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कोलकाता, 19 फरवरी कोयला मंत्रालय भारत में भूमिगत (यूजी) वाणिज्यिक कोयला ब्लॉक नीलामी को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है। बुधवार को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
भूमिगत खनन पर जोर, भारत के टिकाऊ कोयला उत्पादन के अभियान के अनुरूप है।
कोयला सचिव विक्रम देव दत्त ने शहर में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के लिए आयोजित एक रोड शो में कहा कि प्रस्तावित प्रोत्साहन, चर्चा के अंतिम दौर में हैं और इसके जल्द ही घोषित किए जाने की उम्मीद है।
अतिरिक्त सचिव और नामित प्राधिकारी रूपिंदर बरार ने स्पष्ट किया कि कोई भी नया प्रोत्साहन और नीतिगत छूट भावी रूप से लागू होने की उम्मीद है।
कोयला मंत्रालय की नीति विकास में उद्योग जगत के कारोबारियों सहित कई अंशधारकों को शामिल किया गया है।
दत्त ने कहा, “हमने निवेशकों के अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने के लिए उद्योग जगत की प्रतिक्रिया के आधार पर नीलामी ढांचे में लगातार सुधार किया है।’’
मंत्रालय पुनर्वर्गीकरण की मांगों पर चर्चा कर रहा था, क्योंकि भूमिगत खनन में अंतर्निहित चुनौतियां मौजूद हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सफलतापूर्वक नीलाम की गई 113 वाणिज्यिक खदानों में से 37 भूमिगत हैं।
मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ पर्यावरण रियायतें हासिल करने के लिए भी काम कर रहा है।
मंत्रालय का मानना है कि वाणिज्यिक खदानों से उत्पादन तेजी से शुरू करने के लिए अगले 2-3 साल महत्वपूर्ण हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में, नीलामी में बेची गईं वाणिज्यिक खदानों से उत्पादन दो करोड़ टन है, लेकिन निजी उत्पादन के साथ मिलकर यह कुल 15.7 करोड़ टन है और वित्त वर्ष के अंततक 17 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2025-26 में यह उत्पादन बढ़कर 21 करोड़ टन होने का अनुमान है।
मौजूदा समय में, 14 खदानें चालू हैं और जल्द ही और भी शामिल होंगी।
दत्त ने कहा कि मंत्रालय 12वें चरण में भी उतने ही ब्लॉक की नीलामी करने की योजना बना रहा है, जितनी उसने 11वें दौर में की थीं। 11वें दौर में, 27 खदानों की नीलामी हुई और 17 खदानों के लिए 72 बोलियां प्राप्त हुईं। तकनीकी मूल्यांकन जारी है और एक महीने में आवंटन होने की उम्मीद है।
कोल इंडिया के चेयरमैन पी एम प्रसाद ने कहा कि कंपनी को फिलहाल वाणिज्यिक खनन उत्पादन से कोई प्रभाव महसूस नहीं हो रहा है। (भाषा)