सामान्य ज्ञान
हैदराबाद में स्थित सालारजंग संग्रहालय भारत में विश्व भर की कलाकृतियों का प्रमुख संग्रहालय है। इसमें एकत्र अनुपम कृतियों का संग्रह हैदराबाद के एक बड़े तालुकेदार, जो कुछ समय के लिए निजाम के प्रधानमंत्री भी रहे, मीर यूसुफ अली खाँ सालारजंग तृतीय ने किया था। वे विभिन्न देश की यात्रा करके वहां की प्रसिद्घ कलाकृतियां भारत लाए। सालारजंग की मृत्यु के बाद इन कृतियों को संग्रहालय के रूप सुसज्जित किया गया। सालारजंग संग्रहालय लोकसभा द्वारा राष्टï्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है।
यहां पर विश्वकला और भारतीय इतिहास से संबंधित दुर्लभ वस्तुएं संग्रहित हैं। सुविधा की दृष्टिï से उन्हें कई भागों में विभक्त किया गया है। पूर्वी भाग पुन: भारतीय, परशियन, तुर्की, चीनी और जापानी उपभागों में बंटा है। भारतीय खंड में नूरजहां की रत्नजडि़त कटार, जहांगीर का खंजर, औरंगजेब की तलवार, टीपू सुल्तान का साफा जैसी दुर्लभ चीजें देखने को मिलती हैं।
शाहजहां का निजी एलबम, कांगड़ा और राजपूत शैली के चित्र और राग-रागनियों के चित्रों का पूरा संग्रह आदि भी यहां प्रदर्शित हैं। धातु की मूर्तियों तथा अन्य भारतीय चित्रकारों के चित्रों को भी समुचित स्थान दिया गया है। चीन में बने चीनी मिट्टïी के अलंकृत पात्र, जापान की कशीदाकारी, बर्मा की लकड़ी की वस्तुएं, इटली की संगमरमर की मूर्ति आदि देखकर