महासमुन्द

छत का प्लास्टर गिरा, छात्र घायल, ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला
30-Oct-2025 2:40 PM
छत का प्लास्टर गिरा, छात्र घायल, ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला

ग्रामीणों ने मांग अनसुना करने का लगाया आरोप

सांसद-विधायक को सौंपा गया था आवेदन, जनदर्शन में भी लगाई थी गुहार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 30 अक्टूबर। विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जोबा कला स्थित शासकीय स्कूल भवन के छत का प्लास्टर गिरने से कक्षा में पढ़ाई कर रहा 7वीं का छात्र घायल हो गया है। घायल छात्र को तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया। इसकी जानकारी जब पालकों और ग्रामीणों को लगी तो वे तत्काल स्कूल में तालाबंदी कर शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग के विरूद्ध जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि अनेक बार ज्ञापन सौंपने के बाद भी आज तक जर्जर भवन की मरम्मत नहीं कराई गई। फलस्वरूप ऐसी घटना सामने आई है।

मिली जानकारी के अनुसार ग्राम जोबाकला में युक्तियुक्तकरण के बाद एक ही भवन में प्राथमिक व मिडिल स्कूल संचालित है। यह भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है। स्कूल भवन की मरम्मत के लिए ग्रामीण व पालकों ने विभागीय अधिकारियों सहित स्थानीय विधायक, सांसद तक आवेदन किए। लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंतत: यह जर्जर स्कूल भवन हादसे का कारण बन ही गया।

जानकारी अनुसार कल बुधवार को स्कूल में सुबह पढ़ाई के दौरान ही स्कूल की छत का प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा कक्षा 7वीं में अध्ययनरत छात्र लक्ष्मण दीवान पिता थानेश्वर दीवान के सिर पर आ गिरा। जिससे बच्चे के सिर पर चोट आई। इस घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो उठे।

घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण कामकाज बंद कर स्कूल के पास एकत्र हुए और नए भवन की मांग को लेकर स्कूल के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों ने कहा कि भवन की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी, विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, सांसद रूपकुमारी चौधरी को 2024 में ज्ञापन भी सौंपा जा चुका है, लेकिन उक्त आवेदन पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई।

कल हादसे के बाद ग्रामीण स्कूल के मुख्य गेट पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। शिक्षक घनश्याम दीवान संकुल समन्वयक भी हैं, ग्रामीणों ने उन पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने कहा कि स्कूल भवन की मरम्मत के लिए वे प्रयास नहीं कर रहे।

ग्रामीणों ने कहा कि भवन में गंभीर हादसे की आशंका बना रहता है। ग्रामीण बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं। लेकिन प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि जोबा स्कूल के बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।

मालूम हो कि आदिवासी बाहुल गांव जोबाकला के इस स्कूल में 80 प्रतिशत बच्चे आदिवासी परिवार से हैं। प्राथमिक शाला में दर्ज संख्या 67 व उच्च प्राथमिक शाला में कुल 42 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं।

 

 ग्रामीणों का आरोप है कि आदिवासी बाहुल गांव होने के कारण शासन-प्रशासन यहां के बच्चों की चिंता नहीं कर रहे हैं।

शाला विकास समिति अध्यक्ष सोमप्रकाश नायक ने बताया कि समिति, ग्रामीण एवं पालकों द्वारा इस संबंध में कई बार आवेदन दिया जा चुका है। लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक संज्ञान नहीं लिए जाने के कारण अब ग्रामीण स्कूल में तालाबंदी कर रहे हैं।

जनपद सभापति सुषमा राकेश टंडन ने स्कूल पहुंचकर पालकों एवं ग्रामीणों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा गुणवत्ता सुधार हेतु युक्तियुक्तकरण योजना लाया गया। आदिवासी बाहुल गांवों में यह दशा देखने को मिल रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शासन के शिक्षा गुणवत्ता का क्या हाल है।

ग्रामीणों ने कहा कि जब तक बच्चों के लिए अध्ययन कक्ष की सुरक्षित व्यवस्था नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। सरपंच ने कहा कि शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रही है। तालाबंदी के बाद विखं शिक्षा अधिकारी को समन्वयक द्वारा बागबाहरा लाने के लिए जाना पड़ा। समन्वयक द्वारा बुलाकर लाने पर वे गांव पहुंचे और शिक्षक की तत्काल व्यवस्था, सामुदायिक भवन, अतिरिक्त कक्ष व पंचायत भवन में शाखा लगाने की सहमति दी। साथ ही 2 माह के भीतर भवन मरम्मत करने का आश्वासन दिया।


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