चाहा पक्षी दलदल और नमी के बिना नहीं रह सकता। पक्षी की यह प्रजाति जर्मनी में गायब होने के खतरे से जूझ रही है। नाबु संगठन इसे साल का पक्षी बनाकर दलदली इलाकों को बचाना चाहता है।
चाहा एक तटीय पक्षी है। यह स्कोलोपेसाइडी (गण कैरड्रीफारॉर्मीज) की लगभग 20 प्रजातियों में से एक है। यह दुनिया भर के शीतोष्ण और गर्म इलाके के नम चारागाहों और दलदल में पाए जाते हैं। ये छोटे पैर, लंबी चोंच वाले गठीले पक्षी होते हैं। जिन पर भूरी, काली और सफेद धारियां और लकीरें होती है। इनके पंख नुकीले और इकहरे तथा आंखें पीछे की ओर होती है। इनकी चोंच लचीली होती है, जो कीचड़ में कीड़े ढंूढने के काम आती है।
उत्तरी यूरोप में पाए जाने वाला चाहा पक्षी (जी मेडिया) भारी बदन का होता है। इसके अंदरुनी हिस्सों में धारियां होती हैं। अन्य जातियों में भारत का तीखी पूंछ चाहा और यूरेशिया का जैक चाहा शामिल है।