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RAJYA SABHA TV
शिव सेना सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को रिपब्लिक टीवी प्रमुख अर्नब गोस्वामी का मामला संसद में उठाया. संजय राउत ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते यह मामला उठाया. राउत ने राज्यसभा में केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला. टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस ख़बर को 15वें नंबर पेज पर जगह दी है.
राउत ने कहा, ''धर्मेंद्र प्रधान कह रहे थे कि सच सुना करो उससे मोक्ष की प्राप्ति होती है. हम तो छह साल से सच सुन रहे हैं और झूठ को भी सच मान रहे हैं. लेकिन आज जो देश में माहौल है उसमें जो सच बोलता है उसे ग़द्दार और देशद्रोही कहा जाने लगता है. जो सरकार से सवाल पूछेगा उस पर देशद्रोह का मुक़दमा लगा दिया जाएगा. हमारे सदन के साथी संजय सिंह पर देशद्रोह का मुक़दमा है. जाने-माने पत्रकार राजदीप सारदेसाई, जिसे सरकार ने पद्मश्री दिया है उस पर देशद्रोह का मुक़दमा लगा दिया है. शशि थरूर, जिन्होंने यूएन में भारत के लिए काम किया, उन पर भी देशद्रोह का मुक़दमा लगा दिया गया है. सिंघु बॉर्डर पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के साथ भी ऐसा ही किया गया है.''
संजय राउत ने कहा, ''हमारे क़ानून की किताब से आईपीसी की सारी धाराएं ख़त्म कर दी गई हैं और केवल देशद्रोह का क़ानून रखा गया है. मोदी को प्रचंड बहुमत मिला है. हम इस बात को मानते हैं. लेकिन बहुमत अहंकार से नहीं चलता है. बहुमत बड़ा चंचल होता है. हमारे मराठी के संत तुकाराम ने कहा है कि जो आपका निंदक है उसे आसपास रहना चाहिए. लेकिन आज के वक़्त में जो भी सरकार की आलोचना करता है उसे बदनाम कर दिया जाता है.''
''26 जनवरी को हमारे तिरंगे का अपमान हुआ और हमारे प्रधानमंत्री दुखी हुए. पूरा देश दुखी हो गया. लेकिन लाल क़िले पर तिरंगे का अपमान करना वाला किसका आदमी है? इस बात पर ये चुप रहते हैं. दीप सिद्धू अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया? 200 से ज़्यादा किसानों को जेल में बंद कर दिया गया है. हमारे देश में अभी देश प्रेमी केवल अर्नब गोस्वामी है, जिसकी वजह के एक निर्दोष आदमी को महाराष्ट्र में आत्महत्या करनी पड़ी. कंगना रनौत देशप्रेमी है. अर्नब गोस्वामी ने बालाकोट की जानकारी सबको पहले ही बता दी और उसे सरकार की सुरक्षा मिली हुई है. यही अर्नब गोस्वामी ने हमारे मंत्री प्रकाश जावडेकर के बारे में क्या नहीं लिखा है. प्रकाश के बारे में उसने जिस भाषा का इस्तेमाल किया है उस हम सबको शर्म आनी चाहिए.''
राउत ने कहा कि जब सिखों ने मुग़लों से लड़ाई की तो उन्हें देशभक्त कहा गया, अंग्रेज़ों से लड़ा तो देशभक्त कहा गया और अब अपने हक़ों के लिए लड़ रहे हैं तो उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है. (bbc.com)