान ने दरी (फ़ारसी) के साथ-साथ पश्तो को भी एक राजभाषा होने का दर्जा दिया है।