‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च। कांग्रेस के आशीष छाबड़ा रामकुमार यादव ने अपने-अपने प्रश्नों के जरिए समाज कल्याण विभाग में दिव्यांगों को उपकरण, और पेंशन प्रकरणों में गड़बड़ी के मामलों में मंत्री अनिला भेडिय़ा को घेरा। मंत्री को आखिर घोषणा करनी पड़ी कि लंबित पेंशन की स्वीकृति दी जाएगी, और उपकरण खरीदी की जांच भी होगी।
प्रश्नकाल में आशीष छाबड़ा ने बेमेतरा जिले में वर्ष 2019-20, 2020-21 में दिव्यांगों के लिए उपकरण खरीदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा दो साल हो गए। बेमेतरा में दिव्यांगों को कोई सामग्री का वितरण नहीं हुआ है। इस पर मंत्री अनिला भेडिय़ा ने कहा कलेक्टर की समिति खरीदी कर वितरित करती है। इसके लिए डीएमएफ से 25 लाख रूपए निराश्रित निधि से खर्च किए जाते हैं। जिले में हुई खरीदी की जानकारी राज्य स्तर पर नहीं आती। इस पर छाबड़ा ने कहा कि जो सामग्री दिव्यांगों को दी गई है। वह गुणवत्ताहीन है। इसकी जांच कराई जाए। स्पीकर महंत ने कहा सभी मामलों की लिखित शिकायत करें मंत्री जांच करा लेगी।
एक अन्य प्रश्न में रामकुमार यादव ने वर्ष-2019 से 22 तक जिले में समाज कल्याण विभाग की लंबित पेंशन योजनाओं का मामला उठाया। उन्होंने कहा उनके विस क्षेत्र में 2002, और 2011 की निराश्रित सूची में नाम न होने के कारण विधवा, निराश्रित, और विकलांग पेंशन के दर्जनों मामले लंबित हैं। यादव ने मांग कि ग्राम पंचायत में प्रकरण मंजूर कर दिए हैं। उसी अनुरूप विभाग स्वीकृति दे। मंत्री भेडिय़ा ने कहा ग्राम सभी के प्रस्ताव पर ही स्वीकृति दी जाती है। लंबित प्रकरणों के हितग्राही यदि पात्रता में आते हैं, तो पेंशन अवश्य देंगे। उन्होंने कहा कोई प्रकरण विशेष है तो विधायक बताएं स्वीकृत कर देंगे। इस पर स्पीकर महंत ने मंत्री को सुझाव दिया कि सीएम और कैबिनेट में चर्चा कर 2002 और 2011 की सूची की समस्या दूर की जानी चाहिए।