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पटना, 20 मार्च| बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने शनिवार को कहा कि 'बेटी बचाओ आंदोलन' की सफलता में सामाजिक संगठनों की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार कानून बना सकती है, लेकिन जनसरोकार के मुद्दे के प्रति सरकार के प्रयासों के साथ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन भी बहुत जरूरी है। इसमें सामाजिक संगठनों की बड़ी भूमिका है।
पटना में 'भूमिका बिहार' संगठन द्वारा 'बेटी बचाओ आंदोलन' के तहत राज्य स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 'बेटी बचाओ आंदोलन' की सफलता में सामाजिक संगठनों की बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा कि समाज और सरकार के सहयोग से ही हम इस अभियान में सफलता प्राप्त करेंगे।
'भूमिका बिहार' संगठन द्वारा इस दिशा में किए जा रहे कार्यो प्रति संतोष व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैफिकिंग की शिकार सैकड़ों बच्चियों की शिक्षा एवं पुनर्वासन की दिशा में संगठन ने अच्छा काम किया है।
उन्होंने कहा कि बेटियों और महिलाओं को शिक्षित, समर्थ और स्वावलंबी बनाने के लिए बिहार सरकार और भारत सरकार लगातार प्रयत्नशील है। आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के तहत हमने महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए बढ़ावा देने के लिए इंटर पास अविवाहित महिलाओं को 25 हजार और स्नातक पास करने वाली महिलाओं को 50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 5 लाख अनुदान एवं 5 लाख रुपये की ब्याजमुक्त राशि महिला उद्यमी को देने की व्यवस्था की है।
उन्होंने कहा कि साइकिल योजना के माध्यम से बिहार सरकार ने बच्चियों के अंदर शिक्षा के साथ-साथ आत्मविश्वास पैदा करने की सफल कोशिश की है, जिससे व्यापक सामाजिक बदलाव हुआ है।
उन्होंने कहा, हमारी कई बच्चियां खासकर सीमांचल इलाके में ट्रैफिकिंग की शिकार हो जाती हैं। सरकार ने इसकी रोकथाम के लिए कानून बनाया है, लेकिन इसके मुकम्मल एनफोर्समेंट के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा।" (आईएएनएस)