सामान्य ज्ञान
मेलाकाइट एक उपरत्न हैं जिसे दहाना फरहग भी कहते हैं। यह उपरत्न मुख्यत: हरे रंग में पाया जाता है. इस उपरत्न को काटने के बाद इसमें शैल के समान गोल आकृति दिखाई देती है। यह उपरत्न बहुत ही छोटे क्रिस्टल में पाया जाता है। बड़े आकार में इसके क्रिस्टल कम ही पाए जाते हैं। यह उपरत्न रेशायुक्त तथा अपारदर्शक होता है। इस उपरत्न में हरे रंग में हल्के तथा गहरे रंग की धारियां दिखाई देती है। यह धारियां ही इस उपरत्न को एक अलग पहचान देती है और इसे एक अद्वित्तीय उपरत्न बनाती है। इसे जब चमकाया जाता है तब यह रेशमी दिखाई देता है। यह बहुत ही नाजुक उपरत्न है इसलिए इसे गर्मी, अम्ल तथा गर्म पानी से दूर ही रखना चाहिए।
इस उपरत्न का यह नाम ग्रीक शब्द मैलो के नाम पर रखा गया है. जिसका अर्थ है - जड़ी बूटी या औषधि।
माना जाता है कि यह उपरत्न मानव शरीर के सभी अवरुद्ध चक्रों को खोलने में सहायक होता है और सभी चक्रों की ऊर्जा को नियंत्रित रखता है। इस उपरत्न में तांबे की मात्रा पाई जाती है । यह उपरत्न चिली, अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका, दक्षिणी आस्ट्रेलिया, कांगो, नामीबिया, रुस, मेक्सिको, इंगलैण्ड, एरीजोना, फांस, साइबेरिया, इजराइल, जाम्बिया, यूरल आदि स्थानों पर पाया जाता है।