रायपुर

तहसीलदार कुर्रे, आरआई वर्मा समेत कई फरार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 30 अप्रैल। भारतमाला मुआवजा घोटाले से जुड़े जांच के लेकर ईओडब्लू की टीम तेलीबांधा स्थित दशमेश इंस्टावेंचर प्रालि. के ऑफिस पहुंची। पिछले दिनों छापेमारी के दौरान यह आफिस सील किया गया था।
ईओडब्लू के अफसर ऑफिस के अंदर जांच कर रही है । इसका संचालक, इस पूरे घोटाले के मास्टर माइंड हरमीत सिंह खनूजा है। जो इस समय तीन अन्य के साथ ईओडब्लू की रिमांड पर है। ईओडब्ल्यू उसे लेकर यहां पहुंची थी। इन सबको को दो मई को पुन कोर्ट में पेश करना है । इसे देखते हुए ईओडब्लू ने आज यह सर्च शुरू किया । हरमीत ने जमीन दलाल और मेवा कारोबारी विजय जैन, उमा देवी (फर्जी नाम) और उसके पति केदार तिवारी से साथ मिलकर यह मुआवजा घोटाला किया।
इन लोगों ने जैतू साव मठ की जमीन को भारतमाला प्रोजेक्ट के अधीन कर करोड़ों का मुआवजा हासिल किया। इस परियोजना में अभनपुर के पूर्व एस डी एम निर्भय साहू,तहसीलदार, आरआई ,पटवारियों ने भी साथ मिलकर करोड़ों का घपला किया। हरमीत ने एक निलंबित तहसीलदार शशिकांत कुर्रे की पत्नी? भावना कुर्रे के साथ पार्टनरशिप में दशमेश इंस्टावेंचर प्रालि,दशमेश डेवलपर,शुभ लक्ष्मी वेंचर्स जैसे 13 फर्म, कंपनी बनाई । यह बाहर से देखने में टूर ट्रैवल एजेंसी है,लेकिन वहां जमीन खरीदी बिक्री का कारोबार होता रहा । इसी परिसर में सभी 13 फर्मों का भी काम होता रहा ।ईओडब्लू ने जमीन दलाल आशीष तिवारी,रामदास के नाम की नोटिस चस्पा किया था। इनसे भी पूछताछ की जाएगी। इतना ही नहीं हरमीत की पत्नी मनप्रीत कौर स्वयं भी तहसीलदार है। और नवा रायपुर मेें पदस्थ है। अभी मनप्रीत और भावना कुर्रे इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पांच दिन पहले ईओडब्लू ने हरमीत सिंह समेत बीस लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें आरआई रौशन वर्मा, और कुछ पटवारी भी शामिल हैं। रौशन वर्मा ने भी इस मुआवजा घोटाले में लाखों के वारे न्यारे कर सड्डू के राजधानी विहार में 45 लाख का एक अतिरिक्त मकान खरीदा था । उसने तीन चार वर्ष पहले ही रायपुर कलेक्टोरेट से अभनपुर तबादला कराया था। रौशन ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। वह छापेमारी की भनक लगते ही 3-4 दिन पहले से ही फरार हो गया है। ईओडब्लू उसकी तलाश कर रही है ।