महासमुन्द

छोटे झाड़ जंगल की जमीन पर दो मंजिला काम्पलेक्स की शिकायत पर जांच के आदेश
14-Nov-2025 3:35 PM
छोटे झाड़ जंगल की जमीन पर दो मंजिला काम्पलेक्स की शिकायत पर जांच के आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,14नवंबर। महासमुंद निवासी सुरिंदर चावला की शिकायत पर कमलेश चंद्राकर की रायपुर रोड स्थित काम्प्लेक्स को लेकर तहसीलदार ने जांच के आदेश दिए हैं। श्री चावला का कहना है कि 20 साल पहले महासमुंद वन मंडल के अधीन छोटे झाड़ की जमीन को कमलेश चंद्राकर ने कूटरचना कर अपने नाम किया है। इस जमीन पर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षित लिखे जाने की टीप के बाद भी कूटरचना कर दो मंजिला काम्प्लेक्स तैयार किया गया है। सुरिंदर चावला ने जमीन के कागजात की फोटो कापी उपलब्ध कराते हुए कहा है कि वर्ष 1976से 1987 तक छोटे झाड़ के जंगल को आबादी बताकर निजी काम्प्लेक्स बनाया गया है। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि इस भूमि को भविष्य के लिए शासन के उपयोग के लिए सुरच्छित रखी जाये। सुरिंदर चावला का कहना है कि यह जमीन किसी के भी नाम से हस्तांतरण नहीं हो सकती। ग्राम खरोरा जिला महासमुंद की इस शासकीय भूमि का बाजार मूल्य लगभग 5 करोड़ से अधिक है। उक्त भूमि महासमुंद से रायपुर रोड मुख्य मार्ग हाइवे रोड 353 से लगकर स्थित है। उक्त शासकीय भूमि को कूटरचना धोखाधड़ी करते हुए कमलेश चंद्राकर ग्राम खरोरा निवासी ने अपनी पत्नी वीणा चंद्राकर के सरपंच रहते हुए राजनीति प्रभाव से पटवारी तथा अन्य अधिकारियोंंंंंंंंंं से मिलीभगत कर  सबसे पहले अपने दादा फिरतू चंद्राकर के नाम भूमिस्वामी के नाम से दर्ज करवाया। 

इसके बाद अपने पिता विशाल पिता फिरतु के नाम से भूमिस्वामी दर्ज करवाया। अब वह अपने नाम कमलेश चंद्राकर पिता फिरतु के नाम से भूमिस्वामी दर्ज करवा कर शासन की आंखों में धूल धोंक रहा है।  सुरिंदर चावला के मुताबिक उक्त शासकीय भूमि का पुराना खसरा 603-2 है। बंदोबस्त 1990-91 में होने से तथा नया खसरा सभी भूमिस्वामियों को मिलने का फायदा उठाते हुए धोखाधड़ी कर नया खसरा 1584 बनवा लिया। जिसके रकबा  0.2 हैक्टेयर में दो मंजिला कॉम्लेक्स का निर्माण भी कर लिया। बहरहाल तहसीलदार के न्यायालय द्वारा इसकी जांच जारी है।  इस मामले में कमलेश चंद्रकार का कहना है कि वह उनकी पैतृक जमीन है।

जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।


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