अमर महल पैलेस संग्रहालय जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू शहर में स्थित है। जम्मू की तवी नदी से लगभग 500 फिट ऊपर एक पहाड़ी पर लाल रंग की आकर्षक ईंटों से बना शानदार अमर महल है।
अमर महल राजा अमर सिंह का आवासीय महल था। लेकिन बाद में इस महल को संग्रहालय में बदल दिया गया। लाल पत्थरों से बना यह ख़ूबसूरत महल जम्मू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। अमर महल के एक ओर जहां शिवालिक पहाडिय़ां हैं वहीं दूसरी ओर तवी नदी बहती है। इस महल का डिजाइन एक प्रसिद्ध फ्रेंच वास्तुकार ने किया था, बाद में इसे संग्रहालय में परिवर्तन कर दिया गया और इसका संचालन हरितारा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जाने लगा।
अमर महल को संग्रहालय का रूप दे दिया गया है। यहां पर शाही परिवार की अनेक वस्तुएं देखने योग्य हैं। इस महल में कई छोटे-बड़े हॉल हैं। इन हॉलों में उत्कृष्ट तथा ख़ूबसूरत चित्र हैं। एक से बढक़र एक चित्र हैं जो कमाल की कलाकारों के हैं। हॉल में कुर्सियाँ रखी गई हैं जो सुसज्जित मुद्रा में अच्छी लगती हैं। संग्रहालय के रूप में इसका औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 13 अप्रैल 1975 को किया गया। इस संग्रहालय में कांगड़ा स्कूल के उत्कृष्ट लघु चित्रों में समकालीन भारतीय कलाकारों की तस्वीरों का प्रर्दशन किया गया है, लेकिन यहां का प्रमुख आकर्षण डोगरा सिंहासन है जो 120 किलो ठोस सोने का बना हुआ है, जो तत्कालीन महाराजाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। इस महल में दीर्घ संग्रहालय एवं पुस्तकालय है। जिसमें लगभग 25 हजार पुस्तके हैं, जिनमें धार्मिक दार्शनिक एवं राजनीति विज्ञान आदि की पुस्तकों का संग्रह है।