राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 नवंबर। शहर एवं अंचल में दीपावली पर्व परंपरागत रूप से मनाया गया। मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए घर-आंगन में जबर्दस्त उत्साह दिखाई दिया। वहीं लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन सूर्यग्रहण के पश्चात आज बुधवार को शहर समेत अंचल गोवर्धन पूजा की धूम नजर आई।
यादव समाज समेत अन्य वर्ग के लोगों ने गोवर्धन पूजा की। सुबह से गौमाता को खिचड़ी व अन्य खाद्य पदार्थ का भोग लगाकर परिवार की मंगल कामना को लेकर कामना की। वहीं मंदिरों में भी सुबह से अन्नकूट का आयोजन के अवसर पर भक्तों का तांता लगा रहा।
इधर ग्रामीण इलाकों में बाजे-गाजे और दोहों में युवा वर्ग नाचते नजर आए। वहीं ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्र के सडक़ों व गलियों में भी सामाजिक वर्ग के लोग बाजे और दोहों पर नाचते नजर आए। इस दौरान बच्चों ने फटाखे भी फोड़े। बुधवार सुबह कुछ इलाकों से धूम-धड़ाके के बीच गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना एवं विसर्जन का माहौल बना रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में गौरा-गौरी की पूजा-अर्चना के लिए पूरा गांव जुटा।
मड़ई-मेले का दौर
दिवाली पर्व की समाप्ति के बाद कल से मड़ई मेले का दौर शुरू हो जाएगा। मडई-मेले को परंपरागत रूप से हर गांव में मनाया जाता है। तकरीबन 3 महीने तक पूरे क्षेत्र में मड़ई और मेले का सिलसिला चलता रहेगा।
धान कटाई के बाद मड़ई-मेले का क्रम तेज हो जाएगा। शहर के सबसे बड़े पुराने बस स्टैंड में मां काली माई मंडई का आयोजन होगा। बस स्टैंड में वर्षों से मां काली के नाम पर दिवाली के ठीक दूसरे दिन यह आयोजन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मड़ई-मेले को काफी महत्व दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मड़ई-मेले में पारिवारिक वातावरण के बीच गांव के लोग एक-दूसरे से आत्मीय संबंध बढ़ाने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। यही वजह है कि गांव में मड़ई मेले का अब भी महत्व बरकरार है।
कल मनाई जाएगी भाईदूज पर्व
भाईदूज पर्व पर कल गुरुवार को बहने पारंपरिक रूप से आरती उतारकर भाईयों की लंबी उम्र की कामना करेंगी। बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करेंगी। भाई-बहनों का प्यार और दुलार कल घरों और परिवार के बीच नजर आएंगी। वहीं हंसी-ठिठोली को लेकर परिवार के मुखिया समेत अन्य सदस्यों में उत्साह का माहौल भी बना रहेगा।