रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अक्टूबर। मेडिकल डेंटल कॉलेज में एनआरआई कोटे से प्रवेशित छात्रों के मामले पर आईएएम अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने कहा है कि यह प्रथम दृष्टया बड़े फ्राड का सामने आया है। ईडी निदेशक, केंद्रीय गृह मंत्री और सीएम साय को टैग कर अपने एक्स पोस्ट में डॉ गुप्ता ने कहा कि कॉलेजों के बैंक खातों में जमा फीस के विदेशी मुद्रा के सोर्स की जांच होनी चाहिए। और मेरिट आधार पर ओपन कोटे में एडमिशन होना चाहिए।
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 सितंबर के बाद एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों और देने वाले कॉलेजों की जांच आयुक्त चिकित्सा शिक्षा करवा रहे हैं। और सभी को दस्तावेज की जांच कराने कहा गया है। लेकिन बीते तीन दिनों में एक भी जांच के लिए नहीं पहुंचा है। करीब 45 छात्र संदिग्ध दस्तावेज वाले हैं । हाईकोर्ट ने 17 लोगों को ही एडमिशनल के लिए एलाउ किया है। । गुप्ता ने कहा है कि बिलासपुर हाईकोर्ट के निर्णय के बाद भी अप्रवासी भारतीय होने के दस्तावेज की पात्रता की जांच और विदेशी खातों से विदेशी मुद्रा में धन भी एक जांच का मुद्दा है जिस पर माननीय कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
ज्ञात हो इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए तीन दिन जांच बैठी रही। कोई भी जांच के लिए प्रस्तुत नहीं हुआ। वे जब भी आएंगे उन्हें इस प्रक्रिया से तो अभी भी गुजरना होगा।
इन तथ्यों के प्रकाश में संदिग्ध
- अप्रवासी भारतीय छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया में कितने छात्रों ने विदेशी मुद्रा या विदेशी बैंक के चेक का उपयोग फीस के रूप में किया है ?.
- कितने एडमिशन लिए छात्रों का सीधा संबंध अप्रवासी भारतीयों या दूसरे देशों से है? कितने छात्रों के माता-पिता विदेश में रहते हैं या कितनों के निकटतम रिश्तेदार अभिभावक के रूप में (फीस दाता के रूप में) पंजीकृत किए गए हैं?
- प्रवासी भारतीय सर्टिफिकेट जारी करने में कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है और इस अप्रवासी भारतीय सर्टिफिकेट के प्रमाणीकरण की क्या प्रक्रिया है?
- सुप्रीम कोर्ट के 24 सितंबर के निर्णय के पहले कितने छात्रों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और कितने छात्रों की आवेदन अप्रवासी भारतीय कोटे में रिजेक्ट किए गए हैं?
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने की संभावना के बाद अप्रवासीय भारतीय पोते की सीटों को आवंटन करने की क्या पकिया है?
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करने की संभावना भावना के बाद अप्रवासीय भारतीय पोते की सीटों को आवंटन करने की क्या प्रक्रिया है?
- भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठने वाले प्रश्न चिन्हों को अभी तक विभाग की तरफ से आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं किया गया है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद रक्त वंशावली के स्पष्टीकरण के लिए विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने से भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शिता और विश्वसनीयता मिलेगी।