सामान्य ज्ञान
टैबलेट जैसा दिखने वाला ई- बुक रीडर एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट है जिसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि उस पर ई -बुक्स (किताबों का इलेक्ट्रॉनिक रूप) पढऩा आसान हो जाए। ज्यादातर ई-बुक रीडर छह इंच लंबे होते हैं जो एक आम पॉकेट बुक जैसा आकार है। वजन में हल्के इस गैजेट पर किसी भी मुदा में (उठते, बैठते, लेटते) किताबें पढ़ी जा सकती हैं और पॉकेट बुक की ही तरह जेब में रखा जा सकता है। अमेजॉन, सोनी, बान्र्स एंड नोबेल और कोबो इस बाजार की अहम कंपनियां हैं। सभी ने अपने गैजेट्स को प्रिंटेड बुक जैसा बनाने की भरपूर कोशिश की है। स्क्रीन का रंग बिल्कुल किताब जैसा और पन्ने पलटने तथा बुकमार्क करने जैसी सुविधाएं भी।
ई-बुक रीडर बनाने वाली मशहूर कंपनी कोबो ने भारत में भी कदम रख दिए हैं। कोबो ने भारत में अपनी चार डिवाइस लॉन्च कीं, जिनमें तीन ई-बुक रीडर और एक रीडर-कम-टैबलेट है। कोबो टच एंट्री लेवल का ई-रीडर है, जिसमें 6 इंच की स्क्रीन है और यह पर्ल ई-इंक टचस्क्रीन पर काम करता है। स्लीक बॉडी और 185 ग्राम वजन के साथ इसमें एक महीने की बैटरी लाइफ है। 2 जीबी के स्टॉरेज के कारण इसमें करीब एक हजार किताबें सेव कर सकते हैं। मेमरी को 32 जीबी तक बढ़ाने का ऑप्शन है। इसे 7 हजार 999 रुपए की कीमत पर लॉच किया गया है, लेकिन कंपनी दिवाली तक इसे 6 हजार 999 रुपए पर बेचेगी। कोबो ग्लो इसका बेहतर वर्जन है, जिसमें ग्लो लाइट का ऑप्शन है, जिससे अंधेरे में भी रीडिंग की सहूलियत मिल सकेगी। यह 10 हजार 999 रुपए में लॉन्च किया गया है।
अमेजन किंडल की लोकप्रियता कुछ इस तरह की है कि वह ई-बुक्स का ही दूसरा नाम बन गया है। किंडल वाइ-फाइ नेटवर्क से कनेक्ट हो सकता है। 3जी वर्जन के जरिए भी इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं। इस कनेक्टिविटी के जरिए यह गैजेट अमेजन के ई-बुक स्टोर से किसी भी समय ई-बुक्स डाउनलोड कर सकता है। ई-बुक्स को सहेजने के लिए 2 से 4 जीबी की फ्लैश मेमरी (इंटरनल स्टोरेज स्पेस) मौजूद है। इसके अलावा सोनी, बार्न्स एंड नोबेल नुक जैसी कई कंपनियों ने भी ई बुक रीडर निकाला है।