राजनांदगांव

छठी माता से बच्चों की लंबी आयु के लिए माताएं रखेंगी व्रत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर। भगवान सूर्यदेव और छठी माता की उपासना का महापर्व छठ पर्व का आगाज हो गया है। नहाय-खाय के साथ 4 दिनों के इस पर्व की खुशियां शहर में बिखरी नजर आ रही है। इस पर्व को लेकर उत्तर भारत के बाशिंदों का उत्साह छलक रहा है। घरों में पर्व की तैयारी के लिए अलग-अलग व्यंजन भी तैयार किए जा रहे हैं। स्थानीय सरोवरों के तट में पूजा-अर्चना के लिए परिवार के लोग साफ-सफाई कर रहे हैं।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से पर्व की शुरूआत होती है। पंचमी तिथि यानी आज 6 नवंबर को खरना होगा। इस दिन माताएं दिनभर कठिन व्रत रखेंगी और पूजा के बाद गुड की खीर खाकर व्रत प्रारंभ करेंगी। संतान की लंबी आयु की कामना वाले इस पर्व को व्यापक स्तर पर मनाया जाता है। शहर में भी उत्तर भारत के लोगों की खासी तादाद है। शहर के मोती तालाब और चिखली के तालाब के अलावा अन्य सरोवरों में पूजा-अर्चना का दृश्य नजर आने लगा है।
7 नवंबर यानी कल तालाब के घाट में शाम को डूबते सूर्य को अध्र्य दिया जाएगा। वहीं 8 नवंबर को अलसुबह बड़ी संख्या में लोग तालाब में पहुंचकर उगते सूर्य को अध्र्य देंगे। इसके बाद व्रती महिलाएं उपवास समाप्त करेंगी। इधर बाजार में पूजा-अर्चना की मांग के चलते व्यापारिक हलचल बढ़ गई है। छठ पर्व में फलों की पारंपरिक मांग होती है। इसके अलावा टोकनी और अन्य सामग्री भी पूजा में उपयुक्त होती है। गाजे-बाजे के साथ छठ पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा हे। भगवान सूर्यदेव और छठ माता को पारंपरिक रूप से मनाया जाएगा। लिहाजा तालाब के घाट की साफ-सफाई की जा रही है। डूबते और उगते सूर्य को अध्र्य देने के बाद पर्व का समापन होगा।