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सहारा इंडिया ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार, 14 नवंबर की देर रात 10.30 बजे मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।
सहारा समूह ने एक बयान जारी कर बताया कि वे हाइपर टेंशन और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ रहे थे और कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हुआ। बयान में कहा गया है कि 12 नवंबर को स्वास्थ्य खऱाब होने के चलते उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बुधवार को उनका शव लखनऊ के सहारा शहर लाया जाएगा, जहाँ उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी जाएगी।
सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में हुई, जिसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में की थी।
ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक उसके पास 9 करोड़ निवेशक और ग्राहक हैं।
कंपनी का कहना है कि उनकी कुल संपत्ति दो लाख 59 करोड़ रुपए हैं। इसके अलावा उनके पास पाँच हजार कैंपस और 30 हजार 970 एकड़ जमीन है।
सुब्रत रॉय ने अपने साथ उन लाखों गऱीब और ग्रामीण भारतीयों को जोड़ा, जिनके पास बैंकिंग की सुविधा नहीं थी और इन्हीं के सहारे सहारा ग्रुप खड़ा किया, लेकिन बाज़ार नियामक सेबी ने जब उनके खिलाफ कदम उठाए तो दशकों का बनाया हुआ साम्राज्य हिलने लगा।
दरअसल, यह मामला सहारा ग्रुप की कंपनियों से जुड़ा था, जिन्होंने रीयल एस्टेट में निवेश के नाम पर तीन करोड़ से ज़्यादा निवेशकों से करीब 24 हजार करोड़ रुपये जुटाए थे।
एक समय ऐसा था जब सुब्रत रॉय के पास एक एयरलाइन, एक फॉर्मूला वन टीम, एक आईपीएल क्रिकेट टीम, लंदन और न्यूयॉर्क में आलीशान होटल थे। उन्होंने अपनी एयरलाइन-एयर सहारा, जेट एयरवेज को बेच दी, जो बाद में ख़ुद भी बंद हो गई।
एक समय पर माना जाता था कि सहारा ग्रुप में भारतीय रेलवे के बाद सबसे ज़्यादा लोग काम करते हैं। इन लोगों की संख्या करीब 12 लाख बताई जाती थी।
फिल्मी सितारों से लेकर सभी राजनीतिक दलों में सुब्रत रॉय के दोस्त थे, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के ज़्यादा करीब माना जाता था।
दिसंबर 1993 में जब मुलायम सिंह दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो रॉय के साथ उनके रिश्ते और गहरे हो गए। वे मुलायम सिंह के करीबी अमर सिंह भी गहरे दोस्त थे।
सहारा का पतन
सुब्रत रॉय को 10 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि न चुकाने पर 4 मार्च 2014 को जेल जाना पड़ा। अदालत ने तब कहा था कि जब तक वे पाँच हज़ार करोड़ रुपये नकद और पाँच हजार करोड़ रुपये की बैंक गारंटी नहीं देंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा।
2013 में सहारा ग्रुप ने सेबी ऑफिस को 127 ट्रक भेजे थे, जिसमें तीन करोड़ से ज्यादा आवेदन फॉर्म और दो करोड़ रिडेम्पशन वाउचर शामिल थे। उन्हें दो साल से ज्यादा समय तक जेल में रहना पड़ा और 2016 में वे पैरोल पर बाहर आए। प्रॉपर्टी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फिर से जेल भेज दिया था।
सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सुब्रत, नवंबर 2020 में 62 हजार 600 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करते हैं तो उनकी पैरोल रद्द कर दी जाए।
सहारा ग्रुप की लंबे समय से बाजार नियामक सेबी के साथ लड़ाई चल रही है। सेबी ने सहारा ग्रुप को निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश दिया और साल 2010 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों और रॉय पर जनता से पैसा जुटाने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया।
टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा सहारा
साल 2001 से 2013 तक सहारा ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। सहारा की टीम पुणे वॉरियर्स ने साल 2011 में आईपीएल में एंट्री ली थी। 2013 में सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति खऱाब होने के बाद यह करार खत्म कर दिया।
बेटों की चर्चित शादी
सुब्रत राय बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन को अपना मित्र बताते थे और पूर्व ब्रितानी प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के साथ कंधा मिलाते नजर आते थे।
साल 2004 में हुई सुब्रत रॉय के दोनों बेटों की शादी का जश्न करीब एक पखवाड़े तक मनाया गया था। इसे इस शताब्दी की सबसे चर्चित भारतीय शादी बताया गया था और यह शादी मीडिया में छाई रही थी।
शादी समारोह में कऱीब दस हजार लोग शामिल हुए थे। इसमें व्यवसाय जगत की हस्तियां, बॉलीवुड के सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी और फैशन जगत के दिग्गज शामिल हुए थे।
इन अतिथियों को विशेष विमानों से लखनऊ ले जाया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देने पहुँचे थे।
श्रद्धांजलि
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ‘सहारा श्री सुब्रत रॉय जी का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदय वाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने। भावभीनी श्रद्धांजलि!’
भारतीय पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सुब्रत रॉय के निधन की खबर सुनकर उन्हें दुख पहुंचा। उन्होंने लिखा कि वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने मुश्किल स्थितियों में आने पर कभी हार नहीं मानी।
युवराज ने लिखा, ‘जब मुझे कैंसर हुआ तो वे उन कुछ लोगों में से थे जो मेरे साथ खड़े थे। वे हमेशा से मेरे और मेरे परिवार के बहुत करीब थे। वे एक ऐसे व्यक्ति थे जिनसे हम सीखते थे।’ (bbc.com/hindi)