राजनांदगांव

तीन बैराज से छोड़ा जा रहा पानी
छत्तीसगढ़ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 जुलाई। सावन महीनें के तीसरें दिन मानसूनी बारिश ने झड़ी का रूप अख्तियार कर लिया है। आषाढ़ में अनुमान के विपरीत कम बरसात होने से लोगों को सावन से उम्मीद थी। सावन मास के प्रांरभ होने के तीसरे दिन रविवार को झड़ी के रूप में दिनभर बादल बरसे। सावन में बरसते बादलों से बांध-बैराज भी छलक रहे है। जिलें के ज्यादातर बैराज में पानी की आवक बढ़ी है। तेजी से भराव होने से बांधों का सूखापन भी गायब होते दिख रहा है। जिलें के मोंगरा, खातूटोला, सूखानाला, रानी रश्मिबाई जलाशय व रूसे बांध में कैचमेंट एरिया से पानी का बहाव तेज हुआ है। सावन के महीनें में बारिश होने से खेती को फायदा पहुंचा है। समूचे जिलें में लगातार हो रही बारिश से नदियों की रफ्तार भी बढ़ी है।
सबसे बैराज मोंगरा के छलकने से शिवनाथ की धार तेज हुई है। एक जानकारी में रविवार को मोंगरा से 2 हजार क्यूसेक, साथ ही खातूटोला और सूखानाला बैराज से क्रमश: 500-500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बैराजों से निकले रहे पानी के कारण नदियों के स्थिति पर व्यापक असर पड़ रहा है। झड़ी लगने के कारण तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। आषाढ़ के महीने में बरसात के बाद भी लोगों को उमस से छुटकारा नही मिला। सिलसिलेवार बारिश के बाद मौसम काफी खुशगवार हो गया। इस बीच जिलें की सहायक नदियां भी उफान मार रही है। पैरी, व आमनेर समेत कुछ नदियों ने रफ्तार पकड़ ली है। मुख्य नदी शिवनाथ के जलस्तर बढऩे से तटीय इलाको में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। शिवनाथ नदी के किनारें बसे गांवों को अलर्ट किया गया है।
पिछले कुछ दिनों से जिले में अच्छी बारिश से शिवनाथ नदी का स्वरूप बढ़ गया है। शिवनाथ के उफान में आने की संभावना तेज बारिश से प्रबल हो गई है। सहायक नदियों से मिलने से शिवनाथ की धार दुगुनी हो गई है। ऐसे हालत में पानी शिवनाथ के एनीकटों से पानी छोड़ा जा रहा है। लगातार मानसून के मजबूत होने से बारिश के थमने की उम्मीद नही दिख रही है। बताया जा रहा है कि जिले में वनांचल और मैदानी इलाको में अब मानसून पूरी तरह से मेहरबान हो गया है। ऐसे में खेती के लिहाज से मानसूनी बारिश फायदेमंद दिख रहा है।