सामान्य ज्ञान
कीनियाई भारतीय कीनिया के वो नागरिक हैं जिन के पूर्वज दक्षिण एशियाई राष्ट्र भारत के मूल निवासी थे। शुरुआत में अधिकतर भारतीयों को गिरमिटिया मजदूरों के तौर पर कीनिया लाया गया था। वर्तमान समय में हजारों कीनियावासियों की पैतृक जड़ें भारत से जुड़ी हैं। ये मुख्यत: देश की राजधानी नैरोबी और दूसरे सबसे बड़े शहर मोम्बासा के प्रमुख शहरी क्षेत्रों में और कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। 1963 में देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई, परन्तु इसके पश्चात भारतीयों को वहां नस्लीय उत्पीडऩ का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीयों की कानूनी स्थिति में समय के साथ-साथ सुधार आया है।
कीनिया को 1963 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त हुई और इसके पश्चात अफ्ऱीकी और भारतीयों के सम्बन्धों में अस्थिरता बढ़ती चली गई। भारतीयों और यूरोपीय लोगों को सरकार द्वारा दो वर्ष का समय दिया गया जिसमें उन से कीनियाई नागरिकता स्वीकार करने और ब्रिटिश पासपोर्ट त्यागने के लिए कहा गया। जिन्होंने कीनियाई नागरिकता स्वीकार नहीं की उन्हें देशद्रोही माना जाने लगा। जिन्होंने कीनियाई नागरिकता ली उन्हें उस समय शासन कर रही सरकार द्वारा भेदभाव का शिकार होना पड़ा। सिविल सेवाओं में भारतीयों को बर्खास्त कर अफ्रीकियों को भर्ती किया जाने लगा। इस प्रकार के उत्पीडऩ के कारण कई भारतीय अपने ब्रिटिश पासपोर्ट के आधार पर यूनाइटेड किंगडम में बस गए। अब लंदन और लेस्टर में अच्छी संख्या में कीनियाई भारतीय रहते हैं।