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भारत की कोशिश होगी, ईरान-इजरायल युद्ध जल्द समाप्त हो : डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच
22-Jun-2025 1:53 PM
भारत की कोशिश होगी, ईरान-इजरायल युद्ध जल्द समाप्त हो : डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच

नई दिल्ली, 22 जून। ईरान-इजरायल के बीच बढ़ते संघर्ष पर डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच का कहना है कि भारत जल्द से जल्द युद्ध खत्म होते देखना चाहेगा। ईरान-इजरायल में तनाव के बीच अमेरिका भी इस संघर्ष में कूद चुका है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया, जिसके बाद रविवार सुबह ईरान ने इजरायल पर 30 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइल दागी। डिफेंस एक्सपर्ट ध्रुव कटोच के अनुसार, भारत के दोनों ही देशों से संबंध अच्छे हैं। ऐसे में वह शांति ही चाहेगा। उन्होंने आईएएनएस से कहा, "भारत शांति के पक्ष में है। हम न तो ईरान के पक्ष में हैं, न इजरायल के पक्ष में हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। भारत के प्रधानमंत्री और डिप्लोमेट्स की तरफ से यही कोशिश होगी कि इस युद्ध को जितना जल्दी हो सके, समाप्त किया जाए।" उन्होंने आगे कहा, "भारत और इजरायल के रिश्ते बहुत अच्छे रहे हैं। जब भी भारत को तकलीफ हुई, इजरायल ने साथ दिया है। इसी कारण भारत किसी एक का पक्ष नहीं ले रहा है। वह शांति जरूर चाहेगा। 

हालांकि, यह भारत के कहने से नहीं हो सकता। मुझे लगता है कि यह परिस्थिति कुछ समय तक रहेगी, जिसके बाद शांति स्थापित होगी। वेस्ट एशिया से भारत में तेल आता है। ऊर्जा संसाधन भी वहां से बहुत आते हैं। अगर इन हमलों के बीच इन्हें भारत में लाने का रास्ता लंबा हुआ, तो कीमतें बढ़ सकती हैं।" डिफेंस एक्सपर्ट के अनुसार, "संयुक्त राज्य अमेरिका ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी थी कि यदि ईरान ने अपनी हरकतें बंद नहीं की, तो वह उसके परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाएगा। शनिवार रात, उन्होंने बी-52 बॉम्बर्स और सबमरीन-लॉन्च मिसाइल्स का इस्तेमाल करके तीन परमाणु स्थलों पर हमला किया, जिससे ईरान की परमाणु सुविधाओं को काफी नुकसान पहुंचा है।" वहीं, डिफेंस एक्सपर्ट संजय कुलकर्णी ने आईएएनएस से कहा, "जिस तरह अमेरिका ने ईरान की तीनों न्यूक्लियर साइट्स को बर्बाद किया, उसका मकसद यही था कि ईरान को न्यूक्लियर हथियार बनाने से रोकना था। यह मकसद हल हो गया।" उन्होंने आगे कहा, "अगर वह सत्ता परिवर्तन चाहते हैं, तो वह बाद की बात है। उसके लिए ईरानी लोगों को साथ लेकर चलना होगा, लेकिन इजरायल को अपने अस्तित्व के खतरे में होने का जो डर था, वो अब खतरे में नहीं है, क्योंकि ईरान की न्यूक्लियर की काबिलियत बर्बाद हो चुकी है।" - (आईएएनएस)


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