विधानसभा
महंत ने कहा-आपकी इच्छानुसार जवाब नहीं हो सकता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 मार्च। राजधानी रायपुर में अधूरे पड़े एक्सप्रेस-वे के निर्माण में देरी का मामला सोमवार को विधानसभा में गुंजा। इस मामले में कांग्रेस सरकार द्वारा पहले निलंबन, और फिर बहाली को लेकर भाजपा के शिवरतन शर्मा ने मंत्री ताम्रध्वज साहू को घेरा।
विधायक शर्मा ने कहा कि एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए अलग-अलग विभागों से प्रतिनियुक्ति पर अफसर लिए गए थे। नई सरकार ने इनमें से 6 अफसरों को सस्पेंड किया, लेकिन उनमें से दो अफसरों को मूल विभाग ने बहाल कर दिया। जब जांच चल रही हो तो बहाली का अधिकार विभाग को है। मंत्री साहू ने कहा कि प्रतिनियुक्ति पर दिए गए अफसरों के खिलाफ एक्सप्रेस के निर्माण में शिकायतों को लेकर कार्रवाई की गई। इनमें से दो अफसर के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद बहाल किया गया। शेष के खिलाफ जांच प्रक्रियाधीन है। शर्मा ने कहा कि डीई एक वर्ष में पूरी होनी थी नहीं हुई। क्यों इन दो अफसरों के खिलाफ अलग से जांच हुई। जबकि बहाली के लिए पीडब्ल्यूडी के क्लीयरेंस की जरूरत होती है। तीन साल में न सडक़ चालू हो पाई, न ठेकेदार पर कार्रवाई की गई। इसके उलट अफसर बहाल किए जा रहे हैं। जनता के सामने सच आना चाहिए। मंत्री साहू ने कहा कि छह अफसरों में से सतीश जाधव के खिलाफ जांच पूरी हो गई है। उन्हें आंशिक दोषी माना गया था, अब वे रिटायर हो गए हैं। पांच में से दो जतिन्द्र सिंह, विवेक सिन्हा को उनके विभागों ने बहाल किया है। तीन के खिलाफ जांच चल रही है। साहू ने कहा कि जनता के सामने सच आ गया है। पिछले चुनाव के समय जल्दबाजी में सैकड़ों करोड़ खर्च कर इसे बनाया गया, जो गुणवत्ता विहीन था। इसमें दुर्घटना हुई। एक की मौत भी हुई। इसके बाद हमने जांच कराई, और कार्रवाई की। ठेकेदार से उसी के खर्च पर 300-400 करोड़ के खर्च से फिर से निर्माण करवा रहे है। काम लगभग समाप्ति की ओर है। दोषी अफसरों पर कार्रवाई विधि अनुसार चल रही है। शिवरतन ने कहा कि बहाल करना था तो सभी 6 लोगों को करते, दो पर किसकी कृपा रही, लक्ष्मीजी या किसी नेताजी की। स्पीकर महंत ने कहा कि आपकी इच्छानुसार जवाब नहीं हो सकता। तो मंत्री शिव डहरिया ने आपत्ति की कि इतने अच्छे मंत्री हैं कुछ भी प्रश्न किया जा रहा है।