सामान्य ज्ञान
पृथ्वी का ऊपरी तापमान कम होता है, लेकिन भीतर से वह बहुत गर्म है। पृथ्वी के इसतरह से अंदर गर्म होने के मुख्य रूप से दो कारण हैं- आज से कोई साढ़े चार अरब साल पहले पृथ्वी का निर्माण बहुत सारे कणों से मिलकर बना हुआ है। एक कणों के एक दूसरे के पास आने से बहुत ऊर्जा पैदा हुई। जिसे आदिकालीन गर्मी कहा जाता है। यह गर्मी अब भी मौजूद है, लेकिन क्योंकि पिछले साढ़े चार अरब सालों से पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी हुई है, इसीलिए इसकी ऊपरी परत ठंडी है, लेकिन भीतर की परतों में तापमान अब भी बहुत अधिक है।
इस भीतरी गर्मी का दूसरा कारण है रेडियोधर्मी तत्व। जब पृथ्वी बनी थी तो उसमें एल्युमिनियम 26, जैनॉन 129 जैसे तत्व थे। जो अब नहीं मिलते हैं। लेकिन इनके अलावा पोटेशियम 40, थोरियम 232, यूरेनियम 235, येे सभी तत्व अब भी मौजूद हैं। जिनसे परमाणु रिएक्शन होते रहे हंै और पृथ्वी इतनी गर्म रहती है।