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इमेज स्रोत,PANKAJ NANGIA
टी-20 विश्व कप से पहले भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी-20 मैचों की सिरीज़ खेलनी है.
इसी क्रम में कल यानी 20 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन टी-20 मैचों की सिरीज़ का पहला मैच मोहाली में खेला गया.
एशिया कप में ख़राब प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम पहले मैच में भी ऑस्ट्रेलिया से हार गई.
ये तब हुआ जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 209 रनों का लक्ष्य रखा था.
मोहाली की पिच रनों से भरी थी और भारतीय खिलाड़ियों ने ख़राब शुरुआत के बाद टीम को ट्रैक पर लाने का काम किया.
एशिया कप की भारतीय टीम को लेकर क्या क्या उठ रहे हैं सवाल
लेकिन 208 रन बनाने के बाद भी मिली हार के लिए भारतीय गेंदबाज़ों के प्रदर्शन की काफ़ी चर्चा है. कप्तान रोहित शर्मा ने भी मैच के बाद गेंदबाज़ों के बारे में खुलकर टिप्पणी की.
लेकिन इन सबके बीच सबसे ज़्यादा चर्चा रोहित शर्मा की कप्तानी और मैदान पर उनके व्यवहार को लेकर हो रही है.
वैसे तो रोहित शर्मा की कप्तानी को लेकर एशिया कप के समय से ही चर्चा हो रही है और कई पूर्व खिलाड़ी और जानकार उनकी कप्तानी से निराश हैं.
लेकिन मैदान पर उनकी बॉडी लैंग्वेज का सवाल सबसे पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफ़ीज़ ने उठाया था.
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मैच के बाद मैदान पर रोहित शर्मा के व्यवहार को लेकर ख़ूब चर्चा हो रही है.
बल्ले से तो वे कोई ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन मैदान पर आते ही वो कुछ हड़बड़ी में दिखे, हताश और परेशान भी दिखे और कुछ फ़ैसले भी सवाल उठाने वाले लिए.
इसकी शुरुआत युजवेंद्र चहल के एक ओवर से हुई. उस समय अक्षर पटेल ने ऐरॉन फ़िंच को आउट कर दिया था. ऑस्ट्रेलिया की टीम बैक फुट पर थी.
अगले ओवर में चहल की एक गेंद सीधे स्टीव स्मिथ के पैड पर जाकर लगी. लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने न ठीक से अपील की और न ही डीआरएस लिया.
मैच के दौरान जब बड़ी टीवी स्क्रीन पर उस गेंद का रीप्ले दिखाया गया तो पता चला कि स्टीव स्मिथ आउट थे और अगर भारत ने डीआरएस लिया होता तो ऑस्ट्रेलिया का दूसरा विकेट जल्द ही गिर गया होता.
बस क्या था रोहित शर्मा ने रीप्ले देखने के बाद मैदान पर ही अपनी हताशा और अपनी नाराज़गी दिखाना शुरू कर दिया. यहाँ से शुरू हुआ उनके हताशा वाले व्यवहार का सिलसिला पूरे मैच के दौरान चलता रहा.
वे चहल पर तो ग़ुस्सा थे ही, लेकिन उनका ग़ुस्सा सबसे अधिक दिनेश कार्तिक पर था कि उन्होंने ठीक से अपील क्यों नहीं की या फिर डीआरएस लेने को क्यों नहीं कहा.
वे कई बार मैदान पर बड़बड़ाते दिखे. चहल और दिनेश कार्तिक को कुछ-कुछ बोलते दिखे.
उसके बाद आया ख़राब गेंदबाज़ी से शुरुआत करने वाले उमेश यादव के ओवर का नंबर. इस ओवर में बहुत कुछ हुआ.
भारत और कप्तान रोहित शर्मा के हिसाब से ये ओवर निर्णायक हो सकता था. हालाँकि ऐसा हुआ नहीं क्योंकि भारतीय गेंदबाज़ों ने टीम की इस बढ़त को नाकाम कर दिया. ख़ासकर भुवनेश्वर कुमार ने.
उमेश यादव के उस ओवर में ऑस्ट्रेलिया को दो झटके लगे. पहले स्टीव स्मिथ आउट हुए और फिर ग्लेन मैक्सवेल. रोचक बात ये रही कि ये दोनों फ़ैसले डीआरएस लेने के बाद भारत के पक्ष में आए. दोनों ही बार अंपायर ने भारत के ख़िलाफ़ निर्णय दिया. लेकिन कप्तान रोहित शर्मा ने तत्काल डीआरएस ले लिया.
इस दौरान वे हल्के अंदाज़ में चहल और दिनेश कार्तिक को शायद ये भी बताने की कोशिश कर रहे थे कि देखो हमने इस बार सही डीआरएस लिया तो निर्णय हमारे पक्ष में आया. रोहित शायद उस समय तक उस बात को नहीं भूल पाए थे कि चहल की गेंद पर डीआरएस नहीं ली गई थी.
एक बार तो मज़ाक में ही सही, रोहित शर्मा ने दिनेश कार्तिक की गर्दन पकड़ ली. ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहा है.
उमेश यादव के एक ओवर में दो विकेट गिरने के बाद भारतीय टीम एकाएक फ़्रंट फुट पर आ गई. लेकिन मैदान पर न तो रोहित शर्मा की हताशा कम हुई और न ही भारतीय गेंदबाज़ों की दुर्गति.
साथ ही कई कैच छूटने के बाद भी रोहित शर्मा का रिएक्शन चर्चा का विषय बना हुआ है.
एशिया कप के अहम मैचों में जिस तरह भुवनेश्वर कुमार ने गेंदबाज़ी की थी. उस समय उनको भारतीय टीम में शामिल न किए जाने की बात कई विशेषज्ञों ने की थी.
लेकिन ऐसा हुआ नहीं और इस मैच में जिन तेज़ गेंदबाज़ों को टीम में जगह मिली थी, उनमें सबसे सीनियर थे भुवनेश्वर कुमार.
इस बार भी अहम मौक़ों पर भुवनेश्वर कुमार ने सिर्फ़ ख़राब गेंदबाज़ी की, बल्कि भारत की बढ़त को लगातार कम किया.
इस दौरान कप्तान रोहित शर्मा की बॉडी लैंग्वेज़ देखने लायक थी.
एशिया कप के दौरान पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफ़ीज़ ने रोहित शर्मा का एक वीडियो शेयर करते हुए उनकी बॉडी लैंग्वेज पर सवाल उठाया था और कहा था कि उन्हें कप्तानी नहीं करनी चाहिए.
गेंदबाज़ों को लेकर चर्चित कमेंटेटर हर्ष भोगले ने भी निराशा जताई है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि आख़िरी ओवरों में भारत की गेंदबाज़ी की समस्या इस बार भी दिखी. हर्ष भोगले का कहना है कि जसप्रीत बुमराह अकेले इस कमी को पूरा नहीं कर सकते.
इस मैच में भुवनेश्वर कुमार ने चार ओवर में 52 रन दिए, जबकि उमेश यादव ने दो ओवर में 27 रन दिए. जबकि हर्शल पटेल ने चार ओवर में 49 रन दिए.
भुवनेश्वर कुमार को लेकर पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने भी ट्वीट किया है और लिखा है कि आख़िरी पाँच ओवर्स में भुवी से एक ही ओवर कराना चाहिए. (bbc.com/hindi)