राजनांदगांव

भाईयों ने ताउम्र रक्षा करने का दिया वचन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 19 अगस्त। भाई-बहन के अटूट रिश्ते के पर्व रक्षाबंधन पर्व पर घरों में परपंरागत रूप से भाईयों की जहां कलाईयां सजी। वहीं बहनों को उनके ख्वाहिश के मुताबिक तोहफे और उपहार मिले।
सालभर के इस त्यौहार के लिए बहनों को इंतजार रहता है। वहीं भाई भी बहनों के बीच समय व्यतीत करने के लिए इस पर्व का इंतजार करते हैं। भाई-बहन के प्यार को देखकर जहां घरों के बड़े-बुजुर्गों की आंखे भर आई। वहीं बचपन में बिताए वक्त को भी भाईयों ने बहनों के साथ याद किया।
जिले में आज रक्षाबंधन के मौके पर घरों में खुशियां ही खुशियां नजर आई। भाईयों को कलाई सजाकर जहां बड़ी बहनों ने दुलार किया। वहीं बड़े भाईयों ने अपनी छोटी बहनों को आशीर्वाद स्वरूप साथ देने का वचन दिया।
सोमवार को शहर में रक्षाबंधन त्यौहार पारंपरिक रूप से मनाया गया। भाईयों की कलाई सजाते बहनों की जहां आंखे भर आई। वहीं उनका उत्साह दोगुना रहा। बचपन में बिताए पल को याद कर भाई-बहनों की आंखे भर आई। मीठी यादों के बीच पूरे दिन भाई-बहनों ने मस्ती के साथ समय बिताया। भाई-बहनों के बीच प्रगाढ़ संबंधों को देखकर मां-बाप एवं परिजनों की आंखे भी भर आई।
महत्वपूर्ण रिश्तों में से यह नाता भाई-बहनों के लिए खुशी की सौगात लेकर आया। राखी बांधने के बाद भाईयों ने मनचाहा उपहार देकर खुशियों की झड़ी लगा दी। कुछ घरों में जहां बड़ी बहनों ने भाईयों की देखरेख का वायदा किया। वहीं कुछ घरों में छोटी बहनों के जीवन में आने वाली हर तकलीफ में साथ खड़े रहने का भी भाईयों ने भरोसा दिया। राखी के अवसर पर घरों में हंसी-खुशी के बीच भाई-बहन ने समय बिताया।
सालभर में एक दिन इस त्यौहार पर बहनों का हक होता है, इसलिए भाईयों ने भी पूरे समय उनके साथ व्यतीत किया। बड़ी बहनों ने जहां अपने दुलार से भाईयों को शुभ वचन दिए। वहीं छोटी बहनों से बड़े भाईयों से हरकदम जीवनभर साथ देने का वादा लिया। भाईयों ने भी बहनों के प्रेम से उत्साहित होकर उन्हें उनकी मनमाफिक उपहारों से नवाजा। बहनों को रक्षाबंधन पर साड़ी, जेवर के साथ अन्य तोहफे दिए गए। बहनों की मौजूदगी से घरों में दिनभर चहल-पहल रही। बहनों ने भाईयों को राखी बांधकर मुंह मीठा कराया। परंपरागत् रूप से भाईयों ने भी मिठाई का आधा हिस्सा बहनों को दिया।
इधर दूर-दराज से किसी कारणवश भाईयों तक नहीं पहुंची बहनों ने पोस्ट के जरिये राखी भेजा। राखी को देखकर भाईयों को बहनों की कमी खली। व्यवहारिक परेशानी होने की वजह बताकर बहनों ने पत्र के जरिये भाईयों को अपने राखी रूपी प्रेम को आत्मसात करने का आग्रह किया। इस बीच रक्षाबंधन पर्व पर सभी के चेहरे खिले रहे। सुबह से घरों में बहनों ने भाईयों के लिए खीर, मिष्ठान एवं अन्य पकवान बनाकर उन्हें खुश करने की कोशिश की। खानपान के दौरान भाईयों को बहनों के हाथों से बनी पकवान खूब भाया। हालांकि उन घरों मेंं थोड़ी मायूसी दिखी, जहां भाई तय समय पर बहनों के पास नहीं पहुंच सके। ऐसे घरों में भाई-बहन की मुलाकात नहीं हो पाई। रिश्ते की अहम कड़ी भाई-बहन का संबंध का यह त्यौहार पूरे दिन लोग नई-पुरानी यादों में खोए रहे। इधर सोमवार को भी राखी खरीदी का सिलसिला जारी रहा। भाईयों के लिए मिष्ठान खरीदने के लिए स्थानीय बड़े मिष्ठान दुकानों में सुबह भी भीड़ रही। साथ ही बसों एवं निजी वाहन के माध्यम से बहनों का आने-जाने का क्रम बरकरार रहा। विवाह के पश्चात पहली बार भाईयों को राखी बांधने पहुंची बहनों की आंखें भर आई। सुखद पारिवारिक वातावरण के बीच घरों में बहन-भाई अपने दुख-दर्द को साझा करने में ही मशगूल रहे। शहर में भाईयों के लिए राखी लेकर निकले बहनों की आवाजाही दिनभर रही।
मुहूर्त के बाद बहनों ने बांधी राखियां
रक्षाबंधन पर्व पर जहां भद्रा की छाया को लेकर बहनों ने शुभ मुहूर्त का इंतजार किया। वहीं दोपहर बाद बहनों ने अपने भाईयों की कलाईयों में राखी बांधी। इस बीच घरों में खुशियों का माहौल बना हुआ था।