19 जून 1623 को फ्रांस के क्लेरमोंट-फेरां में जन्मे ब्लेज पास्कल ने द्रव के दबाव और निर्वात के अहम समीकरण गढ़े। तीन साल की उम्र में पास्कल ने अपनी मां को खो दिया। मां की मौत के बाद पिता एतियेन पास्कल ने अपने बच्चे की बड़े सलीके से परवरिश की। पेशे से टैक्स सलाहकार पिता छोटे पास्कल को पढ़ाते थे। अपने पिता का कामकाज आसान करने के लिए पास्कल के मन में कई बार जोड़ घटाने और गुणा भाग करने मशीन बनाने की इच्छा होती रही।
वर्ष 1942 में किशोरावस्था में ही पास्कल गणना करने वाली मशीन बनाने में जुट गए। तीन साल की मेहनत के बाद उन्होंने 50 मॉडल तैयार किए। इस लिहाज से पास्कल को ही आधुनिक कैलकुलेटर का जनक कहा जाता है। अगले दस साल में उन्होंने 20 ऐसी मशीनें बनाईं जिन्हें पास्कल कैलकुलेटर या पास्कलीन कहा जाने लगा। उन्हीं के समीकरण को पास्कल ट्राइएंगल कहा जाता है। उन्होंने आधुनिक प्रोबेबिलिटी या संभावना का सिद्धांत भी रचा।
39 साल की उम्र में उन्होंने गणित और विज्ञान को काफी कुछ दे दिया। पेट के ट्यूमर से लड़ रहे पास्कल ने 19 अगस्त 1662 को दुनिया को अलविदा कहा।