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स्पीकर ने पलायन का कलंक मिटाने, कार्ययोजना बनाने मंत्री डहरिया को दिए निर्देश
21-Mar-2022 5:47 PM
स्पीकर ने पलायन का कलंक मिटाने, कार्ययोजना बनाने मंत्री डहरिया को दिए निर्देश

कांग्रेस के धनेन्द्र साहू ने ही मंत्री को घेरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 21 मार्च। विधानसभा स्पीकर चरणदास महंत ने प्रदेश से मजदूरों के पलायन पर चिंता जताते हुए श्रम मंत्री शिव डहरिया को निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ के माथे से पलायन का कलंक मिटाने कार्ययोजना बनाए। इससे पहले कांग्रेस के धनेन्द्र साहू ने महासमुंद जिले से हो रहे पलायन को लेकर सरकार को घेरा। प्रश्नकाल में साहू ने कहा कि मेरे प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी गई है वह आधी अधूरी है। सच्चाई यह है कि तीन से चार गुना अधिक पलायन हुआ है। इसी तरह से कोरोना काल में 61 हजार मजदूरों की वापसी बताई गई है। वह भी तथ्यात्मक नहीं है। साहू ने कहा कि लाखों की संख्या में पलायन करते हैं, लेकिन यहां संख्या 20 हजार बताई गई है। इसकी जांच कराएंगे। इस पर मंत्री डहरिया ने परीक्षण कराने का आश्वासन दिया। विधायक साहू ने आरोप लगाया कि पलायन के लिए माफिया सक्रिय है। राजस्व विभाग के प्रश्रय होता है। इसकी रोकथाम जरूरी है। इसके क्या उपाय किए गए हैं। साहू ने कहा कि 5.50 लाख श्रमिकों के लौटने की जानकारी दी गई है। इन्हें कोरोना काल में कौन से काम दिए हैं। सरकार ने बताया कि मनरेगा में 108 करोड़ रूपए की मजदूरी दी गई है। ये मजदूरी है या सामाग्री खरीदी की भी राशि है। मंत्री डहरिया ने कहा कि यह मजदूरी की राशि है। साहू का कहना था कि कोरोनाकाल में ढाई लाख मजदूरों को 193 रूपए की दर से मजदूरी दी गई। इसका हिसाब 108 करोड़ होता है। जो 22 दिनों के काम के बदले खर्च की गई। 22 दिन काम देकर पलायन कैसे रोका जा सकता है। मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि पलायन रूके, लेकिन बेहतर मजदूरी के लिए लोग बाहर चले जाते हैं। इनके पंजीयन के बाद ही जाने की अनुमति दी जाती है। श्रम विभाग, और पुलिस पलायन कराने वाले ठेकेदारों, और फर्मों पर कार्रवाई करते हैं। क्षेत्र विशेष की जानकारी हो, तो दे दें कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग और कलेक्टरों को मजदूरों के स्किल मैपिंग के निर्देश दिए गए हैं। इन्हें उनकी योग्यता अनुसार स्थानीय उद्योगों में काम दिया जाता है। इस पर स्पीकर महंत ने कहा कि मंत्रीजी पलायन छत्तीसगढ़ के माथे पर कलंक है। महासमुंद, जांजगीर, मुंगेली, बिलासपुर से मजदूरों का पलायन ज्यादा होता है। ऐसी कार्ययोजना बनाए की यह कलंक मिटे।

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