सामान्य ज्ञान
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आज ही के दिन यानी 25 जनवरी को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई थी।
25 जनवरी 1950 को चुनाव आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन हुआ था। चुनाव आयोग एक स्वायत्त, अर्द्ध न्यायिक, संवैधानिक निकाय है। चुनाव आयोग के काम काज में कार्यपालिका का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। चुनाव आयोग के प्रमुख काम हैं- निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण करना, मतदाता सूची तैयार करना, राजनीतिक दलों को मान्यता और चुनाव चिह्न देना, उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच करना, उम्मीदवारों के चुनाव खर्च की जांच करना और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना।
भारत के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन थे, जिन्होंने 21 मार्च 1950 से 19 दिसंबर 1958 तक कार्यभार संभाला। अक्टूबर 1989 तक सिर्फ एक ही चुनाव आयुक्त हुआ करते थे। फिर 16 अक्टूबर 1989 से लेकर 1 जनवरी 1990 के बीच यह तीन सदस्यीय निकाय बन गया। उसके बाद इसे फिर एक सदस्यीय निकाय बना दिया गया, लेकिन 1 अक्टूबर 1993 को इसे तीन सदस्यीय निकाय बना दिया गया। फिलहाल भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त वी.एस. संपत हैं। जबकि चुनाव आयुक्त एच.एस. ब्रह्मा और एस.एन.ए. जैदी हैं। वक्त गुजरने के साथ चुनाव आयोग ने भारतीय चुनाव व्यवस्था के सुधार के लिए सराहनीय कदम उठाए है। भारत के 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त बने टी.एन. शेषन ने अपने कार्यकाल में बहुत से सुधार किए थे। चुनाव आयोग की सख्ती का असर चुनावों में दिखने लगा और चुनावों में बेतहाशा पैसों की बर्बादी पर भी एक हद तक रोक लगी। श्री शेषन ने चुनाव आचार संहिता को कड़ाई से लागू कराया था।