राप्ती पूर्वी उत्तर प्रदेश की नदी है। इसे इरावती भी कहा जाता है। राप्ती संभवत: वारवत्या या इरावती का अपभ्रंश है। कुछ विद्वानों के मत में यह बौद्ध साहित्य की अचिरावती है। यह नदी नेपाल की लघु हिमालय श्रेणियों में धौलागिरि के दक्षिण में रुकुमकोट के निकट से निकलकर पहले दक्षिण में और फिर पश्चिम में बहती है। उसके बाद एक बार पुन: दक्षिण की ओर बहने के बाद बहराइच, गोंडा, बस्ती और गोरखपुर जि़लों में बहती हुई बरहज के निकट घाघरा नदी से मिल जाती है।
इस नदी की कुल लम्बाई 640 किलोमीटर है। राप्ती नदी के उत्तर की ओर से रोहिणी नदी आकर इसमें मिलती है, जो कि इसकी मुख्य सहायक नदी है। यह नदी कुशीनगर के निकट बहती थी और इस बात का उल्लेख बुद्धचरित में मिलता है। बुद्धचरित के चीनी-अनुवाद में इस नदी के लिए कुकु शब्द है, जो पाली के कुकुत्थ का चीनी रूप है। बुद्धचरित में वर्णन है कि निर्वाण के पूर्व गौतम बुद्ध ने हिरण्यवती नदी में स्नान किया था, जो कुशीनगर के उपवन के समीप बहती थी। यह इरावती या राप्ती की ही एक शाखा जान पड़ती है। उत्तरी भाग में इस नदी की एक मुख्य धारा बूढ़ी गण्डक के नाम से जाती है।