राष्ट्रीय
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी हिदायत के बाद एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को दे दी है. इस डाटा से किस डोनर ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया, इसे लेकर तस्वीर और साफ हुई है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
हर चुनावी बॉन्ड पर एक खास नंबर होता है जो यह दिखाता है कि किसने वह बॉन्ड खरीदा और किस राजनीतिक दल ने उसे भुनाया. शुरू में इसी जानकारी को देने के लिए स्टेट बैंक ने 30 जून तक का समय मांगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख अपनाने के बाद बैंक ने तुरंत यह जानकारी उपलब्ध करवा दी.
अलग अलग मीडिया रिपोर्टों में इस डाटा को अलग अलग दृष्टिकोण से सामने रखा गया है. यह तो पहले ही स्थापित हो चुका था कि 6,061 करोड़ रुपयों की कमाई के साथ इस योजना की सबसे बड़ी लाभार्थी बीजेपी थी.
अन्य पार्टियों से मीलों आगे बीजेपी
नए डाटा में यह सामने आया है कि तेलंगाना की कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बीजेपी की सबसे बड़ी डोनर थी. अप्रैल, 2019 से जनवरी, 2024 के बीच इस कंपनी ने बीजेपी को 664 करोड़ रुपए चंदा दिया.
बीजेपी की दूसरी सबसे बड़ी डोनर रही मुंबई की क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड, जिसने पार्टी को 395 करोड़ रुपए दिए. कैवेंटर्स समूह ने बीजेपी को 352 करोड़ रुपए दिए, आदित्य बिरला समूह ने 285 करोड़, भारती एयरटेल समूह ने 236.4 करोड़ और वेदांता समूह ने 230.15 करोड़ दिए.
100 करोड़ से कम चंदा देने वाली भी कई कंपनियों और व्यक्तियों के नाम सूची में हैं. उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल ने अपने व्यक्तिगत खाते से बीजेपी को 35 करोड़ रुपए दिए.
इस योजना के जरिए सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टियों में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसे इस अवधि में कुल 1609.53 करोड़ रुपए प्राप्त हुए.
पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा (542 करोड़) 'लॉटरी किंग' के नाम से जाने जाने वाले सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग से मिला. इस कंपनी ने करीब इतना ही चंदा (503 करोड़) डीएमके को दिया. इसने बीजेपी को करीब 100 करोड़ रुपए दिए.
कई कम मशहूर कंपनियां शामिल
तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी है, 1,422 करोड़ रुपयों की कमाई के साथ. पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा (125 करोड़) वेदांता समूह से मिला. मेघा इंजीनियरिंग की ही सहायक कंपनी वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने कांग्रेस पार्टी को 110 करोड़ दिए.
फ्यूचर गेमिंग और मेघा इंजीनियरिंग के बाद तीसरा सबसे बड़ा डोनर बन कर उभरा है कोलकाता का एमकेजे समूह. उद्योगपति महेंद्र के जालान और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित इस समूह की चार कंपनियों ने इस अवधि में 616.92 करोड़ रुपयों के बॉन्ड खरीदे.
ये चार कंपनियां हैं कैवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड, मदनलाल लिमिटेड, एमकेजे इंटरप्राइजेज लिमिटेड और सस्मल इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट मिलिटेड. इस समूह ने तृणमूल कांग्रेस को 365 करोड़, बीजपी को 352 करोड़ और कांग्रेस को 69 करोड़ रुपये दिए. (dw.com)