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उच्चतम न्यायालय ने तीन नये आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की
26-Feb-2024 4:02 PM
उच्चतम न्यायालय ने तीन नये आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज की

नयी दिल्ली, 26 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नये आपराधिक कानून- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने चेन्नई निवासी टी शिवज्ञानसंबंदन की जनहित याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘नये आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाले आप कौन होते हैं? इस मामले में आपको याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है।’’

जनहित याचिका में केंद्रीय गृह और कानून एवं न्याय मंत्रालयों को पक्षकार बनाया गया था।

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए तैयार किये गये हैं और इस साल एक जुलाई से लागू होंगे। (भाषा) 

 


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