1 अक्तूबर सन 1949 ईसवी को चीन में लोकतंत्र की औपचारिक रुप से घोषणा की गई और माउत्से तुंग चीन के राष्ट्रपति चुने गए। प्राचीन संस्कृति का स्वामी यह देश 16 शताब्दी के अंतिम वर्षों में योरोपीय देशों के प्रभाव में आ गया था। चीनियों ने पश्चिमी विशेषकर ब्रिटिश साम्राज्य से छुटकारा पाने के लिए कई बारे संघर्ष किये किंतु उन्हें सफलता न मिल सकी किंतु वर्ष 1912 में सोन यात सिन के नेतृत्व में राजशाही शासन व्यवस्था के विरुद्ध एक सफल क्रांति हुई। जिसके बाद सोन यात सिन चीन के राष्ट्रपति चुने गये।
वर्ष 1931 से चीन पर जापान का आक्रमण आरंभ हो गया और चीन में उस समय माउत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों और चियान काय चेक के नेतृत्व में सत्ता के लिए आंतरिक युद्ध चल रहा था। वर्ष 1945 ईसवी में द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में जापान के हथियार डाल देने के बाद चीन और जापान का युद्ध समाप्त हो गया। चीन से जापान के निकल जाने के बाद उसके नियंत्रण में रह चुके क्षेत्रों को क़ब्ज़े में लेने के लिए चीन में आंतरिक युद्ध आरंभ हो गया। इस युद्ध में कम्युनिस्टों को विजय प्राप्त हुई और वर्ष 1949 में माओ ने औपचारिक रुप से चीन में लोकतंत्र की स्थापना की घोषणा की।