राष्ट्रीय
नयी दिल्ली, 11 जनवरी उच्चतम न्यायालय हत्या के प्रयास के करीब पांच साल पुराने एक मामले में बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक की अग्रिम जमानत याचिका पर 12 जनवरी को सुनवाई करने पर सहमत हो गया।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया और प्रमाणिक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. एस. पटवालिया से राज्य सरकार के वकील को याचिका की एक प्रति सौंपने को कहा।
शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
प्रमाणिक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की जलपाईगुड़ी सर्किट पीठ के चार जनवरी के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान पटवालिया ने कहा, ‘‘मैं (याचिकाकर्ता) सांसद हूं। उच्च न्यायालय ने मुझे गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया है। मैं पहले तृणमूल कांग्रेस के साथ था और अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हूं। पश्चिम बंगाल में स्थिति बहुत अस्थिर है। इस मामले में मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है, कृपया मुझे सुरक्षा प्रदान करें।’’
पीठ ने कहा कि उनकी याचिका अब भी उच्च न्यायालय में लंबित है और वह वहां क्यों नहीं जा सकते।
इस पर पटवालिया ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है, लेकिन तब तक अगर कोई सुरक्षा नहीं मिली, तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
पहले तो पीठ प्रमाणिक की याचिका की सुनवाई अगले सप्ताह करने पर सहमत हुई थी, लेकिन बाद में उसने इसे 12 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
प्रमाणिक के खिलाफ 2018 में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले के दिनहाटा थाने में हत्या के प्रयास का मामला उस वक्त दर्ज किया गया था, जब लोगों के एक समूह ने तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की थी।
गोलीबारी में एक व्यक्ति कथित तौर पर घायल हुआ था। प्रमाणिक ने अपनी याचिका में कहा कि एक मजिस्ट्रेट ने मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी किया है।
प्रमाणिक पहले तृणमूल कांग्रेस में थे। वह फरवरी 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने हिंसा कराने के आरोप से इनकार कर दिया था।
उन्होंने 2019 में भाजपा के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़ा था और कूच बिहार लोकसभा सीट जीती थी। (भाषा)