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कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व गांधी परिवार का कोई सदस्य करे या फिर परिवार के बाहर का कोई नेता, सोमवार को होने वाली कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक से ठीक पहले सोशल मीडिया पर ये चर्चा तूल पकड़ रही है.
ऐसा दिख रहा है कि पार्टी एक बार फिर सोनिया गांधी या राहुल गांधी के नाम पर आकर ठहर सकती है.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी के कार्यकाल का एक साल पूरा हो चुका है और पार्टी में पूर्णकालिक अध्यक्ष की माँग तेज़ हो गई है.
ऐसे में हाल में पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के भीतर शीर्ष से लेकर नीचे तक बड़े बदलाव की बात कही थी.
इन हालातों के बीच सोमवार को होने वाली बैठक से पहले रविवार को मीडिया में ये ख़बरें आने लगीं कि सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे सकती हैं. हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने देर शाम इस ख़बर का खंडन करते हुए कहा कि सोनिया गांधी के इस्तीफ़े की ख़बर झूठी है.
रविवार को सोशल मीडिया पर कांग्रेस के जहां कई नेताओं ने सोनिया गांधी से गुहार लगाई कि वो पार्टी अध्यक्ष के पद पर बनी रहें, वहीं कइयों ने कहा कि इस पद के लिए अगर राहुल गांधी का नाम पेश किया जाए तो वो उनके नाम का भी समर्थन करते हैं.
सोनिया गांधी के नाम का समर्थन
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव कमलनाथ ने ट्वीट किया, "सोनिया गांधी के नेतृत्व पर कोई भी सुझाव या आक्षेप बेतुका है. मैं श्रीमती सोनिया गांधी से अपील करता हूं कि वे अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी को मज़बूती प्रदान करें और कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें."
राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने ट्वीट किया कि "अगर पार्टी के 23 नेताओं के कार्यकारी अध्यक्ष को पत्र लिखने वाली बात सही है तो ये अविश्वसनीय है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए मीडिया के पास जाने की कोई ज़रूरत नही थी."
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "एक ऐसे वक्त जब हमारा गणतंत्र मुश्किल वक्त से गुज़र रहा है सोनिया गांधी को पार्टी की कमान संभाले रखनी चाहिए. लेकिन अगर वो किसी कारणवश पार्टी का नेतृत्व करना नहीं चाहतीं तो ऐसे में कमान राहुल गांधी को सौंपी जानी चाहिए."
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद बी मणिकराम टैगोर ने पत्र लिखकर सोनिया गांधी से कहा है कि, "उनके नेतृत्व पर पार्टी को पूरा भरोसा है और उनके व राहुल गांधी ने हाथों में पार्टी सुरक्षित रहेगी."
वहीं कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने कहा है "कर्नाटक कांग्रेस गांधी परिवार और सोनिया गांधी के नेतृत्व के साथ है."
उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने मुश्किल दौर में पार्टी का नेतृत्व किया है और पार्टी को बचाया है."
गांधी परिवार पर भरोसा जताते नेता
वहीं, यूथ कांग्रेस, सचिन पायलट, असम प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रिपुन बोरा, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोराट और पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी को नेतृत्व की कमान सौंपने का समर्थन किया है.
यूथ कांग्रेस ने मांग की है कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष पद से सोनिया गांधी हटती हैं तो उस सूरत में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए.
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट किया है, "श्रीमती गांधी और राहुल जी ने दिखाया है कि पार्टी और लोगों की भलाई के लिए बलिदान करने का क्या अर्थ होता है. यह समय आम सहमति और मज़बूती बनाने का है. हमारा भविष्य तभी मज़बूत होगा जब हम एकजुट रहेंगे. अधिकतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांग है कि राहुल जी पार्टी का नेतृत्व करें."
असम कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने एक पत्र जारी कर लिखा, "पार्टी की कमान राहुल गांधी को सौंपी जाए जो न केवल पार्टी का नेतृत्व करें बल्कि बीजेपी और आरएसएस के ख़िलाफ़ भी आगे बढ़ कर लड़ाई करें."
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने लिखा, "अब वक्त आ गया है जब राहुल गांधी पार्टी की कमान अपने हाथों में लें. हम कहना चाहते हैं कि राहुल जी आप वापस आइए और पार्टी के अध्यक्ष के रूप में कम करें. सोनिया जी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी का मार्गदर्शन करें."
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब तक सोनिया गांधी चाहें पार्टी की कमान संभालें, उनके बाद ये ज़िम्मेदारी राहुल गांधी को दी जाए जो इस ज़िम्मेदारी को निभाने में पूरी तरह सक्षम हैं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा है कि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष के पद पर रहें या ना रहें, पार्टी का पूरा समर्थन उन्हें है.
पिछले दो लोकसभा चुनावों में पार्टी की बड़ी हार हुई है और पहली बार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उसे सौ से कम सीटें आईं.
2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की ज़िम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था जिसके बाद सोनिया गांधी को एक साल के लिए पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था.
इस बीच, पार्टी में नए पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग होने लगी. लेकिन पार्टी को एक बार फिर गांधी परिवार से ही अध्यक्ष मिलेगा या फिर किसी और के नाम पर मुहर लगेगी ये सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए होने वाली कार्यसमिति की बैठक के बाद ही पता चलेगा.(bbc)