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नई दिल्ली, 1 फरवरी | कोविड-19 महामारी से पीड़ित देश के मध्यम वर्ग परिवारों की नजरें सोमवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट पर टिकी रही। मध्यवर्गीय लोगों में बजट को लेकर विशेष उत्सुकता देखी गई। वे जानकारी के लिए दिनभर अपने टीवी से चिपके रहे। हालांकि यह बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में केंद्रीय बजट 2021-22 पेश किया। मध्यवर्गीय परिवारों से जब बजट के संबंध में सवाल पूछे गए तो कई लोगों ने कहा कि उन्हें इस बजट से ज्यादा उम्मीद थी, मगर यह उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतरा है।
इस साल के बजट में सरकार ने आयकर छूट के मामले में मध्यम वर्ग को कोई विशेष राहत नहीं देते हुए स्वास्थ्य सेवा, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया है। हालांकि बजट में बुजुर्गो को बड़ी राहत मिली है। बजट में प्रस्ताव रखा गया है कि 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अब आयकर रिटर्न दाखिल करने से छूट दी गई है।
इसके अलावा करदाताओं को निश्चित रूप से निराश होना पड़ा, क्योंकि केंद्रीय वित्तमंत्री ने निर्विवाद रूप से कठिन वर्ष के दौरान घोषित बहुप्रतीक्षित केंद्रीय बजट में उनके लिए आयकर स्लैब में कोई बदलाव की घोषणा नहीं की।
यही बड़ी वजह रही, जिससे आम लोग घोषणाओं से संतुष्ट नहीं दिखे। दिल्ली की रहने वाली विनीता कपूर ने कहा, "चूंकि मेरे पति परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं, इसलिए उनके आयकर पर कोई राहत न मिलने से मेरी रसोई और मेरे बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होगी।"
एक अन्य गृहिणी ने कहा कि उन्हें बजट पसंद नहीं आया। पुष्पा शर्मा ने कहा, "सरकार को इस कठिन समय में चीजों को सस्ता करना चाहिए था। राशन और घरेलू सामान दिन-प्रतिदिन महंगे हो रहे हैं।"
दिल्ली स्थित एक दूरसंचार विशेषज्ञ ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर को सरकार से किसी तरह का प्रोत्साहन मिलना चाहिए था।
वोडाफोन आइडिया के उपाध्यक्ष अमरीश कपूर ने बजट को बीमार करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यह केंद्रीय बजट दूरसंचार क्षेत्र को को निरुत्साहित करने वाला है।
कपूर ने कहा, "जीएसटी, इनपुट क्रेडिट, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क में कमी के संदर्भ में इस क्षेत्र में नकदी (लिक्विडिटी) की जरूरत है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स को लगातार संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है।"
दिल्ली सरकार के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ईश्वर शर्मा ने कहा, "आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करना, एक बड़ी राहत है। यह सरकार जब से सत्ता में आई है, इसका कोई बजट संतोषजनक नहीं रहा है।" (आईएएनएस)