सामान्य ज्ञान
उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के फुर्सतगंज में देश का पहला राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय राजीव गांधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय स्थापित किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य हवाई यातायात, सुरक्षा, संरक्षा और नियामक के क्षेत्रों में तकनीकी और प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण देना है। फुर्सतगंज में 26 एकड़ के भूखंड पर स्थापित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी में इस केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्थापित किया जाएगा। यह विश्वविद्यालय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में एक स्वायत्तशासी निकाय के रूप में कार्य करेगा। 12वीं पंचवर्षीय योजना में इसके लिए 202 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से केंद्र सरकार 80 करोड़ रुपये पहले ही स्वीकृत कर चुकी है।
राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में की जाएगी। विश्वविद्यालय में वैमानिकी संबंधी अध्ययन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही वैमानिकी प्रबंधन, नियमन और नीति, वैमानिकी इतिहास, विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, वैमानिकी कानून, वैमानिकी सुरक्षा एवं संरक्षा तथा वैमानिकी दवाओं जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित प्रशिक्षण एवं अनुसंधान पर भी जोर दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली जिले में राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय की स्थापना के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी 11 जुलाई 2013 को दी थी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राजीव गांधी राष्ट्रीय उड़ान विश्वविद्यालय विधेयक-2013 को 19 सितम्बर 2013 को मंजूरी दी। इस विधेयक को राज्यसभा ने 7 सितम्बर 2013 को और लोकसभा ने 6 सितम्बर 2013 को पारित किया था।