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कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर को पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है. पुष्कर की मौत 2014 में हुई थी.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
बुधवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने थरूर को राहत देते हुए पुष्कर की मौत से जुड़े सभी आरोपों से बरी कर दिया. 51 साल की पुष्कर की लाश दिल्ली के एक होटल में 17 जनवरी 2014 को मिली थी. दिल्ली पुलिस ने थरूर के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाना) और 498 ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा अत्याचार) के तहत मामला दर्ज किया था.
थरूर की तरफ से पेश वकील विकास पाहवा ने बताया कि विशेष जांच दल द्वारा की गई जांच में उनके खिलाफ लगाए आरोपों पर सबूत नहीं मिले और उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है.
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कहा, "आरोपी को बरी कर दिया गया है." यह आदेश थरूर, थरूर की ओर से मौजूद वकील विकास पाहवा और सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव की मौजूदगी में सुनाया गया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पाहवा ने यह भी तर्क दिया था कि पुलिस जांच पर सालों बिताने के बाद भी सुनंदा पुष्कर की मौत के कारण का पता नहीं लगा सकी.
वर्चुअल कोर्ट की कार्यवाही में भाग लेने वाले थरूर ने अदालत को सभी अपराधों से मुक्त करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "साढ़े सात साल हो गए थे और यह एक यातना थी. मैं बहुत आभारी हूं."
सालों तक चली न्यायिक प्रक्रिया
इससे पहले 29 अप्रैल, 19 मई और 16 जून को महामारी के कारण न्यायिक कार्य प्रभावित होने के कारण आदेश को टाल दिया गया था. कोर्ट को अभियोजन पक्ष की ओर से लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय देने का आवेदन मिलने के बाद दो जुलाई को आदेश की घोषणा फिर से स्थगित कर दी गई थी.
शुरू में दिल्ली पुलिस ने पुष्कर की मौत की एक हत्या के रूप में जांच की. सरकारी वकील श्रीवास्तव ने तर्क दिया था कि उनकी मृत्यु से पहले, पुष्कर के शरीर पर चोटें आई थीं और वे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दिखी थीं.
थरूर की प्रतिक्रिया
पुष्कर की मौत के मामले में पुलिस ने थरूर को मुख्य आरोपी बनाया था और वे अभी तक जमानत पर थे. कोर्ट के फैसले के बाद थरूर ने कहा है कि उनके साथ न्याय हुआ है, हालांकि उन्हें निराधार आरोपों का सामना करना पड़ा है. थरूर ने अपने बयान में कहा, "यह उस लंबे दुःस्वप्न के लिए एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष लाता है जिसने मेरी पत्नी सुनंदा के दुखद निधन के बाद मुझे घेर लिया था. मैंने दर्जनों निराधार आरोपों और मीडिया की ओर से बदनामी का धैर्यपूर्वक सहन किया है. मैंने न्यायपालिका में अपना विश्वास बनाए रखा है, जो आज सही साबित हुई है." (dw.com)
थरूर ने बयान में आगे कहा, "हमारी न्यायिक प्रणाली में प्रक्रिया ही अक्सर सजा बन जाती है. तथ्य यह है कि इंसाफ हुआ है और हमारा पूरा परिवार सुनंदा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेगा."
शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर की शादी साल 2010 में हुई थी. चार साल बाद पुष्कर की मौत ने राजनीतिक हलकों में अटकलों को जन्म दिया, खासकर जब उनके कुछ अंतिम ट्वीट्स में दोनों के बीच दरार के संकेत थे. थरूर पर पुष्कर ने पाकिस्तानी पत्रकार के साथ संबंध का आरोप लगाया था.