नारायणपुर

कलेक्टर ने बीएसपी प्रबंधन को लिखा पत्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 13 दिसंबर। रावघाट परियोजना का 60 फीसदी हिस्सा नारायणपुर में आता है, लेकिन खनिज रॉयल्टी कांकेर जिले को मिल रही है। इस पर नारायणपुर कलेक्टर ने आपत्ति जताई है, और इस सिलसिले में बीएसपी प्रबंधन को पत्र लिखा है।
जिला नारायणपुर के ग्राम अंजरेल में 32.29 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन कार्य चल रहा है। यहां के विकास में लगने वाली रॉयल्टी, डीएमएफ तथा अन्य समस्त कर की राशि का भुगतान की राशि नारायणपुर को न देकर बीएसपी कांकेर को दे रहा है।
इस संबंध में नारायणपुर कलेक्टर द्वारा मुख्य महाप्रबंधक खदान- रावघाट, भिलाई स्टील प्लांट, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, भिलाई को पत्र लिखकर कहा गया कि जिला नारायणपुर तथा जिला कांकेर स्थित रावघाट परियोजना अंतर्गत लौह अयस्क का खनन कार्य एवं क्रियान्वयन आपके द्वारा किया जा रहा है। रावघाट माईनिंग परियोजना का सम्पूर्ण क्षेत्रफल 2028.797 हेक्टेयर है, जिसमें से 1203.152 हेक्टेयर अर्थात 59.30 फीसदी क्षेत्र नारायणपुर जिलान्तर्गत, तथा 825.645 हेक्टेयर 40.70 फीसदी क्षेत्र उत्तर बस्तर कांकेर जिला अंतर्गत स्थित है।वर्तमान में रावघाट परियोजना अंतर्गत केवल जिला नारायणपुर के ग्राम अंजरेल में 32.29 हेक्टेयर क्षेत्र में खनन कार्य चल रहा है, अत: उत्खनन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित जिला नारायणपुर है,परन्तु आपके द्वारा रॉयल्टी, डीएमएफ तथा अन्य समस्त कर की राशि का भुगतान नारायणपुर जिला को नहीं किया जा रहा है, अतएव रावघाट परियोजना अंतर्गत रॉयल्टी, डीएमएफ तथा अन्य समस्त कर की राशि का भुगतान नारायणपुर जिले में करना सुनिश्चित करें।
बीएसपी पूरी तरह रावघाट पर निर्भर
जिले से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर अंजरेल पहाड़ी व 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित रावघाट के पहाड़ में विशाल लौह अयस्क का भंडार है। गलत परिसीमन के चलते जिसका जिला मुख्यालय 200 किमी दूर कांकेर हैं, बीएसपी को रावघाट के माइनिंग क्षेत्र की लीज 11 नवंबर 2006 को मिली, ऐसे में बीएसपी का भविष्य पूरी तरह से अंजरेल व रावघाट पर निर्भर हैं इसके बावजूद नारायणपुर को उसका हक बीएसपी नहीं दे रही है।
डीएमएफ राशि पर नारायणपुर का हक
नारायणपुर के जनप्रतिनिधि व रावघाट के लिए संघर्ष करते आ रहे यहां के लोगों का कहना है रावघाट नारायणपुर का अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा, रावघाट अंजरेल के पहाडिय़ों की खुदाई हो रही वहां की धूल नारायणपुर जिले के गांव को लाल कर रही न कि कांकेर को। कांकेर के व्यापारियों को तो इससे फायदा ही होगा। कांकेर के लोगों को यह बात समझना होगा कि जिस तरह गढिय़ा पहाड़ पर कांकेर जिले का एकाधिकार है, उसी तरह रावघाट अंजरेल की पहाडिय़ों पर हक सिर्फ नारायणपुर का है, इसको मिलने वाली डीएमएफ राशि पर भी नारायणपुर का ही हक है,रॉयल्टी, डीएमएफ तथा अन्य समस्त कर की राशि का भुगतान नहीं होने से नारायणपुर प्रभावित क्षेत्र के कई विकास कार्य बाधित हो रहे हैं