राष्ट्रीय
.jpg)
उत्तरकाशी, 17 नवंबर सिलक्यारा सुरंग में नई और शक्तिशाली ऑगर मशीन ने शुक्रवार सुबह तक मलबे को 22 मीटर तक भेद दिया जिससे पिछले पांच दिनों से अधिक समय से उसके अंदर फंसे 40 श्रमिकों के जल्द बाहर आने की उम्मीद बढ़ गयी है।
सिलक्यारा में बने उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, सुरंग में जमा मलबे में रात भर चले चली ड्रिलिंग के बाद 22 मीटर की दूरी तक भेदा जा चुका है । सुरंग में 45 से 60 मीटर तक मलबा जमा है जिसमें ड्रिलिंग की जा रही है।
योजना यह है कि ड्रिलिंग के जरिए मलबे में रास्ता बनाते हुए उसमें 900 मिमी व्यास के छह मीटर लंबे पाइप को एक के बाद एक इस तरह डाला जाएगा कि मलबे के एक ओर से दूसरी ओर तक एक ‘वैकल्पिक सुरंग’ बन जाए और श्रमिक उसके माध्यम से बाहर आ जाएं।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से सुरंग बना रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारी जीएल नाथ ने कहा, ‘‘सभी श्रमिक ठीक हैं । ऑगर मशीन भी भली-भांति काम कर रही है। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि उन लोगों को जल्द से जल्द बाहर निकाल लिया जाए।’’ काम की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मलबे में ड्रिलिंग कर चार पाइप डाले जा चुके हैं जबकि पांचवें पाइप को डाले जाने की कार्यवाही जारी है ।
इससे पहले, मंगलवार देर रात एक छोटी ऑगर मशीन से मलबे में ड्रिलिंग शुरू की गयी थी, लेकिन इस दौरान भूस्खलन होने से काम को बीच में रोकना पड़ा था। बाद में वह ऑगर मशीन भी खराब हो गयी थी।
इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए 25 टन वजनी बड़ी, अत्याधुनिक और शक्तिशाली अमेरिकी ऑगर मशीन दो हिस्सों में दिल्ली से उत्तरकाशी पहुंचाई गयी जिससे बृहस्पतिवार को दोबारा ड्रिलिंग शुरू की गयी।
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में फंसे श्रमिकों को लगातार खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, उन्हें ऑक्सीजन, बिजली, दवाइयां और पानी भी पाइप के जरिए निरंतर पहुंचाया जा रहा है।
श्रमिकों से निरंतर बातचीत जारी है और बीच-बीच में उनकी उनके परिजनों से भी बात कराई जा रही है। उत्तरकाशी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएस पंवार ने कहा कि सुरंग के पास एक छह बिस्तरों का अस्थाई चिकित्सालय तैयार कर लिया गया है।
उन्होंने बताया कि मौके पर 10 एंबुलेंस के साथ कई मेडिकल टीम भी तैनात हैं ताकि श्रमिकों को बाहर निकलने पर उनकी तत्काल चिकित्सकीय मदद दी जा सके।
हर मौसम के अनुकूल चारधाम सड़क परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग का सिलक्यारा की ओर के मुहाने से 270 मीटर अंदर एक हिस्सा रविवार सुबह ढह गया था जिसके बाद से उसमें फंसे 40 श्रमिकों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
देवी चामुंडेश्वरी को भी ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के तहत हर माह दो हजार रुपये मिलेंगे
बेंगलुरु, 17 नवंबर (भाषा) मैसूरु की प्रमुख देवी चामुंडेश्वरी को भी कर्नाटक सरकार की ‘गृह लक्ष्मी’ योजना के लाभार्थियों में रूप में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत एपीएल/बीपीएल कार्ड धारक परिवारों की महिला मुखिया को दो हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान है।
कांग्रेस विधान पार्षद एवं पार्टी के राज्य मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष दिनेश गूलीगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि योजना के तहत हर महीने देवी को दो हजार रुपये का भुगतान किया जाए।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख शिवकुमार भी इस प्रस्ताव पर सहमत हुए और महिला एवं बाल कल्याण मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर को हर महीने चामुंडेश्वरी मंदिर के खाते में राशि जमा करने का निर्देश दिया।
गूली गौड़ा ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उपमुख्यमंत्री ने मेरे अनुरोध पत्र का तुरंत जवाब दिया और लक्ष्मी हेब्बालकर को अपने विभाग से या व्यक्तिगत रूप से देवी के लिए हर महीने दो हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया।’’
कर्नाटक सरकार ने 30 अगस्त को मैसूरु से देवी चामुंडेश्वरी मंदिर को पहली किस्त जमा करके गृह लक्ष्मी योजना शुरू की थी।
इसे देवी को समर्पित करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री शिवकुमार ने योजना की सफलता के लिए प्रार्थना की थी। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की महिलाओं को सशक्त बनाना है। (भाषा)