महासमुन्द

मांगें नहीं मानी तो 16 से धान खरीदी का बहिष्कार
14-Nov-2025 4:27 PM
मांगें नहीं मानी तो 16 से धान खरीदी का बहिष्कार

चार सूत्रीय मांगों पर अडिग सहकारी समिति कर्मचारी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 14 नवंबर। छग सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ एवं समर्थन मूल्य धान खरीदी आपरेटर संघ चार सूत्रीय लंबित मांगों पर 12 नवंबर से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर हैं और छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी धान खरीदी योजना कल 15 नवंबर से प्रारंभ हो रही है। समिति के कर्मचारियों का कहना है कि 15 नवम्बर तक कैबिनेट में निर्णय नहीं लिया गया तो वे आगामी समर्थन मूल्य धान खरीदी का बहिष्कार करते हुए अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखेंगे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार दोनों संगठनों ने कलेक्टरों के हाथों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के नाम संयुक्त ज्ञापन सौंपा है। उक्त ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश की 2058 सहकारी समितियां और 2739 उपार्जन केंद्र किसानों का धान खरीदी की सेवा प्रदान कर रहे हैं। लेकिन समितियों को समय पर भुगतान नहीं मिलने से कर्मचारियों को वेतन संकट का सामना करना पड़ रहा है।

महासंघ का कहना है कि मार्कफेड द्वारा परिवहन में विलंब और धान सूखाने के दौरान हुई क्षति की राशि का भुगतान समितियों को नहीं किया जाता। जिससे समितियाँ आर्थिक रूप से कमजोर हो रही हैं। शासन की सहकार से समृद्ध् िकी मंशा तब तक पूरी नहीं हो सकती जब तक समितियों को आर्थिक रूप से सशक्त नहीं बनाया जाता। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2024 में आंदोलन के दौरान मुख्यमंत्री एवं खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे कि एक माह बाद भी यदि खरीदी केंद्र में धान शेष रहता है, तो उस पर सूखत राशि का भुगतान समितियों को किया जाए। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में वर्ष 2023.24 एवं 2024.25 की खरीदी में हुई सुखत राशि का पूर्ण भुगतान, सुरक्षा व्यय एवं कमीशन में वृद्धि, आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्त कंप्यूटर ऑपरेटरों का नियमितिकरण, प्रत्येक समिति को प्रतिवर्ष तीन लाख रुपए का प्रबंधकीय अनुदान तथा कांडे कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप भविष्य निधि, ईएसआईसी और महंगाई भत्ता जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

   सभी जिलों में रैली निकाल सौंपे थे ज्ञापन

समिति कर्मियों ने 24 अक्टूबर को सभी जिलों में रैली निकालकर ज्ञापन सौंपे थे। 28 अक्टूबर को प्रदेश स्तरीय महा हुंकार रैली आयोजित की। अब 3 से 11 नवम्बर तक संभाग स्तरीय आंदोलन की रुपरेखा तैयार कर चुके हैं। कह रहे हैं कि यदि शासन ने 15 नवंबर तक उनकी जायज मांगों पर निर्णय नहीं लिया, तो 16 नवंबर से प्रदेशभर में अनिश्चितकालीन धरना और धान खरीदी बहिष्कार प्रारंभ कर दिया जाएगा। जब तक शासन उनकी चार सूत्रीय मांगों को स्वीकार नहीं करता, तब तक वे कार्य पर नहीं लौटेंगे। यदि शासन ने इस बार भी गंभीरता नहीं दिखाई तो प्रदेश की सभी 2058 समितियों में खरीदी कार्य पूरी तरह ठप हो जाएगा।


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