रायपुर

महिला महाविद्यालय में सेमिनार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 22 अक्टूबर। दूधाधारी कन्या महाविद्यालय में मंगलवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू हुआ। यह समाजशास्त्र विभाग और छत्तीसगढ़ समाजशास्त्रीय परिषद संयुक्त रूप से आयोजित कर रहा है। सेमिनार का विषय था च्च्वैश्वीकरण और भारतीय परिवार : बदलते परिदृश्य तथा उभरती चुनौतियां। प्राचार्य डॉक्टर किरण गजपाल ने कहा कि परिवार में वैवाहिक भूमिका और सत्ता के वितरण में बदलाव हो रहा है परिवार जैसी संस्था टूटने के कारण ही झूलाघर, नर्सरी ,वृद्ध आश्रम आदि बढ़ रहे हैं ,इस सेमिनार का उद्देश्य है समाज में बढ़ते विघटन को कम करना । मुख्य अतिथि प्रसन्ना आर, सचिव उच्च शिक्षा ने कहा एआई का प्रभाव परिवारों पर भी पड़ेगा, भारतीय परिवार की संरचना विदेश से अलग थी और बेहतर थी , आज विवाह रूपी संस्था को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है ।
विशिष्ट अतिथि डॉ.भूप सिंह ,द्रोणाचार्य शासकीय महाविद्यालय ,गुरुग्राम ने कहा कि जितनी लड़कियों की भ्रूण में हत्या हुई उतनी तो युद्ध में भी नहीं हो सकती । ऐसे ही कई विपरीत कामों ने समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाले हैं ।
संयोजक डॉक्टर प्रीति शर्मा न कहा कि परिवार का उद्देश्य चरित्र और सामाजिक आचरण निर्मित करने का रहा है । परंतु बेहतर रोजगार और शिक्षा के लिए बढ़ती गतिशीलता ने परिवार पर प्रभाव डाला है। आईक्यूएसी प्रभारी डॉक्टर उषा किरण अग्रवाल ने बदलते वैश्वीकरण और परिवार के मनोवैज्ञानिक पक्ष पर अपने विचार रखे।
मंच संचालन करते हुए डॉ मनीषा महापात्र ने कहा कि पीढ़ी का अंतर, बदलती जीवन शैली आदि से वैचारिक मतभेद उत्पन्न हो रहे हैं जिससे तनाव हो रहा है ।
गृह विज्ञान विभाग की प्राध्यापक डॉ शिप्रा बैनर्जी ,डॉ नंदा गुरुवारा, डॉ शिखा मित्रा की दो पुस्तकों का विमोचन किया गया ।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रमिला नागवंशी ने किया ।