राष्ट्रीय

बिहार में कोरोना के कारण गंभीर स्थिति के बीच एक और ख़बर आई है, जिसने सबको चौंका दिया है. मामला भागलपुर का है.
भागलपुर के अस्पताल में अपने पति का इलाज कराने गई मधुबनी की एक महिला ने अस्पताल के एक कर्मचारी पर छेड़खानी का आरोप लगाया है.
नोएडा से होली पर अपने घर आई रुचि रोशन के सॉफ़्टवेयर इंजीनियर पति रोशन चंद्र दास कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिनकी मौत शनिवार आठ मई को हो गई.
मृतक की पत्नी रुचि रोशन ने भागलपुर के दो निजी और पटना के एक निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने और वहाँ काम करने वालों पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया है.
रुचि रोशन के पति भागलपुर के ग्लोकल अस्पताल में 17 से 22 अप्रैल तक रहे. वहाँ 19 तारीख से उनको रेमेडेसिविर का इंजेक्शन लगना शुरू हुआ.
23 तारीख़ को रुचि अपने पति को मायागंज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ले आईं और 26 अप्रैल को उन्हें पटना के राजेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
रूचि कहती हैं, “मेरे पति को सामान्य ऑक्सीजन फ़्लो पर ग्लोकल अस्पताल, भागलपुर में एडमिट किया गया. वहाँ रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने को कहा गया, लेकिन दूसरा डोज़ देने के क्रम में इंजेक्शन की शीशी ज़मीन पर गिर गई और जब मैंने आपत्ति जताई तो बड़ा रूख़ा सा जवाब मिला. जबकि हमनें कई गुना ज़्यादा क़ीमत पर इंजेक्शन ख़रीदा था. उसी रात मेरी माँ और पति के सामने ज्योति कुमार नाम के कर्मी ने मेरे साथ बदसलूकी की.”
बिगड़ती हालत को देखते हुए रुचि अपने पति को मायागंज अस्पताल लेकर गईं. लेकिन वहाँ भी ठीक से देखभाल न होने के कारण रुचि अपने पति को पटना लेकर पहुँची.
रुचि बताती हैं, “पटना में इलाज के दौरान वहाँ के चिकित्सक मेरे पति को कभी क्रिटिकल या चमत्कारी सुधार की रिपोर्ट देते रहे. वहाँ नाईट शिफ्ट का एक कर्मी अपनी हरकतों से मुझे परेशान करते थे. अस्पताल को तो बिस्तर ख़ाली करवाने की जल्दी थी और आठ मई को वह दुनिया से चले गए.”
पति की मौत से आहत रुचि रोशन के आरोप सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज के दौरान बरती जा रही लापरवाही और गोरखधंधों के साथ अस्पताल में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार पर बड़ा सवाल खड़ा करते हैं.
इस संबंध में ग्लोकल अस्पताल, भागलपुर प्रबंधन से संपर्क किया गया और वहाँ से जवाब मिला कि अस्पताल का पक्ष जानने के लिए भागलपुर आना पड़ेगा.
राजेश्वर अस्पताल, पटना के कर्मी रोहित कुमार ने कहा, “इतने मरीज़ यहाँ भर्ती हैं और किसी को कोई शिकायत नहीं है, लेकिन उनको है. ऐसा क्यों? इतने दिनों तक अस्पताल में रहीं तो कोई दिक्कत नहीं हुई. उनके सारे आरोप निराधार हैं.”
भागलपुर पुलिस ने ख़ुद ही मामले की छानबीन के लिए तीन सदस्यीय जाँच टीम गठित कर, महिला थाना भागलपुर में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
भागलपुर की वरीय पुलिस अधीक्षक निताशा गुड़िया ने बताया, “इस संबंध में मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कर वार्ड बॉय ज्योति कुमार को गिरफ़्तार कर लिया है. साथ ही पीड़िता को समूचे प्रकरण पर लिखित शिकायत दर्ज करने का आग्रह किया गया है.”
पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा ने भी कहा है कि अगर पीड़ित पक्ष से लिखित शिकायत मिलती है, तब कार्रवाई की जाएगी. (bbc.com)