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भाजपा चाहती है, सही समय हो तो जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिले-राम माधव
05-Jul-2020 4:21 PM
भाजपा चाहती है, सही समय हो तो जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिले-राम माधव

नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव पार्टी के हाईप्रोफाइल चेहरों में से एक हैं। 2003 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रवक्ता बनने के बाद से वह देश ही नहीं दुनिया की मीडिया में भी सुर्खियों में रहे। तब उन्हें आरएसएस का ‘ग्लोबल एम्बेसडर’ भी कहा जाने लगा था। 2014 में उनकी भाजपा में बतौर नेशनल जनरल सेक्रेटरी एंट्री हुई। तबसे वह पार्टी में जम्मू-कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर मामलों की गतिविधियां देख रहे हैं।

राम माधव ने पूर्वोत्तर में भाजपा की पहुंच बनाने में अहम भूमिका निभाई। यह उनकी कोशिशों का नतीजा है कि जिस पूर्वोत्तर में भारतीय जनता पार्टी की उपस्थिति नहीं थी, वहां के राज्यों में आज भाजपा की सरकारें हैं। आंध्र प्रदेश के मूलनिवासी 56 वर्षीय राम माधव आरएसएस में प्रचारक बनने से पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे।

बहुत जल्दी ही जम्मू-कश्मीर को वापस पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा
राम माधव ने जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के सवाल पर कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करती है। उन्होंने कहा, भाजपा की जम्मू-कश्मीर यूनिट का मत है कि सही समय हो तो राज्य का दर्जा वापस दिया जाए। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल हो। गृहमंत्री अमित शाह ने खुद यूनियन टेरिटरी का दर्जा देते समय कहा था कि बहुत जल्दी ही वापस पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। अभी यूनियन टेरिटरी के लिए असेंबली और डिलिमिटेशन कमीशन का गठन होना है।

सभी नेता राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेकर प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करें
घाटी में राजनीतिक गतिविधियों को शुरू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ज्यादातर नेता रिहा किए जा चुके हैं। राम माधव ने कहा, भाजपा चाहती है कि सभी नेता राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेकर प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करें, लेकिन पीडीपीए नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस के सभी बड़े नेता घरों में बैठे हैं। कांग्रेस के नेता तो गिरफ्तार भी नहीं हुए थे। ऐसे में उन्हें जवाब देना चाहिए कि क्यों राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। असेंबली चुनाव होगा तभी राजनीतिक गतिविधि चलेंगी।

केवल कॉलोनियां बनाने से ही कश्मीरी पंडितों की घर वापसी नहीं हो सकती
हाल में अजय पंडित की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों में डर और उनकी घर वापसी से जुड़े सवाल पर राम माधव ने कहा कि गृहमंत्रालय इस पूरे मामले को देख रहा है। उन्होंने कहा, जब तक वहां सुरक्षा और सम्मान दोनों की हम गारंटी नहीं कर सकेंगे तब तक घाटी में पंडितों का जाना संभव नहीं होगा। केवल कालोनियां बनाने से ही पंडितों की घर वापसी नहीं हो सकती।

370 के रहते सिर्फ नेताओं की संपन्नता बढ़ी, लेकिन जनता को कोई फायदा नहीं हुआ
पीडीपी के साथ सरकार बनाने के सवाल पर भाजपा महासचिव ने कहा कि अगर भाजपा सरकार न बनाती तो फिर से विधानसभा चुनाव होता। हालांकि पीडीपी के साथ सरकार बनाने का कुछ फायदा भी हुआ और कुछ नुकसान भी हुआ। नुकसान के कारण ही तीन साल बाद भाजपा अलग हो गई। राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद जनता में बहुत कम विरोध हुआ है। जनता ने महसूस किया कि 370 के रहते सिर्फ नेताओं की संपन्नता बढ़ी, लेकिन जनता को कोई फायदा नहीं हुआ। अब जनता का रुख सकारात्मक दिख रहा है।

सैयद अली शाह गिलानी के इस्तीफे को राम माधव ने हुर्रियत की अंदरुनी राजनीति का परिणाम बताया। कहा कि गिलानी के इस्तीफे से पिछले 30 साल के उनके कारनामे माफ नहीं हो जाएंगे। गिलानी की वजह से हजारों युवाओं की घाटी में जान गई।

चीन की जमीन हड़पने की पुरानी आदत रही है, मगर सरकार ने पिछले 5 सालों में मुंहतोड़ जवाब दिया है
भाजपा के राष्ट्रीय महासिव ने चीन के मसले पर भी बात की। उन्होंने कहा कि चीन की जमीन हड़पने की पुरानी आदत रही है, मगर मोदी सरकार ने पिछले 5 सालों में मुंहतोड़ जवाब दिया है। आखिर चीन से सीमा विवाद का हल क्या है?  इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि दो मोर्चों पर खास तौर से सरकार काम कर रही है। प्रो ऐक्टिव डिप्लोमेसी और स्ट्रांग ग्राउंड पोजीशनिंग पर बल दिया जा रहा है। सैन्य और कूटनीतिक स्तर से जहां बात चल रही है वहीं एक-एक इंच भूमि की रक्षा के लिए भी सरकार संकल्पित है।

दोबारा गलवान घाटी जैसा हादसा न हो, इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। राम माधव ने कहा कि मोदी सरकार बनने के बाद से भारत ने सीमा-नीति को लेकर कठोरता बरती है। 2017 के डोकलाम और मौजूदा गलवान घाटी की घटना को लेकर उन्होंने कहा, डोकलाम में भारत जिस मजबूती के साथ सीना ताने खड़ा हुआ, उससे चीन भी हैरान था। तब चीन, चिकन नेक एरिया के नजदीक आने की कोशिश में था, मगर भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसकी साजिश सफल नहीं होने दी थी।
राम माधव ने कहा कि चीन चाहता था कि हम सेना हटाएं, लेकिन मोदी सरकार ने साफ़ कर दिया था कि जब तक चीन सीमा के पास किए गए निर्माण नहीं हटाता सेना नहीं हटेगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी चीन ने एलएसी में घुसने की कोशिश की, जिसे हमने रोका। लाठी-पत्थर भी बरसे, दुर्भाग्य से हमारे 20 जवान शहीद हुए। भारत ने चीन को संदेश दिया है कि हम सीमा पर चुपचाप कब्जा करने की चीन की चाल को सफल नहीं होने देंगे।

आज भले ही नेपाल भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा हो, लेकिन इससे दोनों देशों के संबंध नहीं बिगड़ेंगे
मित्र देश नेपाल आखिर भारत के विरोध में क्यों खड़ा हो गया है? इस सवाल पर राम माधव ने कहा कि आज भले ही नेपाल भारत विरोधी बयानबाजी कर रहा हो, लेकिन इससे दोनों देशों के संबंध नहीं बिगड़ेंगे। वैसे यह पहली घटना नहीं है, राजवंश के समय से ऐसी घटनाएं कई बार हुईं है। उन्होंने कहा, जब नेपाल में राजा का शासन था तब नेहरू जी का विरोध करता था।

राम माधव ने कहा,ज्ज्अतीत और वर्तमान के अनुभवों के आधार पर मैं कह सकता हूं कि नेपाल के भारत का विरोध करने का ज्यादा कारण आंतरिक होता है। जब कोई अंदरुनी समस्या होती है, तब वहां की सरकार को लगता है कि पड़ोसी भारत पर कुछ हमले करो तो आंतरिक राजनीति में फायदा होगा।ज्ज् भाजपा महासचिव ने साफ किया कि भारत और नेपाल के संबंध हमेशा पहले की तरह मजबूत रहेंगे।

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