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बीते तीन साल में अमानक बीज खाद की सप्लाई, और फर्म को करोड़ों के भुगतान की विधानसभा समिति से होगी जांच
22-Mar-2022 1:03 PM
बीते तीन साल में अमानक बीज खाद की सप्लाई, और फर्म को करोड़ों के भुगतान की विधानसभा समिति से होगी जांच

  नेता प्रतिपक्ष कौशिक की मांग पर कृषि मंत्री चौबे ने दी जांच की सहमति  
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 मार्च।
वर्ष-2019 से 22 तक हुई अमानक, बीज खाद, कीटनाशकों की खरीदी, और आपूर्तिकर्ता फर्म को भुगतान के मामले की विधानसभा समिति जांच करेगी। मंगलवार को सत्र के अंतिम दिन यह मामला जमकर उठा, और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की सहमति से स्पीकर चरणदास महंत ने यह जांच की घोषणा की।

प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने यह मामला उठाया। उन्होंने इस बात पर आपत्ति की कि इन अमानक सामग्री की आपूर्ति करने वाले त्रिमूर्ति साइंस प्लांट फर्म को ब्लैक लिस्ट करने के बाद भी फिर से सप्लाई का काम दिया गया, और भुगतान भी कर दिया गया। यह कैसे हुआ बताया जाए। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि इस मामले की हर सत्र में चर्चा होती रही है। हमने कार्रवाई भी की। फर्म की सुरक्षा निधि राजसात की, भुगतान भी रोका, और फर्म को डिबार करने की घोषणा इसी सदन में की। फिर भी 2.61 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया गया जो उचित नहीं था। इस पर कौशिक ने कहा कि जिन्होंने फर्म को बहाल किया उन अफसर के खिलाफ क्या कार्रवाई करेंगे। हमारी तो मांग है कि सदन कमेटी से जांच कराई जाए। मंत्री चौबे ने कहा कि मामला इतना गंभीर भी नहीं कि सदन समिति से जांच हो, लेकिन सदन में चर्चा के बाद भुगतान किया गया, जो नहीं होना था यह गंभीर है। हम उच्चस्तरीय जांच करा लेंगे। भाजपा के शिवरतन शर्मा ने पूछा कि इस उच्चस्तरीय जांच से पहले क्या पेमेंट करने वाले अफसर को निलंबित करेंगे। मंत्री चौबे ने कहा निलंबन जैसी स्थिति नहीं है। अफसर के रहते जांच में दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि फर्म का पेमेंट अभी बकाया है। सौरभ सिंह ने कहा सदन में मंत्री की घोषणा के बाद भी पेमेंट किया गया। अफसर पर किसका संरक्षण है, यह गंभीर मामला है निलंबन की घोषणा करें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा यह किसानों की योजना में भारी अनियमितता का मामला है। ऐसे अफसर को बचाना संरक्षण देने से अनियमितताएं और बढ़ेंगी। तो अजय चंद्राकर ने कहा कि अनियमितता साबित हो गई है, और मंत्रीजी ने स्वीकार भी किया है।  तो सदन समिति से जांच कराने में क्या दिक्कत है। कृषि मंत्री चौबे ने कहा कि किसानों के हित के मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की यही प्राथमिकता है। चौबे ने स्पीकर महंत से प्रश्न संदर्भ समिति या सदन समिति बनाने का आग्रह करते हुए जांच की घोषणा की। यह भी कहा कि इस जांच के बाद अफसर पर कार्रवाई की जाएगी।

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