रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 21 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलरों के दो साल से कस्टम मिलिंग के करीब तीन हजार करोड़ रुपए नहीं मिले हैं। ऊपर से मिलिंग का चावल जमा कराने के लिए छापेमारी, धरपकड़ और बैंक गारंटियों की जब्ती की जा रही है। इसके विरोध में रणनीति बनाने मिलरों ने काले कपड़े पहनकर बैठक की।
बैठक के बारे में मिलरों ने बताया- 20 अक्टूबर को समस्त रायपुर जिला राइस मिलर्स की मीटिंग हुई, जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया की जब तक शासन के द्वारा हमारे सभी मदों में कस्टम मिलिंग राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा तब तक रायपुर जिले में किसी भी मिलर के द्वारा पंजीयन एवं एग्रीमेंट नहीं कराया जाएगा ,मार्कफेड को बारदाना नहीं उपलब्ध कराया जाएगा, आटो पंजीयन होने की स्थिति में किसी भी मिलर के द्वारा बैंक गारंटी नहीं प्रस्तुत किया जाएगा। कस्टम मिंलिग का चावल जमा करने के लिए 30 नवंबर तक समय दिया जाए।
मीटिंग में रायपुर जिले से अध्यक्ष नूरू शेख कार्यकारिणी अध्यक्ष विजय गोयल, राजिम, राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष खरोरा, गिरधारी लाल अग्रवाल, अध्यक्ष नयापारा,विवेक छापरिया, अध्यक्ष अभनपुर ,राजू गांधी अध्यक्ष तिल्दा, सुमित अग्रवाल महामंत्री रायपुर जिला , सनी अग्रवाल, महामंत्री रायपुर जिला, टीनू अग्रवाल अध्यक्ष आरंग उपस्थित थे. रायपुर जिले के समस्त राइस मिलर के द्वारा अपनी एकता दिखाते हुए काले रंग की शर्ट में उपस्थिति दर्ज की गई।