राष्ट्रीय

नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्रीय खाद्य सचिव सभी पात्र दिव्यांग जनों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत खाद्य सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है। यह जानकारी मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने मंगलवार को दी। खाद्य सचिव ने अपने पत्र में मुख्य सचिवों से इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने और संबद्ध विभागों व अधिकाकारियों, खासतौर से जिला प्रशासनों को निर्देश देने का आग्रह किया है, ताकि इस दिशा में समुचित प्रक्रिया अपनाई जाए और खाद्य व सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दिए गए निर्देशों का पालन हो।
इससे पहले केंद्र सरकार ने 22 अगस्त को राज्यों जारी लिखे पत्र के माध्यम से राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में निर्देश जारी किया था। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राज्यों को उन सभी दिव्यांगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है जो एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की पहचान के मानदंड के अनुसार पात्र हैं।
केंद्र सरकार ने सभी पात्रा दिव्यांगों को एनएफएसए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अनाज मुहैया करवाने को कहा है। यही नहीं, पहले से जो इसमें शामिल नहीं है, उनको पात्रता मानदंड के आधार पर नया राशन कार्ड जारी करने का निर्देश दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी की पात्रता के लिए अशक्तता भी एक मानदंड है।
बता दें कि कोरोना काल में शुरू की गई पीएमजीकेएवाई के तहत एनएफएसए के प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को एक किलो साबूत चना दिया जाता है। शुरुआत में यह योजना अप्रैल, मई और जून, तीन महीने के लिए शुरू की गई थी, मगर बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर तक के लिए कर दिया गया है। शुरुआती तीन महीनों के दौरान प्रत्येक लाभार्थी परिवार को एक किलो प्रोसेस्ड दाल देने का का प्रावधान था, लेकिन जुलाई से दाल की जगह साबुत चना दिया जाता है